सच ही कहा कि आखिर हम हैं ही कौन जो औराडांड़ की हेड कामिनी सिंह से यह पूछे कि स्कूल खुला है या बंद , मीडिया ही तो हैं कोई उनके विभाग के उच्च अधिकारी तो नहीं
विजय शुक्ल
लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया
सोनभद्र, दिल्ली। साल का आखिरी सप्ताह हैं और ऊपर से मुझे इस बात का कोई अंदाजा ही नहीं कि सोनभद्र के प्रथिमिक विद्यालय औराडांड़ की हेड कामिनी सिंह जी के यहाँ कोई बीमार हैं और वो अपनों को लेकर परेशान हैं। और शायद छुट्टी पर भी हैं वही सीएल वाली लीव पर।
पहले तो मैं उनसे माफ़ी चाहता हूँ कि मैंने उनसे सवाल किया क्योकि सोनभद्र में सवाल सिर्फ विभागीय दायरे में आता हैं और हम जैसे दो कौड़ी के पत्रकार या मीडिया वालो को यह हक़ किसी ने नहीं दिया और शायद किसी को भी नहीं है क्योकि यहाँ जांच का खेल निराला हैं जांच वहा होगी जहां जरूरी ना हो। खानापूर्ति वाली। वैसे सही कहे तो यहाँ अधिकारी वधिकारी सब जीरो बटा सन्नाटा वाले टाइप के हैं और छुट्टियों का खेल , दोस्तों के खाते में पैसा मांगा कायाकल्प करवाने वालो को या घूस काण्ड ऑडियो काण्ड जैसे सवालिया घेरे में आने वालो को पता हैं कि जांच नोटिस , वेतन या कुछ माफ़ी वाफी टाइप का प्रावधान होगा।
(तस्वीर पूरे होशोहवास में आज सुबह 10 बजे की हैं कामिनी सिंह जी के सीएल लेने से पहले की )स्कूल बंद हो या खुला इन सबको कोई फर्क नहीं पड़ता और रही बात मंत्री जी की तो वो बेचारे तो यहाँ के प्रभारी हैं तो उनको दिखाने के लिए विभाग को सब कुछ ठीकठाक रखना पड़ता हैं चाहे वो ऑडियो काण्ड हो या फिर आठ आठ महीने गायब गुरूजी को छुट्टियों वाली छड़ी से बचाने का खेल।
जिलाधिकारी और कप्तान अगर इस जिले में चैतन्य ना होते तो राम जाने क्या क्या होता ? बहरहाल जिस तेवर और अधिकार से कामिनी सिंह जी ने जबाब दिया वो भी काबिलेतारीफ हैं और अब हमारी ख़ास नज़ारे इनायत भी रहेगी क्योकि यह स्कूल बड़ा ख़ास हैं ऑडियो काण्ड से जुड़ा हुआ भी हैं सो अब मीडिया की जिम्मेवारी का एहसास करना हमें भी सीखना होगा। हालांकि उनको शायद इस बात का एहसास नहीं था कि हम लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया वाले पहले जमीन पर काम करते हैं फिर अपनी औकात याद करते हैं।
हमने सुबह दस बजे तक तालाबंदी का नजारा अपनी कैद में करने के बाद तसल्ली से 11 बजे फ़ोन किया और सोच के ही मुताबिक़ जबाब भी मिला कि विभाग के उच्च अधिकारियों से बात कीजिये ..... सही भी हैं अब जिले के उच्च अधिकारियों से बात करते हुए तो कोरोना वैक्सीन भी आने को हो गयी वो अलग बात हैं की जांच की रिपोर्ट ना आ पायी ऑडियो काण्ड की जिसका पहला अधिकार क्षेत्र कामिनी जी के उच्च अधिकारी आदरणीय श्री सहाय साहब के पास आता हैं जो खुद इस ऑडियो काण्ड में अपनी सलिंप्तता के सच झूठ का मौज मनाते हुए इन्तजार कर रहे हैं सो उन पर भी हमारा कोई असर नहीं हैं। अब उनके ऊपर श्री गोरखनाथ पटेल जी हैं जिन्होंने सोनभद्र बेसिक शिक्षा विभाग का कायाकल्प करने का सजगता और सहजता से पूरा प्रयास किया हैं और मजाल हैं कि कोई कितना भी हल्ला मचाये गुहार लगाए गैरहाजिर लोगो का दोषसिद्ध कर पाए।
अब सोचा चलो सबसे ऊपर इस विभाग के मंत्री जी से इस समस्या पर बात की जाय जो अभी हाल फिलहाल में सोनभद्र को विकास की बागडोर पकड़ा यहाँ से गए हैं। उनका इरादा और नीयत जाहिर सी हैं सोनभद्र को सबसे अच्छा जिला बनाने की ही होगी वो भी खासकर बेसिक शिक्षा के मामले में तो उनकी रूचि स्वाभाविक हैं।
हालांकि मंत्री जी का प्रयास हमेशा सोनभद्र के साथ साथ पूरे प्रदेश के स्कूलों का कायाकल्प करने की तरफ ही रहा हैं और उनका प्रयास रंग भी ला रहा हैं । रही बात जिला सोनभद्र के विभागीय अधिकारियों की तो हाल में तीन चार दिनों तक बंद रखने वाले सीएल पर गए एक गुरूजी ने तो सच बयान ही कर दिया था कि अधिकारी हैं आये थे रजिस्टर देखे चले गए क्या कर सकते हैं नोटिस भेज सकते है और क्या !
और हाँ एक बात सनद रहे कि सोनभद्र में आरोप लगाने वालो की क्लास जबरदस्त तरीके से ली जाती हैं और कईयों की लगातार ली जा रही हैं। जो बदले की भावना से अपने दामन पर उछाले गए कीचड के दाग उनको परेशान करने के लिए धूल रहे हैं उनको सब मालूम हैं। पर याद रहे जनता की टैक्स से उनकी भी तनख्वाह जाती हैं पूछने का हक़ तो संविधान ने दिया हैं और आप इस विभाग के नौकर हैं यह विभाग आपकी जागीर नही जो इसके साथ लगातार खेलते रहे। साल बदलेगा हमारा संकल्प नहीं।
टिप्पणियाँ
What a funny story from u sir....
How u managed to get the photo of office room sir when the main gate is closed??
This cleary shows how fake aur corrupted u and ur news is.
#shame on u and ur news.
#godimedia.
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