सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

साहसिक खेलों को बढ़ावा देने की सरकार की घोषणाएं मात्र औपचारिकता तक ही सीमित

 



  • गुमनामियों के भंवर हिमाचल प्रदेश के पर्वतारोही का जीवन


करतार कौशल,

लोकल न्यूज़ ऑफ इंडिया,



कुल्लू: हाथी के दांत खाने के कुछ और दिखाने के कुछ और, यह कहावत हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार के प्रतिनिधियों पर एकदम स्टीक बैठती हैं। ऐसी एक जमीनी हकीकत की दासता दुर्गम क्षेत्र जिला किन्नौर निवासी पर्वतारोही अमित कुमार नेगी सामने लाएं हैं। जिसमें तमाम अभावों से जूझते हुए पर्वतारोही अमित कुमार नेगी ने विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतेह कर स्वर्ण पदक का खिताब प्राप्त कर हिमाचल प्रदेश राज्य का नाम तो रोशन किया लेकिन आज दिन तक राज्य सरकार ने उनकी इस उपलब्धि के लिए रोजगार तो दूर की बात प्रोत्साहन राशि अथवा पुरस्कृत करना तक गवारा नहीं समझा। वहीं वित्त वर्ष भी सर्वश्रेष्ठ पर्वत श्रृंखलाओं में एक कंचनजंगा पर्वतरोहण के फ्लैग ऑफ करने सहित तिरंगा देकर विदा करने सहित हर आर्थिकी सहायता का जोर-शोर से आश्वासन तो दिया मगर यह आश्वासन केवल घोषणा तक ही सीमित रह गया। वहीं सरकारी तौर पर इस दिशा में किसी प्रकार की घोषणा न कर सरकार के साहसिक खेलों एवं खिलाड़ियों को बढ़ावा देने की पोल भी जगजाहिर हो गई।

गौर हो कि गत दिनों खेल एवं वन विभाग मंत्री राकेश पठानिया व किन्नौर विधानसभा क्षेत्र विधायक जगत नेगी द्धारा पर्वतारोही अमित कुमार नेगी को राजधानी शिमला से कंचनजंगा पर्वतरोहण के लिए फ्लैग ऑफ कर राष्ट्रीय ध्वज प्रदान जहां किया गया। वहीं उनके पूर्व में किए विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट फतेह के लिए बधाई देने सहित मौजूदा समय में सरकार की ओर से पूर्ण मदद करने का आश्वासन दिया। जिसमें उनके कंचनजंगा पर्वतरोहण के मिशन के लिए एक नहीं दो नहीं बल्कि दस आर्थिकी मददगार का भरोसा दिया। लेकिन जमीनी हकीकत तब सामने आई जब ऐन मौके पर दस में से सिर्फ एक मददगार व्यक्ति ही चंद राशि के लिए तैयार हुआ। वहीं इन पलों की न ही किसी प्रकार की आधिकारिक घोषणा की गई और इस बात को मीडिया में प्रकाशित भी नही करवाया गया। जिससे आप अंदाजा लगा ही सकते हैं हिमाचल प्रदेश राज्य के पर्वतारोहियों की कैसे प्रतिभा उभर कर सामने आएगी। 




 पर्वतरोही अमित कुमार नेगी ने बताया कि दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर्वत श्रृंखला फतेह करने का अनुभव अपने चुनौतियों से लेकर भयभीत करने उत्साहजनक रहा। उन्होंने बताया कि  31 मई 2021 को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ पर्वत श्रृंखला माउंट ऐवरेस्ट ही फतेह करने का फैसला किया और उसे पूर्ण भी किया।  उन्होंने बताया कि इस सफर में तमाम बाधाओं, चुनौतियों का सामना करते हिम्मत को बांधे आगे बढ़ते रहे।  इसके बाद वह उस मुकाम पर पहुंच गए जिसकी हसरत लिए कई पर्वतरोही साथी दुनिया  को अलविदा कह गए। उन्होंने बताया कि विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट ऐवरेस्ट को फतेह करने पर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने बताया कि मुझे बहुत खुशी थी कि 31 मई 2021 को माउंट ऐवरेस्ट की चोटी पर था। लेकिन यहां से वापस लौटने पर उन्हें स्वर्ण पदक तो प्रदान किया लेकिन इसके बाद न केंद्र और न ही राज्य सरकार द्वारा उन्हें किसी प्रकार की तवज्जो दी गई। जबकि उनके क्षेत्र संबंधित एक अन्य पर्वतारोही को नकद राशि प्रोत्साहन पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। बीते वर्ष में क्यूं नहीं उन्हें सराहा गया इस बात को वह इतनी अहमियत नहीं देते। लेकिन वर्तमान समय में कंचनजंगा पर्वतरोहण के लिए कैबिनेट मंत्री एवं किन्नौर जिले के स्थानीय  विधायक की शुभकामनाएं और आर्थिकी मदद केवल घोषणा तक ही सीमित रही। इस बात का कहीं न कहीं हृदय को ठेस अवश्य पहुंचाती है। जिसकी वजह जान जोखिम में डालने वाले पर्वतारोहियों के हौंसले बुलंद करने की बजाय उन्हें कहीं न कहीं अभावों सहित सरकार का इस दिशा में कोई पग न उठाने जाने के प्रति निराशा देते हैं। अगर राज्य सरकार ऐसा व्यवहार पर्वतारोहियों के प्रति करती रही तो कई पर्वतारोहियों का मनोबल इस साहसिक खेल से उठ जाएगा।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जीत कर भी कट्टर भाजपाइयों के घर मे निपट गयी भाजपा।एकमात्र मंडल अध्यक्ष योगेश भार्गव ने रखी थोड़ी लाज।

