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अब 28 फरवरी तक चलेगा विशेष वरासत अभियान


  • मुख्यमंत्री के निर्देश पर बढ़ाया गया विशेष वरासत अभियान
  • प्रदेश में अब तक वरासत के 7.43 लाख से अधिक मामले निस्तारित
  • मुख्यमंत्री के विशेष वरासत अभियान को ग्रामीण जनता का मिला जबर्दस्त समर्थन



प्रभा पांडेय 

लोकल न्यूज ऑफ इंडिया 

लखनऊ।राज्य में भूमि विवादों को पूरी तरह खत्म करने को लेकर चलाया जा रहा "विशेष वरासत अभियान" अब इस माह के अंत तक यानि 28 फरवरी तक जारी रहेगा। यह अभियान गत 15 फरवरी तक चलाया जाना था। सरकार के इस अभियान को ग्रामीण क्षेत्रों में हाथों-हाथ लिया गया। जिसके चलते ही दो माह के भीतर सात लाख से अधिक वरासत संबंधी प्रकरणों का निस्तारण हो गया। जिसका संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अभियान  को 28 फरवरी तक बढ़ाए जाने का निर्देश दिया है, ताकि इस अभियान का ज्यादा से  ज्यादा लोग लाभ उठाते हुए वरासत संबंधी प्रकरणों का तय समय में निस्तारण करा लें। 


राज्य के राजस्व सचिव संजय गोयल के अनुसार, गत 15 दिसंबर से "आपकी जमीन,  आपका अधिकार, सबको मिले अपना उत्तराधिकार" के संकल्प से शुरु हुए विशेष वरासत  अभियान के तहत अब तक 7,73,562 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 7,43,396 प्रकरणों का निस्तारण कर दिया गया है। ग्रामीणों से प्राप्त शेष बचे 30,166 आवेदनों को निस्तारित करने की प्रक्रिया चल रही है। इन सभी प्रकरणों को शीघ्र निस्तारित कर दिया जाएगा। राजस्व सचिव का दावा है कि राजस्व विभाग द्वारा चलाया गया यह एक बड़ा सफल अभियान साबित हुआ है। विशेष वरासत अभियान के तहत लंबित वरासत के प्रकरणों को निस्तारित करने के लिए करीब 23 हजार लेखपाल और 2700 राजस्व निरीक्षण गांव-गांव  गए और वर्षों से लंबित प्रकरणों का निस्तारण किया। पहली बार राज्य में इस तरह का अभियान चलाया गया है। 


राज्य में वरासत संबंधी विवादों को पूरी तरह से खत्म करने के लिए पांच चरणों में चलाए गया यह अभियान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा निर्देश में तैयार किया किया गया था। जिसके तहत बीते 15 दिसंबर से इस 15 फरवरी तक राज्य के सभी गांवों में वरासत से संबंधित लंबित प्रकरणों का निस्तारण किया जाना था। इस अभियान की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि उक्त अभियान को बेहद गंभीरता से चलाया जाए और इस के खत्म होने तक वरासत संबंधी सभी लंबित प्रकरण समाप्त हो जाने चाहिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऐसे निर्देशों से जाहिर है कि वह  इस अभियान को लेकर बेहद गंभीर रहे हैं। मुख्यमंत्री की मंशा साफ थी कि राज्य में वरासत से संबंधित सभी लंबित प्रकरणों का निस्तारण कर दिया जाए, क्योंकि इन प्रकरणों के लंबित रहने से भूमि के विवाद होते हैं। जिसका संज्ञान लेते हुए ही मुख्यमंत्री ने विशेष वरासत अभियान शुरू करने की योजना तैयार करायी थी। 


जिसके तहत मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को विशेष वरासत अभियान में प्राप्त आवेदनों का शत-प्रतिशत ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि राजस्व ग्राम समिति की बैठक के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि इस अभियान में अधिकतम सहभागिता सुनिश्चित की जा सके। मुख्यमंत्री के इस निर्देश पर राजस्व विभाग के लेखपाल और राजस्व निरीक्षक आदि ने 15 दिसंबर से लगातार गांव- गांव गए और इन लोगों ने गांवों में वरासत संबंधी लंबित प्रकरणों के आवेदन ग्रामीणों से लेकर उनका निस्तारण किया। जिसके चलते अब तक  ग्रामीणों से प्राप्त 7,73,562 आवेदनों में से 7,43,396 प्रकरणों का निस्तारण कर दिया गया है। मात्र दो माह के भीतर ग्रामीणों से वरासत संबंधी 7,73,562 आवेदनों का मिलना  यह जाहिर करता है कि ग्रामीणों ने इसे हाथों हाथ लिया। कहा जा रहा है कि ग्रामीणों के  इस अभियान की प्रति दिए गए उत्साह को देखते हुए मुख्यमंत्री ने इसका समय बढ़ाने का फैसला किया है।

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