नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहे विरोध ' प्रदर्शनों में पुलिस और सुरक्षावलों की भमिका पर कई गहरे सवाल उठे हैं। दिल्ली के जामिया मिल्लिया में विशेष रूप से दिल्ली पुलिस के खिलाफ जरूरत से ज्यादा वल इस्तेमाल करने और सख्ती से पेश आने के आरोप & विश्वविद्यालय में जानिया से लगेअलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जामिया से भी पहले विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। वहां से भी पुलिस के लाठीचार्ज करने और आंसू गैस का प्रयोग करने की खबरें आई थीं। वताया जा रहा है कि वहां पुलिस कार्रवाई में कम से कम 60 लोग घायल हुए । पूर्वोत्तर के राज्यों में भी प्रदर्शनों को खत्म करने के लिए पुलिस की ओर से अत्यधिक वल-प्रयोग किया गया। वताया जाता है कि वहां पुलिस ने मामले में आरोपी मोहम्मद की पुष्टि सलमान और सैफुर्रहमान को लखनऊ सवाल पुलिस गोलियां भी चलाईं। दिल्ली के ही लोगों को हिरासत में भी लिया, पर सफदरजंग अस्पताल के उनमें से एक भी छात्र नहीं अधिकारियों ने कहा कि जामिया निकला इस से सवाल यह उठ में पुलिस की कार्रवाई में घायल रहा है कि अगर कोई भी छात्र हुए जिन छात्रों को लाया गया, हिंसा में शामिल नहीं था, तो उनमें से दो के शरीर पर गोली पुलिस आखिरकार विश्वविद्यालय लगने के घाव हैं। दिल्ली पुलिस ने के परिसर में क्यों घुसी? वहां इससे पहले गोली चलाने के आंसू गैस के गोले क्यों चलाए आरोपों से साफ इंकार कर दिया और लाइब्रेरी और शौचालय जैसी था। उधर दिल्ली पुलिस ने 10 जगहों पर छात्रों को घेर कर क्यों पुलिस आग के माउन जामिया पहीला-फुलपतिक मारा? जामिया की उप-कुलपति कहना है कि इलाके के स्थानीय नजमा अख्तर पहले ही पुलिस की निवासी विरोध में शामिल हो गए कार्रवाई पर सवाल उठा चुकी हैं। थे और हिंसा उन्होंने ही की तो उन्होंने एक उच्च स्तरीय जांच की फिर पुलिस ने छात्रों को क्यों मांग की है। उन्होंने साफ कहा कि निशाना बनाया? विरोध के पहले पुलिस ने परिसर में घुसने के लिए दिन भी प्रदर्शन को खत्म करने के जामिया प्रशासन से इजाजत नहीं लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया था ली थी। रविवार को हुई हिंसा से जिसमें कई छात्र घायल हो गए थे। जामिया के छात्रों ने खुद को तो क्या अव पुलिस वदले की अलग कर लिया था। उनका भावना से काम कर रही है? या कहना था कि वे विरोध तो कर रहे उसे कहीं से ये आदेश है कि हैं लेकिन उनका विरोध विरोध करने वालों को कडी सवक अहिंसात्मक है। विश्वविद्यालय का सिखाई जाए?
जीत कर भी कट्टर भाजपाइयों के घर मे निपट गयी भाजपा।एकमात्र मंडल अध्यक्ष योगेश भार्गव ने रखी थोड़ी लाज।
लोकेन्द्र सिंह वैदिक लोकल न्यूज़ ऑफ इंडिया आनी:- मंडी संसदीय क्षेत्र से कँगना राणौत लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह को हराकर संसद में पहुँच चुकी है।मंडी संसदीय क्षेत्र से आनी के विधायक लोकेन्द्र कुमार को छोड़कर सभी भाजपा के विधायक अपनी अपनी विधानसभा से कँगना राणौत को बढ़त दिलवाने में कामयाब रहे।अगर आनी विधानसभा की बात करें तो विक्रमादित्य सिंह को 8328 मतों की बढ़त मिली है।यहां तक कि विधायक लोकेंद्र कुमार की अपने बूथ पर भाजपा की दुर्गति है।विधायक के अपने बूथ आनी-2 पर कांग्रेस को बढ़त है।जहाँ पर कँगना राणौत को 186 मत व विक्रमादित्य सिंह को 298 मत मिले हैं।जहां से कांग्रेस को 112 मतों की बढ़त मिली है।अगर विधायक की पत्नी सुषमा देवी की बात करें जो खनी बटाला से पंचायत समिति सदस्या है।यहां पर भी सभी बूथों पर भाजपा के खस्ताहाल है।इनके अपने बूथ खुन्न में कँगना राणौत को 299 मत मिले जबकि विक्रमादित्य को 491 मत पड़े।इस बूथ से कांग्रेस को 192 मतों की बढ़त है।अब बात करते हैं पंचायतीराज प्रकोष्ठ हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष व लोक सभा चुनाव प्रभारी अमर ठाकुर की को जो पूर्व में ए पी एम सी कुल्लु...
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