घोरिया अस्पताल संचालन को लेकर केंद्र सरकार के निर्देश प्रदेश सरकार के आदेश के बाद भी सीएमओ द्वारा किया जा रहा हिला हवाली
त्रिरत्न शुक्लेश
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
सोनभद्र: राज्य के चुनिंदा जिलों में सबसे ज्यादा राजस्व देने में अपना अहम योगदान देने वाले सोनभद्र जिले में सुविधाओं की कमी अक्सर देखने को मिलती है। जबकि जिले के राजस्व से ही जिले का विकास हो सकता है। स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर सोनभद्र ज़ीरो ही माना जाता है। अगर सोनभद्र में भी स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ानी हो तो उसके लिए शासन को ईमानदारी से काम करना होगा। नए काम को तो छोड़िए पुराना कार्य ही पूर्ण नहीं हो रहा और पैसों का बंटरबाट हो रहा। ऐसा ही एक मामला देखने को मिला है जनपद सोनभद्र के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित विकास खण्ड चोपन के घोरिया ग्राम पंचायत में अनिमितता देखने को मिली है।क्षेत्र की जनता की समस्याओं को देखते हुये करोड़ों की लागत से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र घोरिया शासन द्वारा स्वीकृति किया गया था। जो 6 वर्ष का समय बीत जाने के बाद भी आज तक अद्धनिर्मित अस्पताल व भवन निर्माण कार्यदायी संस्था और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही तथा प्रशासकीय उदासीनता के कारण अधूरा पड़ा हुआ है। आज तक अस्पताल संचालित न हो सका। बड़े भूखंड पर जब इस अस्पताल का निर्माण कार्य शुरुआत हुआ था तो स्थानीय आम जनता में स्वास्थ्य सुविधा की उम्मीद के साथ खुशी भी जगी थी।लेकिन आज पूरा अस्पताल परिसर अराजकता फैलाने वाले लोगों के लिये पार्टी व नशे का अड्डा बना हुआ है। आपको बताते चले की काफी घटिया कार्य होने की वजह से काफी चीजे तो पूर्ण होने से पूर्व ध्वस्त हो चुकी है। वर्षो में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र घोरिया का कार्य पूर्व की सरकार में प्रशासनिक उदासीनता की वजह से शुरू न हो सका और यही हाल वर्तमान की सरकार का भी हाल है। जो भी हो खामियाजा तो जनता को ही भुगतना होता है। मौखिक शिकायत होने के बावजूद इस मामले को लेकर स्थानीय वर्तमान सांसद व विधायक ने कभी भी अपना मुंह तक नहीं खोला। इस पूरे मामले की जानकारी सावित्री देवी द्वारा जिलाधिकारी सोनभद्र, मुख्य चिकित्साधिकारी सोनभद्र को मेल व पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया था।उसके बाद मामलें की जाँच शुरू हुआ मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा दिनांक17.01.2020 के शिकायत के संबंध में विनय कुमार श्रीवास्तव जेई से संबंधित प्रकरण के संबंध में अपनी आख्या तीन दिन के अन्दर विभाग को उपलब्ध करायें को निर्देशित किया था। जिसके संबध में विनय कुमार श्रीवास्तव जे0ई0 द्वारा आख्या-जन सामान्य हेतु स्वीकृत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र घोरिया का निर्माण कार्य हेतु स्वीकृत हुआ था। भवन निर्माण कार्य पूर्ण करा कर विभाग को दिनांक 16 अगस्त 2019 को हस्तांतरित किया चुका है।इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा प्रकरण में सिर्फ पत्र प्रेषित की कार्यवाही चलती रही। महीनों बीतने के बाद कोई कार्यवाही नही हुआ।समाजसेवी सावित्री देवी द्वारा इस मामलें में प्रधानमंत्री कार्यालय दिल्ली पत्र भेज कार्यवाही की मांग की उसके पश्चात मामलें को गंभीरता पूर्वक लेते हुये भारत सरकार स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय एनएचएम डिविजन ने प्रधान सचिव हेल्थ एवं फेमिली वेलफेयर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश सरकार को शिकायत अग्रेषित कर मामलें में जांच करने और आवश्यक कार्रवाई करने को निर्देशित किया गया है।
जिसके बाद मुख्य चिकित्साधिकारी ने 12/08/2021 को पत्र संख्या 405 में 1 सप्ताह में अधीक्षक चोपन व जेई को 1 सप्ताह में अस्पताल चालू करने का निर्देश दिया गया लेकिन 2 माह तक कोई कार्यवाही नही हुवा।पुनः शिकायत प्रेषित करने पर 16/09/2021को प्रेषित शिकायत पर अधीक्षक चोपन द्वारा घोरिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चालू करवाने में असमर्थता जाहिर की थी। जिसके बाद बाद पुनः शिकायत प्रेषित किया गया उसके बाद आनन-फानन में मुख्य चिकित्साधिकारी के निर्देश में अधीक्षक चोपन द्वारा 30/10/2021 को चिकित्साधिकारी के पद पर डॉक्टर कुमार गौरव,फार्मासिस्ट सूर्य प्रताप सिंह,चौकीदार अशोक की ड्यूटी लगाया गया जिसके बाद घोरिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जाने के बाद 09/11/2021 को ड्यूटी पर लगे सभी लोगों के द्वारा लिखित रूप से अधीक्षक चोपन को प्राथमिकता स्वास्थ्य केंद्र घोरिया की वर्तमान समस्या से अवगत कराते हुये कार्य करने में असमर्थता जाहिर की है।उक्त जन समस्या के संबंध में मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा सिर्फ पत्र जारी कर खाना पूर्ति किया जा रहा है जमीनी हकीकत कुछ नही।
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