प.विनय शर्मा/ गणेश कुमार वैद
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
हरिद्वार । गंगा में हो रहे अवैध खनन के मुद्दे पर एक बार फिर से मातृसदन मुखर हुआ , मातृ सदन प्रमुख ने केंद्र सरकार से अपेक्षित हो शरीर त्यागने की बात भी कही ।
मातृसदन के परमध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने कहा कि अवैध खनन को रूकवाने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय से कई पत्राचार किए परन्तु आश्वासनों के सिवा आजतक कुछ भी हासिल नहीं हुआ । अवैध खनन को रूकवाने की अपनी कोशिशों में रुकावट का जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह व प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह को जमकर कोसा उन्होंने कहा कि वह इसका खामियाजा भुगत रहे है और अभी और भुगतेगे । यहां तक की उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को भी नहीं बख्शा उन्होंने कहा कि यदि वह खनन बंद करवाने में नाकाम रहते है तो एक संत से किया वादा तोड़ने का उन्हें मूल्य चुकाना होगा ।अंत में उन्होंने कहा कि वह एक संत है और वह गंगा की सेवा के लिए उसमे हो रहे खनन व सरकार की अपेक्षित नीतियों के चलते कुंभ में अपना शरीर भी त्याग देंगे ।
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया को दिए साक्षात्कार में मातृसदन के परमध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने बताया कि उन्होंने मार्च 2019 में प्रधानमंत्री कार्यालय को एक पत्र लिखकर हरिद्वार में हो अवैध खनन की पूरी जानकारी दी थी और ये मांग की थी कि गंगा में हो रहे अवैध खनन के कार को तत्काल बंद करवाया जाए । जिसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय से उनको जवाबी पत्र भी मिला जिसमे गंगा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा इस संदर्भ में शुरू वार्ता व अवैध खनन को लेकर मातृ सदन को दिए मौखिक व लिखित आश्वासन का जिक्र है ।बावजूद इसके ना अवैध खनन रुका ना ही कोई वार्ता आगे बढी ।
ज्ञात हो कि पूर्व में मातृ सदन के ही एक संत निगमानंद को अवैध खनन के खिलाफ अनशन के दौरान जान गंवानी पड़ी थी । शिवानंद ने कहा कि उसके बाद मातृ सदन ने जून 2019 को प्रधानमंत्री कार्यालय को पुनः एक पत्र भेजा जिसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय से इस संबंध में एक पत्र सचिव जल शक्ति मंत्री को उचित कार्यवाही कर पूरी रिपोर्ट मातृ सदन को देने की बात लिखी थी जिसका रिकार्ड सरकारी पोर्टल पर दर्ज भी है उसके बाद अक्टूबर माह में एम एन सी जी (भारत सरकार) द्वारा खनन व स्टोन क्रेशर बंद करने के संबंध में एक पत्र भेजा गया ।
मातृ सदन प्रमुख का कहना है कि प्रधानमंत्री स्तर पर इतने ठोस आश्वासन के बावजूद खनन बदस्तूर जारी रहा और तो और लाकड़ाऊ न में जब सारा देश पूर्नबंदी का पालन कर रहा था तब भी खनन जारी था । उन्होंने ओर भी कई बिंदुओ पर बात की व कहा कि खनन रोकने में मुख्यमंत्री से लेकर जल शक्ति मंत्रालय व स्थानीय प्रशासन भ्रष्टाचार में डूबे हुए है वरना प्रधानमंत्री कार्यालय से किसी आदेश का पालन ना हो यह कैसे संभव है ।
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