प्रस्तावित बिजली (संशोधन) विधेयक 2020 की अधिसूचना के खिलाफ 01 जून 2020 को राष्ट्रव्यापी एवम प्रदेशव्यापी विरोध दिवस
प्रस्तावित बिजली (संशोधन) विधेयक 2020 की अधिसूचना के खिलाफ 01 जून 2020 को राष्ट्रव्यापी एवम प्रदेशव्यापी विरोध दिवस
राकेश कुमार सिंह
लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया
ओबरा, सोनभद्र। NCCOEEE (नेशनल को-ऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रीसिटी एम्प्लाइज एंड इंजीनियर्स) के आह्वान पर केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित *बिजली (संशोधन) विधेयक-2020 और निजीकरण* के विरोध में देश के 15 लाख बिजली कर्मियों के साथ उप्र के बिजली कर्मचारी (कोविड-19 से बचाव हेतु आवश्यक सोशल डिस्टेनसिंग के नियमों का पालन सुनिश्चित करते हुए)01 जून को विरोध/काला दिवस मनाएंगे।
इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने के लिए 'आल इंडिया फेडरेशन ऑफ पॉवर डिप्लोमा इंजीनियर्स(AIFOPDE)' एवं 'विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उ०प्र०' द्वारा देश एवम प्रदेश के विभिन्न भागों में 01 जून 2020 को राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस मनाया जाएगा। बिजली के निजीकरण के लिए लाए गए इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 के विरोध में देशभर के 15 लाख बिजली कर्मियों के साथ उत्तर प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर और अभियंता 01 जून को काला दिवस मनाएंगे। उपरोक्त संगठनो द्वारा अपने अपने स्तर पर हुई केंद्रीय एवम शाखा के सभाओं में कोविड-19 महामारी के दौरान केंद्र सरकार द्वारा बिजली का निजीकरण करने हेतु इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 का मसौदा जारी करने का पुरजोर विरोध किया गया ।
इस कार्यक्रम के तहत देश के 15 लाख बिजली कर्मियों के साथ उत्तर प्रदेश के भी तमाम बिजली कर्मी आगामी 01 जून को काला दिवस मनाएंगे जिसके अंतर्गत ..... जनपद / परियोजना के
बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर और इंजीनियर अपने कार्य पर रहते हुए पूरे दिन दाहिने बाजू पर काली पट्टी बांधकर निजीकरण हेतु लाए गए बिल का पुरजोर करेंगे और अपराह्न 3:00 बजे से सायं 5:00 बजे के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखते हुए विरोध प्रदर्शन करेंगे।
AIFOPDE के संरक्षक इ० एस०बी०सिंह ने बताया कि बिजली क्षेत्र को बचाने के लिए हर हाल में लड़ना ही होगा क्योंकि बिजली जनसेवा के साथ साथ राष्ट्रीय सेवा का भी कार्य है, इसको किसी भी हाल में निजी हाथों में सौंपने के कुचक्र को सफल नहीं होने दिया जा सकता।
AIFOPDE के राष्ट्रीय प्रचार सचिव इ० वरिंदर शर्मा ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए हम पूरी तरह कटिबद्ध है और जब तक जिंदा रहेंगे अपने अंतिम सांस तक लड़ेंगे। उन्होंने राष्ट्र के तमाम बिजली संगठनों से इस लड़ाई में एकजुट होने की बात कही।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उ०प्र० द्वारा संघर्ष के कार्यक्रमों के क्रम में यह भी निर्णय लिया गया कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 और निजीकरण से उपभोक्ताओं खासकर किसानों और 300 यूनिट तक बिजली का उपभोग करने वाले गरीब उपभोक्ताओं को बिल के प्रतिगामी परिणामों से अवगत कराने हेतु व्यापक अभियान चलाया जाएगा |
समिति ने बताया कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट ) बिल 2020 के पारित हो जाने के बाद किसानों और गरीब उपभोक्ताओं को बिजली की दरों में मिल रही सब्सिडी समाप्त हो जाएगी | बिल के प्राविधानों के अनुसार किसी भी उपभोक्ता को लागत से कम मूल्य पर बिजली नहीं दी जाएगी | वर्तमान में बिजली की लागत रु 06.78 प्रति यूनिट है और निजीकरण के बाद कंपनी एक्ट के अनुसार निजी कंपनी को न्यूनतम 16 % मुनाफा भी दिया जाए तो रु 08 प्रति यूनिट से कम में बिजली किसी को भी नहीं मिलेगी | इस प्रकार किसानों को लगभग 6000 रु प्रति माह और घरेलू उपभोक्ताओं को 8000 से 10000 रु प्रति माह तक बिजली का बिल देना होगा | इस प्रकार इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट ) बिल 2020 और निजीकरण जनविरोधी और कर्मचारी विरोधी प्रतिगामी कदम है जिसका पुरजोर विरोध किया जाएगा |
राज्य विद्युत परिषद जू०इ०संगठन, उ०प्र० के केंद्रीय महासचिव इ० जयप्रकाश ने संगठन के सदस्यों से इस लड़ाई में शत प्रतिशत देने की अपील की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित संशोधन बिल एवम निजीकरण देश एवम देश के आम जनमानस के हित में नहीं है। राज्य विद्युत परिषद जू०इ०संगठन उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में जू०इ०संगठन अपने अंतिम दम तक लड़ेगा।
राज्य विद्युत परिषद जू०इ०संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष इ०जी०बी०पटेल ने कहा कि बिजली कानून में प्रस्तावित संशोधन लोकतंत्र में जनविरोधी एवम लोकहित में एक काला अध्याय होगा जिसके विरोध में देश भर के किसानों, मजदूरों, बिजली कामगारों एवम आमजनता को एकजुट होकर कड़ा प्रतिकार करने की जरूरत है।
इस क्रम में संयुक्त संघर्ष समिति की ओबरा शाखा पर बैठक के दौरान समिति के संयोजक इ०अदालत वर्मा, राज्य विद्युत परिषद जू०इ०संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष (उत्पादन निगम) इ०आर०जी०सिंह, भारतीय मजदूर संगठन के प्रांतीय महामंत्री शशिकांत कुशवाहा, जू०इ०संगठन, ओबरा के अध्यक्ष इ०अभय प्रताप सिंह, उ०प्र०बिजली कर्मचारी संघ के शाखा अध्यक्ष इ०पशुपतिनाथ विश्वकर्मा, आई०टी०आई० यूनियन के महामंत्री दिनेश कुमार यादव, हरदेव नारायण तिवारी, बी०डी०विश्वकर्मा, इ०आशुतोष मिश्रा, इ०ओ०पी०पाल, योगेंद्र दुबे, अंबुज सिंह, सत्य प्रकाश, शाहिद अख़्तर, योगेश सिंह आदि उपस्तिथ रहे।
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