दिल्ली के रिश्तेदार बताते हैं जी बिजली पानी मोहल्ला क्लिनिक फ्री हैं , हमें तो विकास चाहिए और रोजगार
मयंक शर्मा
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
मुकेरियां। चुनाव एक खेल हैं ऐसा खेल जिसमे जीतता वही हैं जिसकी हवा होती हैं ऐसा मेरा छोटा सा तजुर्बा हैं। बड़ा अजीब सा लगा जिसने कभी दिल्ली नहीं देखी , जिसने कभी पीने के गंदे पानी के ऊपर टैंकर माफिया का खेल नहीं देखा और बंद पड़े कुत्तो के सोने की जगह लायक भी ना होने वाले मोहल्ले क्लिनिक को ना देखा वो भी पंजाब की इस विधानसभा में आकर पूछने पर बोलता हैं कि जी दिल्ली के रिश्तेदारों ने बताया कि केजरीवाल ने बहुत विकास कर दिया।
ऐसी ही चर्चा जब लोकल न्यूज ऑफ इंडिया की दिल्ली टीम ने वहाँ के लोगो से पूछी तो उनका कहना था कि जी झूठ बोलना और माफ़ी माँगना तो काम ही हैं। अपने कहने पर ही झाड़ू फेरना तो इनसे बेहतर कौन जाने ? दिल्ली में महामारी में मची भगदड़ हो या राशन के लिए तड़पते ऑटो वाले और काम वाली महिलाओ का हो हर तरफ हाहाकार था और अब भी हालात वैसे ही हैं।
बहरहाल पंजाब में यह सब कुछ मुफ्त में देने को राजी हैं बिजली पानी राशन बस इनकी सरकार बनवा दो। पर एक युवती ने बड़ा साफ़ और स्पष्ट कहा कि हमें निठल्ले नहीं बनना , हम पंजाबी हैं और हमने अपने हाथ पैर चलाकर खाना आता हैं और हम वही करेंगे बस कृपा करके झूठे वादों और नफरत का खेल तो बंद करो। पांच साल में सिवाय माफ़ी के इस आम आदमी पार्टी ने एक लफ्ज नहीं बोला ना ही नशे के खिलाफ ना ही खनन के खिलाफ। स्कूल कालेज और डिस्पेंसरी तो कांग्रेस ने पहले ही निपटा दी थी हम बच्चियों का तो सत्यानाश समझो। हमें बदलाव चाहिए अगर डबल इंजन से हमारा हक़ मिलेगा तो हम भाजपा को ही परख लेंगे। मंदिर , कश्मीर और करतार कॉरिडोर का टंटा तोड़कर तो हमें मोदी जी ने उम्मीद तो दी हैं। बाकी चुनाव के वादे हैं आगे क्या होगा रब जाने ? पर मुकेरियां में उम्मीदवारों में साफ़ छवि तो भाजपा वाले की हैं सत्तर पार हैं पर तजुर्बेदार और ईमानदार तो हैं। बाकी तो हमारा सपोर्ट हर उसको हैं जो नशा और खनन मिटाएगा और हमारे सुख दुःख को बिना बताये समझने की कोशिश करेगा।
चुनाव में हर गली मोहल्ले घूमने का मौक़ा तो मिल ही रहा हैं। ना जाने पहली बार लगा कि पंजाब उड़ता पंजाब नहीं अंदर से नशे और खनन माफियाओ द्वारा खोखला पंजाब बना दिया गया हैं। अब यह पब्लिक तय करे कि बीस फरवरी को अपने बेटियों और बेरोजगार बेटो के लिए क्या चाहती हैं ?
बहरहाल ताले में कैद इस डिस्पेंसरी के बारे में आप भी सोचिये और अपना सुझाव दीजिये :
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