लोकेन्द्र सिंह वैदिक  लोकल न्यूज़ ऑफ इंडिया आनी:- मंडी संसदीय क्षेत्र से कँगना राणौत  लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह को हराकर संसद में पहुँच चुकी है।मंडी संसदीय क्षेत्र से आनी के विधायक लोकेन्द्र कुमार को छोड़कर सभी भाजपा के विधायक अपनी अपनी विधानसभा से कँगना राणौत को बढ़त दिलवाने में कामयाब रहे।अगर आनी विधानसभा की बात करें तो विक्रमादित्य सिंह को 8328 मतों की बढ़त मिली है।यहां तक कि विधायक लोकेंद्र कुमार की अपने बूथ पर भाजपा की दुर्गति है।विधायक के अपने बूथ आनी-2 पर कांग्रेस को बढ़त है।जहाँ पर कँगना राणौत को 186 मत व विक्रमादित्य सिंह को 298 मत मिले हैं।जहां से कांग्रेस को 112 मतों की बढ़त मिली है।अगर विधायक की पत्नी सुषमा देवी की बात करें जो खनी बटाला से पंचायत समिति सदस्या है।यहां पर भी सभी बूथों पर भाजपा के खस्ताहाल है।इनके अपने बूथ खुन्न में कँगना राणौत को 299 मत मिले जबकि विक्रमादित्य को 491 मत पड़े।इस बूथ से कांग्रेस को 192 मतों की बढ़त है।अब बात करते हैं पंचायतीराज प्रकोष्ठ हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष व लोक सभा चुनाव प्रभारी अमर ठाकुर की को जो पूर्व में ए पी एम सी कुल्लु...

महीनों से गायब सहायक अध्यापिका रहीं गणतंत्र दिवस पर अनुपस्थित,अवैतनिक छुट्टी के कारण सैकड़ों बच्चों का भविष्य अधर में।

  जयचंद लोकल न्यूज़ ऑफ इंडिया सोनभद्र/म्योरपुर/लीलाडेवा   शिक्षा क्षेत्र म्योरपुर के  अंतर्गत ग्राम पंचायत लीलाडेवा के कम्पोजिट विद्यालय लीलाडेवा में सहायक अध्यापिका रानी जायसवाल विगत जनवरी 2021से तैनात हैँ और प्रायः अनुपस्थित चल रही है।इस प्रकरण में खण्ड शिक्षा अधिकारी महोदय म्योरपुर श्री विश्वजीत जी से जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया कि सहायक अध्यापिका रानी जायसवाल अनुपस्थित चल रही हैँ अवैतनिक अवकाश पर है, उनका कोई वेतन नही बन रहा है। उधर ग्राम प्रधान व ग्रामीणों द्वारा दिनांक 27/12/2023 को ब्लॉक प्रमुख म्योरपुर व श्रीमान जिलाधिकारी महोदय सोनभद्र को लिखित प्रार्थना पत्र देने बावत जब ब्लॉक प्रमुख श्री मानसिंह गोड़ जी से जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया कि प्रार्थना पत्र पर कार्यवाही हो रही है श्रीमान मुख्य विकास अधिकारी महोदय  सोनभद्र  को मामले से अवगत करा दिया गया है।424 गरीब आदिवासी  छात्र- छात्राओं वाले   कम्पोजिट विद्यालय लीलाडेवा में महज 6 अध्यापक,अध्यापिका हैँ।विद्यालय में बच्चों की संख्या ज्यादा और अध्यापक कम रहने से बच्चों का पठन - पाठन सु...

खण्ड शिक्षा अधिकारी की लापरवाही से शिक्षा व्यवस्था बेपटरी,निर्माणाधीन विद्यालय भवन चढ़े भ्र्ष्टाचार की भेंट

  जयचंद लोकल न्यूज़ ऑफ इंडिया बीजपुर/सोनभद्र  प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी और महत्वकांक्षी निपुण भारत लक्ष्य और डीबीटी योजना म्योरपुर ब्लॉक में सुचारु रूप से चलती नजर नहीं आ रही है।योजना को शत प्रतिशत अंजाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी खण्ड शिक्षा अधिकारी म्योरपुर को शौपी गयी है लेकिन बीईओ की उदासीनता और लापरवाह कार्यशैली से ना बच्चे निपुण हो रहे हैँ और ना ही डीबीटी योजना का धन अभिभावकों तक पहुंच रहा है।बताया जा रहा है कि खण्ड शिक्षा अधिकारी म्योरपुर भवन निर्माण कराने वाले शिक्षकों और भगोड़े को प्रशिक्षण और बोर्ड परीक्षा ड्यूटी के नाम पर संरक्षण देने में ही अपना पुरा ध्यान लगा रखे हैँ।ऐसे में विद्यालयों में पठन पाठन का माहौल खत्म हो गया है।        शुक्रवार को म्योरपुर ब्लॉक के जरहा,किरबिल,सागोबाँध और म्योरपुर न्याय पंचायत के विभिन्न गांव में पहुँचे भाजपा के प्रतिनिधि  मंडल को ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षक विद्यालय नहीं आते हैँ तो विद्यालय के बच्चे निपुण कैसे होंगे।         मण्डल अध्यक्ष मोहरलाल खरवार को ग्रामीणों ने बताया कि  बच्चों ...