जन प्रतिनिधियों की नाकामी के चलते बल्क ड्रग पार्क निकला हाथ से,पूर्व विधायक ने नालागढ़ की प्रोपोजल न भेजने पर जताई हैरानी
जन प्रतिनिधियों की नाकामी के चलते बल्क ड्रग पार्क निकला हाथ से,पूर्व विधायक ने नालागढ़ की प्रोपोजल न भेजने पर जताई हैरानी
विवेक अग्रवाल
लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया
ऊना। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं दून के पूर्व विधायक चौधरी राम कुमार ने कहा कि नालागढ़ में बल्क ड्रग पार्क न बनना यहां के जन प्रतिनिधियों की नाकामी रही है। उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई एशिया का सबसे बड़ा फार्मा हब बद्दी होने यहां पर जमीन उपलब्ध होने के बाद भी प्रस्ताव नहीं भेजा गया। बल्क ड्रग पार्क न बनने से यहां पर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप में हजारों लोगों का रोजगार छिन गया है।
मीडिया से बातचीत में दून के विधायक ने कहा कि फार्मा कंपनियों में कच्चे माल के लिए चीन की निर्भरता खत्म करने के लिए देश में तीन बल्क ड्रक पार्क खुल रहे है। नालागढ़ के दभोटा में भी 15 सौ एकड़ जमीन उद्योग विभाग के नाम हुई। इसके साथ यहां पर रेलेवे व हवाई सुविधा भी ऊना की अपेक्षा ज्यादा नजदीक है। बिजली की यहां पर कोई समस्या नहीं है। बद्दी में 5सौ फार्मा उद्योग है जिनको नालागढ़ में बल्क ड्रग पार्क खुलने से सबसे ज्यादा फायदा होना था। यहां पर फार्मा कंपनी में कच्चे माल की सबसे ज्यादा खपत है। यही नहीं सोलन के साथ लगते सिरमौर व शिमला के युवाओं को रोजगार मिलता। लेकिन यह यहां के जन प्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते ऐसा नहीं हो पाया।
उन्होंने कहा कि दून के नौसिखिया विधायक की दूरदर्शिता के अभाव के चलते यहां से कई प्रोजेक्ट आए और चले गए, लेकिन विधायक उन्हें संभालने में असफल रहा। इससे पहले यहां पर नगर निमग बनना का प्रस्ताव आया लेकिन वह भी इसी तरह वापस चला गया। अगर नालागढ़ के पूर्व विधायक केएल ठाकुर व दून के विधायक परमजीत सिंह पम्मी सरकार पर दबाव बनाते तो बल्क ड्रग पार्क नालागढ़ में खुल सकता था।
चौधरी राम कुमार ने कहा बद्दी व नालागढ़ में औद्योगिक क्षेत्र को बेलेंस करने के लिए पूर्व कांग्रेस सरकार ने यहां पर बल्क ड्रग पार्क खोलने की प्रस्ताव रखा था। जिस पर केंद्रीय मंत्री ने यहाँ पर दौरा भी किया था। बीबीएन में युवा बेरोजगार घूम रहे है और नशे के आदि हो रहे है। अगर यहां पर बल्क ड्रग पार्क खुलता तो यहां पर छोटे छोटे यूनिट लगते और युवाओं में उसमें प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर मिलते लेकिन यहां पर राजनेताओं की कार्यक्षमता की कमी व नाकामी के चलते यह नालागढ़ का प्रोपोजल ही केंद्र को नहीं भेजा गया। जिससे पार्क खुलने की सारी उम्मीदे धरी रह गई।
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