चूंकि लोकतंत्र है बोलने की स्वाधीनता सब को है तो क्यों न लोकतंत्र के इस नए लोकतंत्र का फार्मूलेशन ठीक टिकटोक की तरह अपडेट क्यों न हो ।तो भैय्या जब बात हो नए टिकटोक से लोकतंत्र की तो भैय्या कनपुरिया बकैत की खुजली चालू हो जाती है।चूंकि इस बार का टिकटोक सा लोकतंत्र बहुत प्रसिद्ध हो गया इस बार ।आजकल घरन में सासबहू के नाटकन की जगह बस चुनाव की चर्चा करती रहती है बस ।जो घर की लेडीजे एक मिनट को सास बहू को सीरियल को चैनल नही हटाती बेउ आज लोकतंत्र के नए टिकटोक के रेनुबल के पुराने कलाकर को नयो रुख देख रही थी। हां भैया बे ही जिन्हें लोगन ने चौकेदार तो चोर के नाम से प्रसिद्ध करो तो। भैया कछु होए घर की लेडीज के सीरियल छुड़वायदे,आज के लड़कन को राजनीति के बारे चर्चा करवो सिखाय देओ।चाहे उनकी हालत टिकटोक के प्लॉप कलाकर तरह होए लेकिन व्हाट्सअप फ़ेसबुक यूनिवर्सिटी से ,पीचडी,करवे के बाद ससुरे अपने आप को सबसे बडा ज्ञाता समझना लगे है।चुकी टिकटोक के नए फीचर जैसा ई लोकतंत्र भी लोगन में अपनी छाप छोड़ रहो है आगे देखो।
जाको जो पुराने हीरो है उनको नव अवतार जरूर लोगो को भौचक्कों कर रो है।
वैसे टिकटोक जैसे लोकतंत्र के नए हीरो को आने बाले समय में कित्ते लव बिट्स फ्लाइंग और कॅश मिलाए जो तो भक्त ही बताये वैसे फ्रेंड फोल्लोविंग मैं कमी नही है इन प्रधान सेवक की।
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