साल में सबसे ज्यादा महंगे हुए खाने के तेल का दाम, आसमान छू रही सरसों, सोयाबीन जैसे ऑयल की कीमत
रामशंकर अग्रहरि
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
ओबरा।त्रिरत्न शुक्लेश जिलाध्यक्ष शिक्षक सभा समाजवादी पार्टी
आज अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में त्रिरत्न शुक्लेश (जिलाध्यक्ष शिक्षक सभा समाजवादी पार्टी) ने कहा कि पहले से ही कोरोना की वजह से परेशान लोग अब महंगाई की मार से भी गुजर रहे हैं। पेट्रोल-डीजल की कीमतों के साथ अब खाने के तेल की कीमतें भी आसमान छू रही हैं।
दरअसल इस महीने खाद्य तेलों की कीमतों में रिकॉर्ड इजाफा देखा गया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पैक्ड खाद्य तेलों जैसे की मूंगफली, सरसों, वनस्पति, सोया, सूरजमुखी और पाम ऑयल की मासिक औसत खुदरा कीमतें इस महीने एक दशक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं।
सरसों का तेल डबल से ज्यादा हुआ महंगा
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल 26 मई को एक लीटर सरसों तेल का दाम 90 रुपए था। वह आज 200 रुपए के पार पहुंच गया है। बाजार में एक लीटर सरसों के तेल की बॉटल की रिटेल कीमत 214 रुपए है। भाजपा सरकार पूरी तरह से महंगाई कम करने में फेल है । इसका खामियाजा आने वाले विधानसभा 2022 में जनता जरूर जवाब देगी। नवजवान युवा पीढ़ी बेरोजगारी से झेल रहे है। प्राइवेट शिक्षकों ,वित्तविहीन शिक्षकों, अनुदेशकों को कोरोना काल में बहुत परेशानी घर चलाने में भी हो रही है क्योंकि आज कोचिंग संस्थाने , स्कूले सभी बन्द है उनको इस समय कही से भी आर्थिक स्थिति नही मिल पा रही है, उसी में सरकार महंगाई बढ़ाये जा रही है।
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