सहाय बहुत बदमाश आदमी है इसने बहुत गड़बड़ किया है : हरी राम चेरो , विधायक दुद्धी
- दस हजार वाले घूस ऑडियो से ज्यादा बड़ा झोल है श्रुति देव तिवारी जैसे गुरूजी का घर बैठ सैलरी उठाने का खेल और उस पर खंड शिक्षा अधिकारी सहाय साहब का अवकाश वाला हेरफेर
विजय शुक्ल
लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया
सोनभद्र/दिल्ली। जैसा आप सब जानते है इस समय खंड शिक्षा अधिकारी म्योरपुर चर्चा में हैं कई कारणों से। चाहे वो दस हज़ार घूस मांगने का ऑडियो काण्ड हो जिस पर जांच बैठी है और सीओ दुद्धी इसकी तत्परता से जांच भी कर रहे है उम्मीद हैं वो जल्द दूध का दूध और पानी का पानी कर देंगे बिना किसी लाग लपेट के अपनी निष्पक्षता के साथ जैसा उनका अब तक का व्यवहार है और जिलाधिकारी साहब की अपनी पारदर्शिता की शैली भी। या फिर घर बैठकर सैलरी उठाने वालो से मिल रही मोटी कमाई का खेल।
आप सबको पता है कि एक अध्यापक जो कि महमड प्राथमिक विद्यालय से धरतीडाँड़ प्राथमिक विद्यालय में सलंग्न किये जाते है इन्ही खंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा और आठ माह तक ना जाने किसके पल्लू में छुपे बैठे होते है कि इनको किसी भी बात का डर नहीं रहता जिम्मेदारी की बात तो ना ही करिये उसका शिक्षा विभाग में इस खंड शिक्षा अधिकारी के रहते तो शायद ही पाई जाय . जैसा अंदेशा है कि इस समय कई गुरूजी लोग पांच दस हजार की माहवारी बाँध कर मौज ले रहे होंगे और इसकी मलाई का स्वाद इतना चोखा है कि अगर इसको साहब लोग न खाये तो पछताए, खाकर तो इनका कौन क्या उखाड़ लेगा। जब यह सबको अपनी जेब में रखते है। जांच और निर्देश की जो नौटंकी चल रही है उसका पूरा खेल यह खंड शिक्षा अधिकारी अपनी कुर्सी पर बैठकर खेल रहा है और आराम से लापता गुरूजी लोगो का रजिस्टर सही कर रहा है और शायद जिले में बैठे साहब लोग भी यही चाहते है। ऐसा मैं नहीं कह रहा और ना मानहानि का मुकदमा लड़ने की हमारी औकात है क्योकि हजार किलोमीटर दूर बैठा मैं भला कैसे जानूगा की डायरेक्शन कैसा है और अवकाश की योजना के पीछे ट्रेनिंग का खेल कब हुआ ? बस यह जानता हूँ की दीमक की तरह यह खोखला कर रहे है आपके नौनिहालों के शिक्षा मंदिरो को। यह ठीक बिच्छू के बच्चो की तरह है जो अपनी माँ को ही तब तक खाते है जब तक वह दम नहीं तोड़ देती और सोनभद्र में तो कायाकल्प का दौर है ही, यहां तो गुरूजी लोग घर बैठकर वेतन लेकर कायाकल्प की योजना को ऑफ द रिकॉर्ड रहते हुए अवकाश की खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा प्रदत्त विभागीय ऑन रिकॉर्ड दुरुस्त करवा चला गरीब आदिवासी बच्चो का हक़ मार रहे है वैसे जैसे खनन माफियाओं ने आदिवासियों की ह्त्या कर दी और नामजद प्रथिमिकी दर्ज होने के बावजूद भी मजाल है कि वो गिरफ्तार कर लिए जाय . अब चाहे यह खनन माफिया हो या ओबरा के नगर पंचायत अध्यक्षा पति सब पर भारी है धन पति कुबेर।
विधायक हरी राम चेरो जैसे प्रतिनिधि लाख शिकायत करे इन घोटालो की पर उनकी सुनता कौन हैं ? आदिवासी बस गलती करने की सोच ले तो वो जेल में और वही यह माफिया लोग सौ हत्या भी कर दे तो मौज करेंगे और इनकी आवाज अगर विधायक उठाये भी तो एक्शन तो दूर, सत्ता दल की सहयोगी पार्टी के विधायक होने का भी ख्याल जिले के अधिकारी नहीं रखना चाहते। विधायक ने जिस साफ़गोई से खंड शिक्षा अधिकारी को विभाग की छवि और उसकी गरिमा को खराब करने वाला बताया यह शायद ही कोई कहने की हिम्मत रखता हो। उन्होंने बताया कि महाचोर टाइप का बदमाश है यह अधिकारी, पांच दस हजार के मामले में फंसा हुआ अधिकारी क्या ठीक करेगा विभाग को। पर इस पर कोई एक्शन होगा यह पक्का नहीं है क्योकि कमीशन का ज़माना है और अब सपा बसपा से दस प्रतिशत ज्यादा है यह कमीशन। विधायक का यह कहना कि आदिवासी लोगो का उत्पीड़न हर विभाग कर रहा है और जनता ने उनको अपेक्षा करके जिताया है पर खुद विधायक की अपेक्षा सुनने वाला कोई नहीं है।
यह गंभीर स्तिथि है कि जिस अधिकारी की जांच चल रही हो और जिसको जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने आठ माह से लापता गुरूजी के बारे में जानकारी देने का निर्देश दिया हो उसको उसी पद पर रह कर मामला निपटाने की यह छूट भला क्यों दी गयी है यह समझ से परे है।
अब देखना यह है कि म्योरपुर के लोग , सजग पत्रकार और साथी शिक्षक क्या अपनी पीढ़ियो को घूसखोरी और छुट्टियां कैसे मनाये इसका पाठ पढ़ाएंगे और मुझ जैसे लिखने वालो को ब्लैकमेलर साबित करने का माहौल बनायेगे या इन सबको लात मारकर बाहर भगायेगे। कम से कम हरीराम चेरो जी ने अपनी बात साफ़ सुथरे तरीके से रखते हुए इस लूट पर अपना दर्द जाहिर करके यह तो बता दिया कि वो अपनों की कितनी चिंता करते है।
क्या आपको अपनों की चिंता है अगर हाँ तो जांच सही मुद्दे पर और सही खेल की भी हो जिसकी मलाई ज्यादा तगड़ी है ऑडियो वाले दस हजार से।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें