- गन्ना मूल्य भुगतान का दावा पूरी तरह से खोखला
- सरकार की बीज वितरण योजना भी कुप्रबंधन का शिकार
- सोलर पम्प का अनुदान लेना किसान के लिए संजीवनी बूटी लाने से कम नहीं
- जब नहरों में पानी ही उपलब्ध नहीं है तो फिर फ्री सिंचाई की सुविधा के पैसे कहा बह रहे हैं
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
लखनऊ। राष्ट्रीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर दीक्षित ने कहा कि यूपी सरकार के बजट में किसानों से धोखा किया गया है। गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर सरकार पर अंाकडों का मकडजाल बुनने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि 2022 तक के गन्ना मूल्य भुगतान का दावा पूरी तरह से खोखला है। आज भी करीब तीन हजार करोड से अधिक का गन्ना मूल्य का भुगतान बाकी है। उनका कहना था कि किसान सम्मान निधि देने में भी किसानों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। सरकार ने खुद भी माना है कि किसान सम्मान निधि का लाभ अधिकांश किसानों तक नहीं पहुचा है। सरकार की बीज वितरण योजना भी कुप्रबंधन का शिकार है। करीब 90 प्रतिशत किसान को आज भी बीज बाजार से खरीदने को मजबूर है। सरकारी बीज वितरण कागजों पर ही होता रहता है। सोलर पम्प का अनुदान लेना किसान के लिए संजीवनी बूटी लाने से कम नहीं है। खाद की कालाबाजारी आज भी जारी है। अधिकारियों का काकस सरकार को गुमराह करने में लगातार सफल रहा है जिसका खामियाजा किसान को भुगतना पडता है। उनका कहना था कि जब नहरों में पानी ही उपलब्ध नहीं है तो फिर फ्री सिंचाई की सुविधा के पैसे कहा बह रहे हैं।
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