संस्कृति मेडिमिक्स स्टार्टअप कंपनी देगी उत्तर भारत को स्वास्थवर्धक उत्पाद
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट बच्चू सिंह
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
मथुरा। केरल के विश्वप्रसिद्ध शांतिगिरी आश्रम के साथ मिलकर संस्कृति विश्वविद्यालय की स्टार्टअप कंपनी, ‘संस्कृति मेडिमिक्स प्राइवेट लिमिटेड’ महा नवमी को लांच की गई। पहले चरण में कंपनी उत्तर भारत में शांतिगिरी आश्रम के विश्वभर में लोकप्रिय आयुर्वेद उत्पादों का वितरण करेगी। उच्चकोटि की जड़ी-बूटियों से निर्मित ये औषधियां आनलाइन, दवा विक्रेताओं के काउंटर पर उपलब्ध होंगी।
उल्लेखनीय है कि केरल स्थित शांतिगिरी आश्रम की फार्मेसी द्वारा निर्मित औषधियों में आयुर्वेद के सिद्धातों और फार्मूलों से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाती है अपितु अत्याधुनिक प्लांट में उनके संरक्षण व संवर्धन का पूरा खयाल रखते हुए उपभोक्ता तक उच्च गुणवत्तायुक्त उत्पाद पहुंचाना ही उद्देश्य रहा है। केरल का पंचकर्म विश्वप्रसिद्ध है। जानकार लोग जानते हैं केरल में निर्मित पंचकर्म चिकित्सा व अन्य रोगों के प्रयोग में की जाने वाली औषधियां व तेल अत्यंत प्रभावशाली व गुणकारी हैं। संस्कृति विवि के स्थापनाकर्ता भारतीय संस्कृति व धरोहर के विस्तार और ख्याति के लिए निरंतर प्रयत्नशील हैं। इसी सोच को आगे बढ़ाने के लिए यहां संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल एवं यूनानी मेडिकल कालेज की नींव रखी गई थी। इसी प्रयास को आगे बढ़ाते पुराने ऋषि-मुनियों द्वारा देश के प्राचीन मठों तथा आश्रमों में उपचार में प्रयोग होने वाली औषधियों और रोजमर्रा की उपयोगी वस्तुओं के व्यापक उत्पादन, प्रचार-प्रसार की योजनाओं को अमली जामा पहनाने की शुरुआत की गई है।
शांतिगिरी आश्रम के विश्वप्रसिद्ध उत्पाद प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोत्तरी करने वाली औषधियां, च्यवनप्राश, बाम, सिरप, जोड़ों के दर्द को मिटाने वाले तेल आदि अनेक ऐसी आयुर्वेदिक औषधियां हैं जिनके बड़े चमत्कारिक असर पाए गए हैं। कंपनी अपने पहले चरण में आश्रम में निर्मित इन उत्पादों को पूरे उत्तर भारत में वितरण करेगी और बाद में इनका उत्पादन यहीं संस्कृति आयुर्वेद कालेज की देखरेख में होगा। इन उत्पादों की सरकारी संस्थानों में भी आपूर्ति की जाएगी। संस्कृति विवि के चांसलर सचिन गुप्ता ने बताया कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया‘ सपने के तहत यह ‘स्टार्ट अप‘ किया जा रहा है। सोच यह भी है कि इसके माध्यम से विद्यार्थियों में उद्यमिता कौशल को भी बढ़ावा दिया जाएगा। कंपनी के साथ विद्यार्थियों को रोजगार भी दिया जाएगा। आयुर्वेद की दवाइयों के वितरण कार्य में भी आयुर्वेद कालेज के विद्यार्थियों को जोड़ा जाएगा।
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