गीतिका
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
गुरुग्राम।हरियाणा द्वारा मिट्टी का सामान बनाने वालो कुम्हारों और उनके परिवारों के लिए समर्पित होकर कार्य करना ,
हीरा अमित रोहिल्ला एक राष्ट्र सामाजिक एक्टिविस्ट है। भाजपा ज़िला गुरुग्राम हरियाणा ओ.बी.सी. मोर्चा सोशल मीडिया प्रभारी और एक स्वयंसेवक संघ से जुड़े है और निस्वार्थ जन कल्याण के लिए कार्य कर रहे है,
मिट्टी की खुशबू राष्ट्र मुहिम आगे बढ़ रही है आज भारतीय जनता पार्टी के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष श्री ओम प्रकाश धनकर जी से आशीर्वाद मिला और उन्होंने मार्गदर्शन और कुछ जरूरी कार्य करने और मुहिम में शामिल करने जैसे वर्कशॉप जैसे सुझाव दिए और
मुहिम को कुम्हारों के लिए एक अच्छा पहल बताया,
#vocalforlocal और देश की इकॉनमी ग्रोथ रेट बढ़ेगी और मिट्टी के सामान बनाने वालो को और उनके परिवारों को बहुत फायदा होगा,
हीरा अमित रोहिल्ला मिट्टी की खुशबू राष्ट्र मुहिम उनकी एक पहल है क्युकी वो A+ foundation trust के फाउंडर और राष्ट्र अध्यक्ष है,
मिट्टी के सामान और
मिट्टी के बर्तन में खाना पकाने के फायदे-
-मिट्टी के बने बर्तनों में कम तेल का इस्तेमाल होता है। -मिट्टी के बने बर्तनों में खाना स्वादिष्ट बनता है। इन बर्तनों में भोजन पकाने से पौष्टकता के साथ-साथ भोजन का स्वाद भी बढ़ जाता है। -अपच और गैस की समस्या दूर होती है।
कैसे करें मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल-
सबसे पहले मिट्टी का बर्तन बाजार से घर खरीदकर लाने के बाद उस पर खाने वाला तेल जैसे सरसों का तेल, रिफाइंड आदि लगाकर बर्तन में तीन चौथाई पानी भरकर रख दें। इसके बाद बर्तन को धीमी आंच पर रखकर ढककर रख दें। 2-3 घंटे पकने के बाद इसे उतार लें और ठंडा होने दें। इससे मिट्टी का बर्तन सख्त और मजबूत हो जाएगा। साथ ही इससे बर्तन में कोई रिसाव भी नहीं होगा और मिट्टी की गंध भी चली जाएगी।
बर्तन में खाना बनाने से पहले उसे पानी में डुबोकर 15-20 मिनट के लिए रख दें। उसके बाद गीले बर्तन को सुखाकर उसमें भोजन पकाएं।
पुराने समय में लोग खाना पकाने और परोसने के लिए मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल करते थे। लेकिन समय बदलने के साथ यह परंपरा भी कहीं खो सी गई है। रसोई में रखे मिट्टी के बर्तनों की जगह आज स्टील और एल्युमीनियम के बर्तनों ने ले ली है। लेकिन क्या आप जानते हैं मिट्टी के बर्तनों में पकाया और खाया जाने वाला भोजन सेहत के लिहाज से बेहद अच्छा होता है। आइए जानते हैं क्या हैं मिट्टी के बर्तन में खाना पकाने के फायदे और उन्हें इस्तेमाल और धोने की सही तरीका।
मिट्टी के बर्तन में खाना पकाने के फायदे-
-मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने से खाने में आयरन, फास्फोरस, कैल्शियम और मैग्नीशियम की मात्रा भी खूब पाई जाती है, जो शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं।
-मिट्टी के बर्तनों में होने वाले छोटे छोटे छिद्र आग और नमी को बराबर सर्कुलेट करते हैं। इससे खाने के पोषक तत्व सुरक्षित रहते हैं।
-मिट्टी के बने बर्तनों में कम तेल का इस्तेमाल होता है।
-मिट्टी के बने बर्तनों में खाना स्वादिष्ट बनता है। इन बर्तनों में भोजन पकाने से पौष्टकता के साथ-साथ भोजन का स्वाद भी बढ़ जाता है।
-अपच और गैस की समस्या दूर होती है।
-कब्ज की समस्या से मिलती है निजात।
-भोजन में मौजूद पोषक तत्व नष्ट नहीं होते हैं।
-भोजन का पीएच वैल्यू मेंटेन रहता है, इससे कई बीमारियों से बचाव होता है।
साफ करना भी बेहद आसान-
मिट्टी के बर्तन कैसे धोने हैं, इस बात की जानकारी न होने की वजह से कई बार लोग इन्हें खरीदने से भी परहेज करते हैं।मिट्टी के बर्तनों को धोना बहुत ही आसान है। इसके लिए आपको किसी केमिकल युक्त साबुन या लिक्विड की जरूत नहीं होती । आप इन बर्तनों को सिर्फ गर्म पानी की मदद से भी साफ कर सकते हैं। चिकनाई वाले बर्तनों को साफ करने के लिए आप पानी में नींबू निचोड़ कर भी डाल सकते हैं। अगर आप बर्तनों को रगड़कर साफ करना चाहते हैं तो इसके लिए नारियल की बाहरी छाल का इस्तेमाल कर लें।
उन्होंने राष्ट्र लेवल पर टीम और चैनल तयार करे कुम्हारों और मिट्टी से बने सामान को घर घर पहुंचने का संकल्प लिया है और सभी देश वासियों से निवेदन कर रहे है उनकी मुहिम के साथ जुड़े और कुम्हारों और मिट्टी से बने सान खरीदे और उपहार स्वरूप उपयोग करे ,
मिट्टी के बर्तन भोजन के पोषण को बनाए रखते हैं जो आमतौर पर अन्य प्रकार के बर्तनों में खो जाता है. मिट्टी के बर्तनों में थर्मल जड़ता मांस को लंबे समय तक कोमल और नरम रखने के विशेष गुण होते है जिससे वह जल्दी सख्त नहीं होता,
वास्तु शास्त्र के अनुसार आपके किचन (Kitchen) में इस्तेमाल किए जाने वाले मिट्टी के बर्तन एक तरफ जहां आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा (Positive Energy) लाते हैं, वहीं इनकी वजह से आपके धन-वैभव में बढ़ोतरी होगी और खुशहाली बनी रहेगी.
मिट्टी के बने सामान घर पर वास्तु
के हिसाब से घर के लिए बहुत अच्छे होते है,
राष्ट्र लेवल पर कुम्हारों के साथ मिलकर वर्कशॉप लगाना युवाओं ओर महिलाओं को जागरूक करना ओर मिट्टी भी एक इंडस्ट्री है उसके लिए सरकार के पास प्रोजेक्ट लेकर और सरकारी सुविधाओं और पॉलिसीज को भी जागरूक करना एवम् इनको उसके साथ जुड़ना भी है।
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