भाजपा पंजाब में सफाई अभियान की जरूरत, संगठन के पदाधिकारियों में बदलाव ही बचाव और बढ़त का सहारा
- पार्टी को गुमराह कर रहे थे मध्यप्रदेश से आये मलविंदर सिंह कंग जैसे पदाधिकारी
- पार्टी के लिए बड़ी मुसीबत हो सकते हैं मौजूदा पदाधिकारी , भाजपा को आजाद होने के लिए जरूरी हैं संगठन में बदलाव करना
मालवा के प्रदेश के एक और बड़े भाजपा पदाधिकारी जो हरसिमरत कौर बादल के बेहद ख़ास बताये जाते हैं भाजपा से जल्द कर सकते हैं किनारा
विजय शुक्ल
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
दिल्ली। किसान बिल ने मानो पंजाब और हरियाणा में राजनीतिक भूचाल ला दिया हो। हरियाणा में तो चेयरमैन के पद की लालसा में जजपा साथ बनी रही और शायद उसकी राजनीतिक मजबूरी भी इसके पीछे का एक बड़ा कारण हो और सरकार में भाजपा का होना भी भाजपा के लिए एक आसान राह वाला रहा हरियाणा प्रदेश में मजबूती बनाये रखने के लिए हालांकि यहाँ भी भाजपा से लोगो का पलायन जारी हैं । पर पंजाब की बात करे तो अकाली दल का भाजपा से अलग होने का दांव मानो भाजपा के अब तक के संगठन की अग्नि परीक्षा साबित हो रही हैं। क्योकि पूर्व भाजपा अध्यक्ष कमल शर्मा पर कैसा राजनीतिक दबाव अकाली दल ने बनाया था यह राजनीतिक गलियारे में सबको पता हैं खासकर अकाली और भाजपा के लोगो को और शायद यह एक बड़ी वजह रही होगी उनके हृदयाघात की क्योकि सूत्रों की माने तो उनके सहयोगी का नाम ड्रग्स मामले में आने के बाद उन पर राजनीतिक दबाव का बेजा इस्तेमाल किया जा रहा था ।
जैसा मैंने एक खबर में लिखा था कि भाजपा के पदाधिकारी ही भाजपा को दीमक की तरह खोखला कर रहे हैं और यह आज नहीं लगभग चार पांच महीने पहले ही लिख दिया था मध्यप्रदेश से पंजाब में खालिस्तानी विचारधारा की लकीर खींचने वाले उस समय के पंजाब भाजपा महासचिव मलविंदर सिंह कंग के जरिये। जिन पर वर्तमान अश्विनी शर्मा का निहायत ख़ास होने का टैग आज भी चर्चा में हैं। और किसान बिल के बाद उनकी चुप्पी और बिगड़ैल बोल के आधार पर लोकल न्यूज ऑफ इंडिया ने पहले ही बता दिया था कि पहले अपने सभी करीबियों को बारी बारी से उन्होंने अकाली दल में शामिल करवाया और बाद में खुद पार्टी से इस्तीफ़ा दे कर भाजपा के शीर्ष नेताओ की बुराई शुरू कर दी।
जिस तरह से राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुग के खिलाफ़ मलविंदर सिंह कंग ने मोर्चा खोला उससे यह बात साफ़ हैं कि आने वाले वक़्त में वो पंजाब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के ख़ास होने के कारण उनका इस्तेमाल अकाली दल में अपनी राजनीतिक साख बनाने के लिए कर सकते हैं और उनके कई राज पर्दाफ़ाश भी कर सकते हैं जो भाजपा के लिए ज्यादा खतरनाक स्तिथि पैदा करने वाला होगा।
अगर प्रदेश के एक पदाधिकारी की माने जिन्होंने नाम न लिखने की शर्त पर लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया को बताया कि पार्टी को अब पंजाब भाजपा संगठन में सफाई अभियान चलाने की जरूरत हैं और योग्य कार्यकर्ता को पदाधिकारी बनाकर भाजपा को बढ़त दिलाने का लक्ष्य देने का सही समय भी यही हैं। पार्टी ने पहले ही इन मध्यप्रदेश के खालिस्तानियों को जगह देकर पंजाब का सुख चैन लूटने की कोशिश की। पार्टी को इन लोगो को इतना बड़ा पद देने से पहले सोचने का कोई वक़्त इसलिए नहीं था कि अकाली दल का साथ होने का सब फायदा उठाते थे और जिस तरह से मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि भाजपा की पंजाब टीम में कोई दम नहीं है। इस बात में पूरा दम हैं। और यह शायद केंद्रीय नेताओ को पंजाब में बदलाव करने का इशारा भी हैं वरना भाजपा अकाली की कैद में फिर से आ जाएगी और अकाली या विपक्षी इस मलविंदर सिंह कंग जैसे गद्दार भगोड़े लोगो का इस्तेमाल भाजपा के अध्यक्ष को फ़साने में और पार्टी को बदनाम करने में कर सकते हैं।
अब सोचने वाली बात यह हैं कि क्या यह पदाधिकारी जो देख रहा हैं क्या वो तरुण चुग और प्रभात झा जैसे बड़े नेतृत्व के लोग नहीं देख रहे हैं ? और क्या राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा साहब इसका खुद संज्ञान लेकर पूरे संगठन में बदलाव करेंगे और मोदी और अमित शाह के स्वच्छता अभियान का प्रयोग पंजाब में अंदर छुपे भितरघाती भाजपा पदाधिकारियों को तड़ीपार करेंगे। वैसे एक बड़ी खबर यह भी आ रही हैं कि मालवा से भाजपा के प्रदेश के एक बड़े पदाधिकारी जिनको हरसिमरत कौर बादल जी का बेहद ख़ास बताया जाता हैं भाजपा से किनारा कर सकते हैं और यह भाजपा के लिए बहुत बड़ा झटका लगेगा।
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