व्योमेन्द्र सिंह
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
लखनऊ। एक तरफ योगी जी ने अफवाह फैलाने वालो पर कड़ी कार्रवाई और हर मरीज को अस्पताल में इलाज का वादा किया हैं तो दूसरी तरफ राजधानी में ही यानी योगी जी के नाक के नीचे एक मेडिकल स्टोर पहले तो गलत दवाई देता हैं सब्स्टीट्यूट के रूप में और जब डॉक्टर की सलाह पर ख़रीददार वापस करने आता हैं तो उसको दबंगई से दवाई वापस करने की बजाय भगा देता हैं।
ताज़ा मामला पूरन नगर आलमबाग स्थित नाइन इलेवन मेडिकल एन्ड कंविनिएन्स का है, जहां से बुलाकी अड्डा मिल एरिया निवासी दिलीप राजपूत ने अपनी बीमार माँ की दवाई मंगाई थी। दिलीप का आरोप है कि जो दवा डॉक्टर ने लिखी थी मेडिकल स्टोर वाले ने उसकी जगह दूसरी सब्स्टीट्यूट दवा दे दी, इस पर दिलीप ने मेडिकल स्टोर जाकर दी गयी दवा वापस करके डाक्टर के पर्चे पर लिखी दवा देने को कहा तो मेडिकल स्टोर संचालक ने साफ मना कर दिया। दिलीप के काफी कहने पर वह दवा वापस करने को राजी नही हुआ तो परेशान हो कर दिलीप ने डायल 112 पर कॉल करके मदद मांगी।
दिलीप के अनुसार मौके पर पहुंचे पुलिस कर्मियों को मेडिकल स्टोर संचालक ने अर्दब में लेते हुए कहने लगा कि अब इसने पुलिस बुलाई है तो पुलिस ही इसकी दवा वापस करे मैं तो नही करूँगा। यह सुनकर पुलिस भी बैरंग लौट गई और दिलीप की दवा वापस नही करा पाई। दिलीप का कहना है कि रु0 607/- की दवा है अगर कम पैसो की होती तो एक बार ग़म खा लेते, दिलीप चाय का होटल चला कर परिवार का गुजारा करते है। उनका कहना है कि इस महामारी में किसी तरह गुज़ारा कर रहे है, उस पर ये छह सौ सात रुपये का नुकसान मेरे लिए बड़ी बात है।
अब सवाल यह उठता हैं कि क्या योगी जी इसी पुलिस की मदद से हर मरीज को अस्पताल में इलाज करवाएंगे जब उनकी पुलिस खुद राजधानी में एक मेडिकल स्टोर की गीदड़ भभकी से डर सकती हैं तो भला कैसे संभव होगा यह। आप खुद ही अंदाजा लगाइये कि कोरोना के कहर में चाय बेचकर परिवार चलाने वाले व्यक्ति को ६०० रूपये का चूना कितना भरी पड़ेगा और इसको दवा भी डॉक्टर वाली खरीदनी पड़ेगी तो यह दोहरी मार होगी।
दिलीप राजपूत 9451535514 का संपर्क करने का नंबर
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