हिमाचल प्रदेश के उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी ने आईआईटी मुंबई के साथ मिलकर बनाई स्वदेशी एंटी हेल गन तैयार
सुशील कुमार शर्मा
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
शिमला। हिमाचल प्रदेश के उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी ने आईआईटी मुंबई के साथ मिलकर मिसाइल और लड़ाकू विमान चलाने वाली तकनीक का प्रयोग कर पहली स्वदेशी एंटी हेल गन तैयार की है। इस गन की खास बात यह है कि ये एसिटिलीन गैस से नहीं बल्कि एलपीजी से कार्य करेगी और विदेशी एंटी हेल गन से सस्ती होगी। विश्वविद्यालय के पर्यावरण विभाग अध्यक्ष डॉ. एसके भारद्वाज ने बताया कि हवाई जहाज के गैस टरबाइन इंजन और मिसाइल के रॉकेट इंजन की तर्ज पर इस तकनीक में प्लस डेटोनेशन इंजन का इस्तेमाल किया गया है। इसमें एलपीजी और हवा के मिश्रण को हल्के विस्फोट के साथ दागा जाता है। इस हल्के विस्फोट से एक शॉक वेव (आघात तरंग) तैयार होती है। यह शॉक वेव एंटी हेल गन के माध्यम से वायुमंडल में जाती है और बादलों के अंदर का स्थानीय तापमान बढ़ा देती है।
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