गणेश वैद
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि महाराज व उनके शिष्य आनन्द गिरि के बीच चले आ रहे विवाद का आज बड़े ही गोपनीय ढ़ंग से पटाक्षेप हो गया और इसी के साथ गुरु चेले के बीच बने जंग के मैदान पर छाए विवाद के सारे बादल भी छंट गए।
प्रयागराज में आज आनन्द गिरि ने श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि के पास जाकर अपनी गलती की माफी मांगी और मीडिया में दिए गए अपने बयानों को भी वापस लेने संबंधी पत्र जारी किया है। इस आशय का पत्र भी जारी करते हुए पत्र में आनन्द गिरि ने अपने गुरु से जहां माफी मांग वही गुरु ने भी शिष्य को माफ कर दिया।
विदित हो कि पंचायती निरंजनी अखाड़े से सम्बद्ध लेटे हनुमान गद्दी के संत स्वामी आनन्द गिरि को संत परंपरा के विपरीत जाकर अपने परिवार से सम्बन्ध रखने के चलते उनके गुरु श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि के द्वारा अखाड़े से निष्कासित कर दिया था।तभी से गुरु चेले के बीच विवाद बढ़ता गया,और इसी विवाद के चलते आनंद गिरी ने अपने गुरु पर मीडिया व सोशल मीडिया के माध्यम से कई गंभीर आरोप भी लगाए।इतना ही नहीं चेले की इस तरह के बयानों के बाद गुरु ने भी एक कदम आगे बढ़ाते हुए वकील के माध्यम से चेले को कानूनी नोटिस भिजवा दिया।
परन्तु जिस तरह आज अचानक से अति गोपनीय तरीके से चेले के अपने गुरु से माफी मांगने की बात सामने आई उसके पीछे कही ना कहीं उन संतो की भूमिका भी रही होगी जो लगातार गुरु चेले में समझौते की गुंजाइश तलाश रहे थे।
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