नहीं रहा वो यूपी प्रतापगढ़ का पंडित जिसको दुनिया खूंखार ठाकुर के नाम से जानती थी , अलविदा एक्टर अनुपम श्याम ओझा
अंजलि यादव
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
नई दिल्ली। वो भले ही टीवी वालों के लिए स्टार और बॉलीवुड वालों के लिए एक करेक्टर आर्टिस्ट हों लेकिन यूपी के प्रतापगढ़ जिले के लिए वो शान थे, जिनकी फोटो जिले के कई दुकानों में आज भी लगी दिख जाएंगी. जी हां, हम बात कर रहे हैं टीवी और बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर अनुपम श्याम ओझा की, जिन्होंने रविवार को लंबी बीमारी के बाद दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया. मालूम हो कि वह पिछले कई दिनों से मुंबई के लाइफलाइन अस्पताल में भर्ती थे, उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था, जिसकी वजह से वो कल अपनी जिंदगी से जंग हार गए.
साल भर पहले भी बिगड़ी थी तबीयत
अनुपम श्याम को पिछले साल मार्च 2020 में किडनी की समस्या के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वो उस वक्त आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे. अनुपम श्याम के भाई ने आर्थिक मदद की अपील की थी क्योंकि वे अस्पताल के बिल का भुगतान नहीं कर पा रहे थे. अनुपम श्याम के ठीक होने के बाद लगातार उनकी डायलिसिस करवाई जा रही थी. 2021 में टीवी सीरियल 'मन की आवाज प्रतिज्ञा' के सीजन 2 लॉन्च होने पर वह काम पर वापस आ गए थे. वह अपनी शूटिंग पूरी करते थे और हफ्ते में तीन बार डायलिसिस के लिए भी जाते थे.
कुंडा के राजा हो या सीएम योगी , सोनू सूद हो या मनोज बाजपेयी सबने की थी मदद
और इसके बाद आप समझ सकते हैं कि इंसान के पास कहने के लिए कुछ होता ही नहीं था. यही कारण रहा कि जब पिछले साल खबर आई थी कि अवध का ये कलाकार अपनी बीमारी के कारण काफी आर्थिक कष्ट झेल रहा है तो प्रतापगढ़ के हर गणमान्य इंसान ने इनकी मदद करने की कोशिश की, चाहे वो बाहुबली राजा भैया हो या फिर प्रतापगढ़ के नगर सेठ. हर किसी ने इनको आर्थिक मदद देने का प्रयास किया क्योंकि किसी भी बड़े स्टार की तरह अनुपम श्याम प्रतापगढ़ के किसी भी आयोजन में शामिल होने के लिए कभी पैसे नहीं लेते थे.
1996 में की अनुपम श्याम ने अपने करियर की शुरुआत
बता दे कि अनुपम श्याम ओझा उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के मूल निवासी थे. अनुपम श्याम ने अपने करियर की शुरुआत साल 1996 में की थी. अनुपम श्याम लखनऊ की भारतेंदु एकेडमी ऑफ ड्रामेटिक ऑर्ट्स के पूर्व छात्र थे. उन्होंने 1996 में बेनेगल की सरदारी बेगम से अपने हिंदी फिल्म करियर की शुरुआत की थी. अनुपम श्याम ने दिल से, सत्या, हजारों ख्वाइशें ऐसी, जख्म, दुश्मन और स्लमडॉग मिलियनेयर, बैंडिट क्वीन और लगान जैसी फिल्मों में अभिनय किया है.
घर-घर में फेमस थे ठाकुर सज्जन सिंह
अनुपम श्याम ओझा ने बेनेगल की अमरावती की कथा से अपने टेलीविजन करियर की शुरुआत की थी. लेकिन वह मन की आवाज प्रतिज्ञा (2009-2012) में ठाकुर सज्जन सिंह के किरदार को करने के बाद काफी मशहूर हुए थे. 2021 में जब मन की आवाज प्रतिज्ञा-2 का दूसरा सीजन लॉन्च हुआ तो इसमें भी वह सज्जन सिंह के रोल में दिखें.
अनुपम को बचपन से ही था एक्टिंग का शौक
गौरतलब है कि प्रतापगढ़ के कॉलेज एमडीपीजी से स्नातक करने वाले अनुपम श्याम को बचपन से ही एक्टिंग का शौक था. मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाले अनुपम श्याम ने भारतेंदु एकेडमी ऑफ ड्रामेटिक ऑर्ट्स से एक्टिंग का कोर्स किया था और इसके बाद वो दूरदर्शन से जुड़ गए. जहां उन्होंने साल 1992 के हिट शो ' माटी के रंग' और 'अमरावती की कहानियां' के कई पायलट एपीसोड में काम किया. इन्हें बॉलीवुड में ब्रेक मिला साल 1996 में आई फिल्म 'दस्तक' से. इसके बाद इन्होंने कई बॉलीवुड फिल्मों जैसे 'हजारों ख्वाइशें ऐसी', 'जख्म', 'दुश्मन', 'बैंडिट क्वीन' , 'लगान', 'दिल से', 'सत्या' और 'नायक' जैसी फिल्मों में सह कलाकार की भूमिका निभाई लेकिन इसके बाद इन्होंने फिर से टीवी पर वापसी की और 'मन की आवाज प्रतिज्ञा' (2009-2012) में ठाकुर सज्जन सिंह के किरदार को निभाया और इस किरदार ने उनके करियर को वो ऊंचाई दी, जिसका सपना उन्होंने शुरू से देखा था.
कई हॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया
अनुपम श्याम ने कई हॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया है. जिनमें 'द लिटिल बुद्धा', ऑस्कर अवॉर्ड विनिंग 'स्लमडॉग मिलेनियर', 'द वॉरियर' और 'थ्रेड' शामिल हैं. हालांकि बीमारी के बावजूद इन्होंने मार्च 2021 में काम पर वापसी भी की थी और इन दिनोंवह स्टार भारत पर आने वाले 'मन की आवाजः प्रतिज्ञा 2' में काम कर रहे थे.
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