निर्भया केस: हाईकोर्ट ने कहा नही होगी अलग-अलग फांसी, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती
निर्भया गैंगरेप केस के 4 दोषियों को अलग-अलग फांसी नहीं दी जाएगी. दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार की अर्जी पर यह फैसला सुनाया है.
- दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र की अर्जी पर सुनाया फैसला
- निर्भया के दोषियों को अलग-अलग फांसी देने पर दायर हुई थी यचिका
- केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले को अब सुप्रीम कोर्ट में दी है चुनौती
निर्भया गैंगरेप मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार की अर्जी पर फैसला सुनाते हुए कहा कि चारों दोषियों को अलग-अलग फांसी नहीं हो सकती. वहीं अब इस मामले में केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी है.
दरअसल, आज दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि निर्भया के चारों दोषियों को अलग-अलग समय पर फांसी नहीं दी जा सकती. केंद्र सरकार ने अपनी याचिका में कहा था कि जिन दोषियों की याचिका किसी भी फोरम में लंबित नहीं है, उन्हें फांसी पर लटकाया जाए. एक दोषी की याचिका लंबित होने से दूसरे दोषियों को राहत नहीं दी जा सकती.
निर्भया मामले पर रविवार को ही दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था लेकिन फैसला सुनाने की तारीख बुधवार को तय हुई थी. केंद्र सरकार की दलील है कि कानूनों का दुरुपयोग कर निर्भया के दोषी हर बार सजा से बच जा रहे हैं. दोषी न्यायिक प्रणाली का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं.
जज ने क्या कहा?
दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने सुनवाई के दौरन प्रिजन रूप पढ़ा. जज ने दोनों पक्ष की ओर से पेश की गई दलीलों का भी जिक्र किया. जज ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि जो भी निर्भया के दोषियों ने किया वह बेहद अमानवीय था
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