- प्रति कार्डधारक 2किलो चीनी ऊंट के मुंह में जीरा
- दाल,घी,मसाले आदि अभी भी गरीबों की पहुंच से बाहर
गणेश वैद
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
देहरादून/हरिद्वार।गरीब जनता को सस्ती दरो पर खाद्यान्न उपलब्ध कराना सरकारों की जिम्मेदारी होती है।जिसे वह कब,कैसे उपलब्ध कराए इसकी व्यवस्था के लिए ही खाद्य एवं आपूर्ति विभाग बनाया गया है। सालो से सरकारी राशन वितरण से गायब चीनी की मिठास का तोहफा भले अब प्रदेश की दानवीर सरकार देने जा रही हो परन्तु सालो से महरूम प्रदेश के लाखो उपभोक्ताओं को दो किलो चीनी देने का ऐलान करने वाली प्रदेश सरकार अभी भी गरीबों की रसोई में उपयुक्त राशन(दाल,घी,मसाले आदि) पहुंचाने में असमर्थ ही है।कभी सरकारी राशन के तहत दालेे गायब हो जाती है तो कभी चीनी। थोड़े समय के लिए ये व्यवस्था बनाई भी जाती है तो उसमे भी मनमर्जी का हिसाब रहा जिसमे गिनी चुनी एक दो दाल कुछ समय तक उपभोक्ताओं को मिली फिर उसे भी कब गरीबों की थाली से छीन लिया पता ही नहीं चला। ऊपर से राशन डीलरो की मनमानी ने इस व्यवस्था कि और जटिल बना दिया।
प्रदेश में इसकी बिगड़ती व्यवस्था से लाखो उपभोक्ताओं का दर्द महसूस किया जा सकता है।
अब सालो से बन्द पड़ी चीनी वितरण को पुनः जारी करने की बात कह कर अपनी वाह वाही बटोर रही सरकार को 2किलो चीनी प्रति राशन कार्ड पर देने का ये ऐलान करने में भी फक्र महसूस हो रहा है जबकि उक्त यूनिट ऊंट के मुंह में जीरा ही है। फिर भी गरीब तो सरकार का शुक्रिया ही करेगा कि साहब थोड़ी ही सही आपने मुंह में मिठास तो दी।
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