मैक्स हॉस्पिटल गुरुग्राम में तंबाकू के नुकसान के प्रति जागरूकता और शुरुआती जांच कराने के लिए समर्पित केंद्र खोला गया
भारतीय युवाओं में खतरनाक स्तर पर बढ़ रहा है तंबाकू का सेवन
अरुण कुमार
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
गुरूग्राम।तंबाकू का सेवन कैंसर, कार्डियक समस्याएं और स्ट्रोक समेत कई गंभीर बीमारियों का कारण बन गया है। तंबाकू से होने वाले मुंह के कैंसर की रुग्णता और मृत्यु दर के मामले में भारत दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। जागरूकता बढ़ाने के प्रयास और लोगों को कई सारी बीमारियों के इस बड़े बचावकारी कारण के बारे में संवेदनशील बनाने के लिए मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल, गुरुग्राम ने आज विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर अपनी तरह का पहला 'टोबैको अवेयरनेस एंड अर्ली डिटेक्शन केयर' शुरू करने की घोषणा की।
यह विशेष क्लिनिक धूम्रपान करने वालों को भविष्य की गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए शुरुआती जांच कराने और डायग्नोसिस कराने के लिए समर्पित रहेगा। यह क्लिनिक अस्पताल में ईएनटी विभाग के निदेशक और प्रमुख डॉ. रविंदर गेरा तथा मेडिकल आॅन्कोलॉजी के कंसल्टेंट डॉ. भुवन चुघ के अलावा कई अन्य हस्तियों की उपस्थिति में शुरू किया गया। इस मौके पर विशेषज्ञों ने लोगों को धूम्रपान तथा चबाने वाले तंबाकू के दुष्प्रभावों के बारे में बताया तथा तंबाकू की लत तत्काल छोड़ देने के लिए प्रेरित किया।
इस संवाद सत्र का मकसद लोगों को स्वस्थ आदतें अपनाने और नियमित जांच कराने के लिए जागरूक करना था। डॉक्टरों ने 10 साल से अधिक समय से धूम्रपान करने वालों और 30 साल से अधिक उम्र वाले व्यक्ति को तत्काल डॉक्टरी परामर्श लेने पर जोर दिया।
*डॉ. रविंदर गेरा ने कहा*, 'विश्व तंबाकू निषेध दिवस हमें तंबाकू के सेवन से शरीर और पर्यावरण दोनों के लिए खतरा बनने के बारे में लोगों को जागरूक करने का मौका देता है। युवाओं में तंबाकू का सेवन एक खतरनाक समस्या है और इस पर तत्काल ध्यान दिए जाने की जरूरत है। धूम्रपान का दुष्प्रभाव सांस लेने में दिक्कत के साथ कफ और गले के संक्रमण से शुरू होता है। इससे त्वचा भी दागदार हो जाती है और दांतों का रंग बिगड़ जाता है। समय के साथ हृदय रोग, ब्रोनकाइटिस, निमोनिया, स्ट्रोक तथा कई अन्य प्रकार के कैंसर जैसी और गंभीर समस्याएं बढ़ने लगती हैं जिनमें ओरल कैंसर सबसे सामान्य होता है।'
नेशनल सैंपल सर्वे संगठन के मुताबिक भारत में 14 साल से कम उम्र के 6000 बच्चे प्रतिदिन तंबाकू के लती हो चुके हैं। 15 साल से अधिक उम्र की 40 फीसदी भारतीय आबादी तंबाकू का किसी न किसी रूप में सेवन करती है। तंबाकू में 4000 से अधिक प्रकार के केमिकल होते हैं जिनमें 70 से अधिक कार्सिनोजेन और निकोटीन पाए जाते हैं जिनका लंबे समय तक इस्तेमाल इसका आदी बना देता है और स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है।
*डॉ. गेरा ने कहा*, 'जानलेवा बीमारियों की असली वजह चूंकि तंबाकू सेवन (चबाने और धूूम्रपान दोनों तरह से) ही बना हुआ है इसलिए तंबाकू सेवन के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाना बहुत जरूरी हो गया है। विशेषज्ञ द्वारा उचित जांच किए जाने से हम शरीर में धू्म्रपान संबंधी किसी भी बदलाव की पहचान कर सकते हैं और इस समस्या को बढ़ने देने से रोक सकते हैं।'
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक भारत में तंबाकू सेवन से होने वाली मृत्यु दर सबसे ज्यादा है और हर साल इससे 10 लाख लोगों की मौत होती है। तंबाकू उत्पादों का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता और सबसे बड़ा उत्पादक देश होने के कारण तंबाकू के बहुत सारे उत्पाद सस्ते में उपलब्ध हैं जिसे हर कोई खरीद सकता है। तंबाकू से हर साल 80 लाख लोगों की मौत हो जाती है और इसकी खेती, उत्पादन, वितरण, खपत से हमारे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है और साथ ही मानव स्वास्थ्य को भी बुरी तरह नुकसान पहुंचाता है।
इस साल 31 मई को मनाए जा रहे विश्व तंबाकू निषेध दिवस का फोकस युवाओं को बचाना और उन्हें तंबाकू तथा निकोटीन के सेवन से बचने में मदद करना है। धूम्रपान को असमय होने वाली मृत्यु के कई अन्य कारणों में सबसे बड़ा बचावकारी कारण माना जाता है। आपकी उम्र चाहे कुछ भी हो या आप कितने लंबे समय से ही धूम्रपान क्यों न कर रहे हों, आपको धूम्रपान त्यागने के साथ ही स्वास्थ्य लाभ मिलने लगता है।
*डॉ. भुवन चुघ ने कहा,* 'धूम्रपान जानलेवा है। इससे मौत भी हो जाती है और भारत में एकाध नहीं बल्कि इससे एक साल में 12 लाख मौतें होती हैं। इसके अलावा सभी तरह के ओरल कैंसर के 90 फीसदी मामलों के लिए धुआं रहित तंबाकू का सेवन ही जिम्मेदार माना जाता है। इससे लगभग सभी अंग प्रभावित होते हैं और कई बीमारियां पैदा होती हैं। तंबाकू सेवन और धूम्रपान से जुड़ी बीमारियों का दायरा न सिर्फ बहुत बड़ा है बल्कि यह खर्चीला भी है। इनमें ब्रेन स्ट्रोक, हार्ट अटैक, क्रोनिक आॅब्सट्रक्टिव लंग डिसआॅर्डर, मुंह, गले, स्वर नली, फेफड़े, पैनक्रियाज, ब्लाडर के कैंसर के अलावा पैनक्रियाज, किडनी, लीवर और पेट से जुड़ी बीमारियां भी शामिल हैं। यही वजह है कि हमने यह विशेष क्लिनिक खोला है जहां धूम्रपान से जुड़ी बीमारियों का इलाज किया जाएगा। इसका मकसद शुरुआती चरण में ही जांच कराने और बीमारी डायग्नोज करना है।'
मैक्स हॉस्पिटल की ही वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रमुख अर्पिता मुखर्जी ने कहा, 'हमारे डॉक्टरों ने यह एक अच्छी पहल की है क्योंकि तंबाकू सेवन करने वालों की संख्या बड़ी तेजी से बढ़ रही है। ऐसे लोगों में किशोर से लेकर वयस्क और बुजुर्ग महिला—पुरुष की आबादी शामिल हैं। यह केंद्र एक अनूठा वन स्टॉप शॉप होगा जहां तंबाकू सेवन से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं का निवारण किया जाएगा।'
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