विजय शुक्ल
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
बंगाल मानो सियासी रण बन गया हो और कोई भी मौका सियासत का भाजपा छोड़ना भी नहीं चाहती हैं. आखिर आपदा में अवसर की योजना पर कमा करने की यह होड़ क्या वाकई भाजपाई नीति का हिस्सा बन गयी हैं या ममता का रवैया मोदी से टकराव का बन गया हैं। बात प्रोटोकाल की जो हैं और अब ममता का कहना हैं कि मोदी जी ने खुद उनका इन्तजार करवाया। पूरा मामला क्या हैं आइये उसकी क्रोनोलॉजी समझते हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी को 30 मिनट इंतजार कराने का विवाद बढ़ गया है. टीएमसी सुप्रीमो और सीएम ममता बनर्जी ने दावा किया है कि उनको इंतजार कराया गया था. शनिवार को कोलकाता में पत्रकारों से बात करते हुए ममता बनर्जी ने दावा किया कि उन्हें पीएम मोदी से मुलाकात करने के लिए इंतजार करना पड़ा था. आज उन पर इंतजार कराने का आरोप लगाया जा रहा है. वहीं, राज्य के मुख्य सचिव आलापन बंदोपाध्याय को केंद्र बुलाने पर भी ममता बनर्जी ने मोदी सरकार की खबर ली. उन्होंने पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाया.
कोलकाता में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम ममता बनर्जी ने मुख्य सचिव आलापन बंदोपाध्याय को केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर बुलाने की बात पर भी अपनी राय रखी. ममता बनर्जी ने सीधे-सीधे पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को लपेटे में लिया. ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार बदले की भावना से काम कर रही है. उन्होंने आगे कहा कि यह जरूरी नहीं कि सीएम पीएम को रिसीव करें. उन्हें खुद पीएम की मीटिंग के लिए 20 मिनट तक इंतजार करना पड़ा था. पीएम को हमारे शिड्यूल की जानकारी थी. फिर भी उनका हेलिकॉप्टर उतरने तक उन्हें 20 मिनट का इंतजार करना पड़ा. लेकिन, वो (नरेंद्र मोदी) पीएम हैं और उनकी सुरक्षा का मामला भी बनता है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम ममता बनर्जी ने साफ किया कि उन्हें बैठक में शुभेंदु अधिकारी की मौजूदगी से कोई दिक्कत नहीं थी. ऐसी बैठकें पीएम और सीएम के बीच होती हैं. इसमें और कौन मौजूद होता है, इसे मुद्दा बनाना गलत है. ममता बनर्जी का कहना है कि वो सही से जानती हैं कि पीएम उनके राज्य में आए हैं तो शिष्टाचार भेंट जरूर करनी चाहिए. वो भी पीएम की अनुमति लेकर मुलाकात करने गईं और कागजात सौंपकर लौंट गई. क्योंकि, उनका चक्रवात यास प्रभावित इलाकों के दौरे का शिड्यूल फिक्स था. हम पीएम की अनुमति से ही उनसे मिलने गए.
दरअसल, शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी चक्रवात यास के बाद के हालात का जायजा लेने पश्चिम बंगाल और ओड़िशा पहुंचे थे. कलाईकोंडा में पीएम नरेंद्र मोदी ने समीक्षा बैठक भी की. इसमें सीएम ममता बनर्जी और राज्य के किसी भी प्रतिनिधि के नहीं शामिल होने की बात कही गई. वहीं, पीएम मोदी को ममता बनर्जी से मिलने के लिए 30 मिनट तक इंतजार करने की बातें भी सामने आई. इसी मुद्दे पर सीएम ममता बनर्जी ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सफाई दी. बताते चलें इस मुद्दे और बीजेपी और टीएमसी नेताओं के बीच सियासी बयानबाजी काफी तेज है.
अब बड़ा सवाल यह हैं कि क्या हमारे लिए यह इंतजार का मसला अहम हैं या हमें प्रोटोकाल की इस पॉलिटिक्स पर इन नेताओ को जबाब देने का कोई हक हैं। क्या पीएम आगे बढ़कर ममता की गलती या अपनी बात लोगो से बोलकर इसको यही रोक सकते हैं। पर ऐसा करेगा कौन ?
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