जपा के प्रत्याशी और बॉलीवुड स्टार सनी देयाेल लोकसभा चुनाव की मतगणना में बड़ी बढ़त से बेहद उत्साहित हैं। सनी देयोल के कहा कि बहुत खुश हूं। जनता ने ढाई किलो के हाथ को और भारी कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हक में रूझान आने से खुश हूं। सनी देयोल को बढ़त के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ले जश्न मनाना शुरू कर दिया।
गुरदासपुर लोकसभा क्षेत्र में सनी का ढाई किलो का हाथ कांग्रेस पर भारी पड़ा है। इस सीट से जीत दर्ज कर बॉलीवुड स्टार सनी देयोल ने अपने सियासी कैरियर की विजयी शुरूआत करेंगे। भाजपा प्रत्याशी सनी ने कांग्रेस के दिग्गज नेता सुनील जाखड़ को बहुत पीछे छोड दिया है। सुनील जाखड़ पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और पिछले साल हुए इस सीट के लिए हुए उपचुनाव में जाखड़ भारी मतों से विजयी हुए थे, लेकिन सनी देयाेल की फिल्मी चमक में वह फीेके पड़ते दिख रहे हैं।
सनी देयोल की इस जीत से भाजपा ने अपने गढ़ पर फिर कब्जा कर लिया है। इसके साथ ही सनी ने मरहूम विनोद खन्ना की गुरदासपुर की विरासत को संभाल लिया है। सनी ने लोकसभा चुनाव के समय ही भाजपा में शामिल हुए थे और पार्टी ने उनको गुरदासपुर से प्रत्याशी बनाया था। अपनी बौर्डर और गदर जैसी फिल्मों के जरिये लोगों खासकर युवाओं में लोकप्रिय सनी देयोल राजनीति में एकदम नए खिलाड़ी हैं।
गुरदासपुर में चुनाव के दौरान सनी देयोल के पिता धर्मेंद्र भी प्रचार के लिए पहुंचे थे। चुनाव प्रचार में सनी देयाेल ने साफ कहा कि मुझे राजनीति नहीं आती, लेकिन लोगों का दुख दर्द पता है। उसे दूर करूंगा। माना जाता है सनी के स्टारडम और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हवा के संग यह बात भी लोगों पर असर कर गई।
दूसरी ओर, पंजाब के सबसे हाॅट सीट माने जाने वाले गुरदासपुर में सुनील जाखड़ के पीछे रहने से कांग्रेस को राज्य में बड़ा धक्का लगा है। जाखड़ सनी देयोल के स्टारडम को तोड़ नहीं पाए। कांग्रेस के लिए यह इसलिए भी परेशानी वाली है कि गुरदासपुर लोक सभा सीट के तहत आते नौ विधानसभा क्षेत्रों में से कांग्रेस का सात पर 7 कब्जा है। इनमें से तीन कैबिनेट मंत्री हैं। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रधान व राज्य सभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा का भी यह गृह नगर है। विनोद खन्ना का स्वर्गवास होने के बाद 2017 में हुए उप चुनाव में सुनील जाखड़ ने 1.93 लाख वोटों से जीत कर भाजपा से यह सीट छीनी थी।
गुरदासपुर सीट से सनी देयोल के चुनाव मैदान में आने के साथ ही यह सीट पूरे देश में सर्वाधिक चर्चा का केंद्र बन गई थी। कांग्रेस के सामने इस सीट पर दो सबसे महत्वपूर्ण चुनौतियां थी। एक दो भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रवाद के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही थी। जबकि फिल्मों में सनी देयोल की छवि भी बहादुर व राष्ट्रवादी की है। अंतः तक कांग्रेस सनी देयोल की इस छवि को तोड़ नहीं पाई। शर्मीले स्वभाव के सनी देयोल ने पूरे चुनाव में न सिर्फ अपनी बात को रखा साथ ही उन्होंने जाखड़ पर कोई भी व्यक्तिगत हमला नहीं की। कमोवेश जाखड़ ने भी पूरे चुनाव के दौरान सनी देयोल पर कोई सीधा हमला नहीं किया।
सनी देयोल की जीत इस लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 1998 में भाजपा ने जो प्रयोग किया था, वहीं प्रयोग 2019 में भी दोहराया और जिसमें पार्टी की सफलता मिली। 1998 में भाजपा ने कांग्रेस की कद्दावर नेता सुखवंश कौर भिंडर के खिलाफ फिल्म स्टार विनोद खन्ना को चुनाव मैदान में उतारा था। विनोद खन्ना महज 6,823 वोटों से इस सीट को जीतने में कामयाब रहे थे। जिसके बाद विनोद खन्ना चार बार गुरदासपुर से जीत कर सांसद बने। विनोद खन्ना की इसी विरासत को अब सनी देयोल ने संभाल ली है।
पूर्व स्पीकर स्वर्गीय बलराम जाखड़ के पुत्र सुनील जाखड़ अपने राजनीतिक करियर का तीसरा लोक सभा चुनाव हारे हैं। इससे पहले वह 1996 में फिरोजपुर से चुनाव लड़े थे और बहुजन समाज पार्टी के मोहन सिंह फलियांवाला से हार गए थे। 2014 में जब पूरे देश में मोदी की लहर चल रही थी तब राहुल गांधी ने पंजाब में सभी कद्दावर नेता को चुनाव मैदान में उतार दिया था। विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष रहने वाले जाखड़ फिरोजपुर से शेर सिंह घुबाया से चुनाव हार गए थे।
2017 के विधान सभा चुनाव में जब पंजाब में कांग्रेस की लहर थी और कांग्रेस 117 सीटों में से 77 सीटों पर जीती, इसके बावजूद जाखड़ अबोहर से चुनाव हार गए। हालांकि बाद में विनोद खन्ना के निधन के बाद गुरदासपुर के उपचुनाव में जाखड़ ने भारी मतों से जीत हासिल की थी।
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