कोरोना के कारण साधु-संतों की संख्या रही सीमित
पंडित विनय शर्मा
हरिद्वार । कुंभ मेले का अंतिम शाही स्नान मंगलवार को सम्पन्न हो गया। कोविड नियमों को ध्यान में रखते हुए सभी संतों ने स्नान किया। इस दौरान कुंभ मेला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्तास इंतजाम किए थे।
शाही स्नान में सबसे पहले निरंजनी अखाड़े ने गंगा स्नान किया उसके बाद जूना, अग्नि, आह्वान और किन्नर अखाड़े के साधु-संत हरकी पैड़ी पहुंचे जहा पूजा अर्चना के बाद शाही स्नान किया ।इस दौरान बहुत ही कम संख्या में नागा संन्यासी मौजूद रहे।
अखाड़ों के स्नान के क्रम में किन्नर अखाड़े के बाद महानिर्वाणी अखाड़े ने भी अपने साथी अखाड़े अटल के साथ हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड में प्रतीकात्मक रूप से शाही स्नान किया। इस दौरान दोनों अखाड़ों के आचार्य महामंडलेश्वरों स्वामी विशोकानंद भारती व स्वामी विश्वात्मनंद पुरी महाराज ने सबसे पहले मां गंगा में पूजा की। उसके बाद सभी नागा संन्यासियों ने शाही स्नान किया। इस दौरान महानिर्वाणी और अटल अखाड़ा के साधु-संत भी काफी सीमित संख्या में दिखाई दिये। इसके बाद बैरागी के तीन अखाड़े और वैष्णव संप्रदाय के तीन अखाड़े हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पहुंचकर शाही स्नान करने पहुंचे। निर्धारित क्रम के अनुसार संन्यासियों व बैरागी अखाड़ों के स्नान के बाद श्री पंचायती अखाड़ा उदासीन व नया अखाड़ा उदासीन ने स्नान किया। अंत में श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल ने गंगा में डुबकी लगायी।
आखिरी शाही स्नान को लेकर मेला प्रशासन भी सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये थे। कोरोना महामारी को देखते हुए मेला प्रशासन द्वारा मेला क्षेत्र को सैनेटाइज किया गया।इससे पूर्व चैत्र पूर्णिमा शाही स्नान पर्व पर अखाड़ों के स्नान से पूर्व हरकी पैड़ी ब्रह्मकुण्ड पर आम लोगों ने गंगा स्नान किया। प्रातः 9.30 बजे अखाड़ों के स्नान का समय निर्धारित होने से पूर्व गंगा घाटा को आम जन से खाली करवा लिया गया था। गंगा स्नान करने के बाद लोगों ने मंदिरों में जाकर देव दर्शन किए और कोरोना महामारी के शीघ्र खात्मे की कामना की। इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का भी मेला प्रशासन द्वारा पालन करवाया गया।
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