बागी नहीं भाजपा का दागी है; अनुराग ठाकुर का कद छोटा करने में नहीं होंगे कामयाब, प्रो. धूमल साहब की परवरिश खाटी और खालिस भाजपाई हैं अनुराग ठाकुर
विजय शुक्ल
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
अनुराग ठाकुर को नीचा दिखाने का यह खेल हैं बागियों का, अनुराग जी बड़े नेता हैं वो प्रोफ़ेसर धूमल साहब की परवरिश में पले बढे हैं। जिस दिन स्टेज से बोल देंगे की बागी और दागी लोग भगा दिए गए हैं, वो भी छः साल के लिए तो आपको पता चल जाएगा कि चल क्या रहा हैं ? सत्तर प्लस हूँ। सब जानता हूँ। यही प्रभारी मंत्री सुरेश भारद्वाज शिमला वाला यह चाहता तो चेतन के पिता कभी मंत्री विधायक तो दूर की बात हैं, जिला परिषद् भी नहीं जीत पाते; राजनीति गंदी हैं। अमित शाह और जेपी नड्डा सब जानते हैं, तभी महिला को टिकट दिया और वो अच्छी हैं, सबकी सुनती हैं तो जीतेगी भी- रिटायर्ड शिक्षक तुलसीराम मोघता, जुब्बल कोटखाई, विधानसभा क्षेत्र से.
अनुराग ठाकुर उनके हैं जो पार्टी का हैं, कांग्रेस तभी हारी थी जब चेतन के पिता जी को धूमल साहब ने किया था। भाजपा ना कभी किसी की गुलाम थी, न हम कार्यकर्ता। भागने वाले गीदड़ हैं जो किसी के सगे नहीं हैं। और आपको एक बात बता दूँ कि गुड़िया के हत्यारो के खिलाफ लड़ने वाली बेटी के साथ भाजपा का हर एक सिपाही है। अनुराग ठाकुर हमारे बड़े नेता हैं और चेतन और उनके साथी उनको नीचा दिखाने का प्रयास कर रहे हैं। अनुराग जी तो मंच से घोषणा करने में नहीं हिचकिचाएंगे उनको पता चल गया तो, ये सब निकाले गए हैं पार्टी से- स्थानीय कार्यकर्ता, भाजपा , नावर घाटी , जुब्बल कोटखाई, विधानसभा इलाका.
यह अपनों के सगे नहीं तो भला आम जनता के क्या होंगे ? यह सेब वाले नहीं सेब वालो के भविष्य को खाने वाले हैं। समधी और अपने बेटे के नाम सेब बागानों का पैसा स्वर्गीय बरागटा साहब दे गए थे और हमारे नेता और कांग्रेस प्रत्याशी रोहित ठाकुर ने तो विधानसभा में उसको उठाया था - स्थानीय समर्थक कांग्रेस, जुब्बल कोटखाई विधानसभा क्षेत्र मे.
मैं तो कोई कार्यकर्ता नहीं हूँ पर पार्टी कभी नहीं टूटती, भाजपा तो जीत रही हैं जब हम सब बेटियां महिलाये अपना दर्द समझने वाले के साथ हैं। इसलिए चेतन के सहारे कांग्रेस और कांग्रेस के सहारे चेतन आपस में अपनी अपनी रोटी सेक रहे हैं। पर बता दे कि मैं भी एक बेटी की माँ हूँ और मैं जानती हूँ कि गुड़िया के लिए लड़ने वाली यही हमारी नीलम सरैक ही थी. वो तब भी हमारे साथ थी और आज भी हैं और आपको यह भी बता दूँ कि पॉलिटक्स लोग शिमला की करते थे और आज जब एक बेटी महिला को भाजपा ने टिकट दे दिया तो इन्होने पार्टी छोड़कर चार लोगो को जोड़कर कांग्रेस के नाम का वोट मांग रहे हैं। हकीकत यह हैं कि न ये लोग चाहते ही नहीं की बेटी बढे - वैशाली, स्थानीय महिला , जुब्बल कोटखाई विधानसभा इलाके में.
यह हिमाचल है जनाब। यहां ब्राह्मण, ठाकुर दीखते जरूर हैं पर यहां तो या कांग्रेसी हैं या भाजपाई और सेब वाले किसी को भी खामोशी से बर्बाद करेंगे। इनकी तो जमानत जब्त होगी और कांग्रेस और भाजपा की लड़ाई हैं यहां पर। और दूसरी भाषा में एक तरफ रोहित ठाकुर एक बेटे हैं यहां के तो दूसरी तरफ हमारे बेटी एक महिला नीलम सरैक हैं। दोनों दमदार और अपनी पार्टी अपने समाज के लोग हैं। यह सब जानते हैं कि सोशल मीडिया में लोगों का काम करने वाला आईटी का बंदा है, बागी उम्मीदवार और यह बागी नहीं भाजपा में दागी बन गया हैं। बाकी रह क्या गया, बागी तो बागी रह जाता है.. बगावत भारतीय जनता पार्टी से या जनता से.. वीरू, जुब्बल कोटखाई विधानसभा इलाके में.
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