विजय शुक्ल
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
भाजपा के लोग और संघ इस समय शायद यह समझ गए हैं कि आने वाले समय में उनकी सत्ता की विदाई तय हैं क्योकि योगी जी की रामराज की गंगा में बहती लाशो ने जमीन उखाड़ कर फेंक दी हैं अभी के हालात में। इस पर दिल्ली में भाजपा और संघ के सरकार्यवाहक दत्तात्रेय होसबोले, केंद्रीय नेतृत्व और उत्तर प्रदेश के संगठन महामंत्री की अहम बैठक हुई है. इस बैठक के बाद यूपी कैबिनेट में फेरबदल के कयास लगाये जा रहे हैं.
और सूत्रों की माने तो बाबा की विदाई के बिना रामराज वापसी के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं. अब सवाल यह हैं कि बाबा की फ़ौज सबको यह डराने में लगी हैं कि योगी जी के आगे भला हैं कौन ? अगर बाबा नुकसान भी नहीं करेंगे तो भी सत्ता में भाजपा की वापसी ब्रांड योगी के आगे तय नहीं हैं। उनके लोग तो यह कहने में गुरेज नहीं कर रहे हैं कि ठीक हैं अभी भाजपा हारेगी पर योगी जी के बिना बुरी तरह से हारेगी।
मान लेते हैं कि योगी जी के नीचे की टीम में फेरबदल कर भी दिया जाय तो बेलगाम पुलिसिया तंत्र , जेलों में ह्त्या से लेकर सड़क पर बढ़ रहे केस और गंगा मे तैरती लाशो योगी जी के मत्थे ही हैं फिर नीचे चाहे जितना अभी फेरबदल हो सब बेकार ही होगा। पर भाजपा की सबसे बड़ी दिक्कत वही हैं कि क्या केशव प्रसाद मौर्य यह पारी खेल पाएंगे ? क्या महेंद्र नाथ पांडेय सही उम्मीदवार हैं ? या स्वतंत्र देव सिंह के सहारे पारी खेली जाय ? या सुरेश खन्ना के सहारे यूपी के इतिहास को बदलने की तैयारी की जाय ? यह सब अभी सवाल ही हैं और तब तक रहेंगे जब तक यह फेरबदल वाला कयास तेज रहेगा।
एक तरफ एक नामा जाना बूझकर मानो प्रायोजित किया जा रहा हो एस के शर्मा का जो पीएम मोदी के करीबी माने जाते हैं और उनको प्रदेश का उपमुख्यमंत्री बनाये जाने की चर्चा जोरों पर है. यहां चर्चा कर दें कि पूर्वांचल और बनारस में एसके शर्मा के कोरोना संक्रमण से निबटने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद तारीफ कर चुके हैं. यही वजह है कि एसके शर्मा के उपमुख्यमंत्री बनाये जाने के कयास लोग लगा रहे हैं.
सूत्रों की मानें तो इस बैठक में प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव पर भी चर्चा हुई. अब प्रदेश में दो उपमुख्यमंत्री रहते हैं या इनमे से एक को हटाया जाता है ये देखने वाली बात है. कुछ लोग ये बता रहे हैं कि सूबे में तीन उपमुख्यमंत्री हो सकते हैं. वहीं इस कैबिनेट विस्तार में पांच नये चेहरे नजर आ सकते हैं और सात हटाये जा सकते हैं.
लेकिन एक बात तय हैं कि प्रदेश में इस समय सत्ता परिवर्तन की बयार जोरो से दिखाई दे रही हैं और यह मुख्यमंत्री परिवर्तन उतना आसान नहीं हैं जितना उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का अब बदलना था। पर योगी जी के बदले जाने से प्रदेश में भाजपा के पंचायती राज्य में बेईमानी के सहारे सदस्य बनने की जुगाड़ वाले भाजपाई कार्यकर्ताओ को झटका लगेगा और शायद असली मोदी ब्रिगेड दुबारा परिवर्तन लाने में सफल हो जाय क्योकि यूपी में रामराज का मतलब ही कुछ और हैं।
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टिप्पणियाँ
तुम्हे पहले से पता हो गया कौन आएगा कौन नही ,
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