डॉ हरिदास भारद्वाज का नामांकन रद्द करना गैर क़ानूनी, असंवैधानिक और छत्तीसगढ़ विरोधी : अमित जोगी
छत्तीसगढ़ में राज्यसभा की पूरी चुनावी प्रक्रिया पर रोक लगाने उच्च न्यायालय में लगायेंगे गुहार
जनप्रतिनिधित्व कानून और संविधान के अंतर्गत डॉ हरिदास भारद्वाज जी का नामांकन पूर्णतः सही
दूसरे राज्यों के माफिया सरगनाओं को छत्तीसगढ़ से राज्यसभा भेजना छत्तीसगढ़ विरोधी कदम
हेमंत वर्मा
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
रायपुर। जेसीसीजे के राज्यसभा प्रत्याशी डॉ हरिदास भारद्वाज जी का नामंकन रद्द होने पर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा कि, डॉ हरिदास भारद्वाज जी का नामंकन गैर क़ानूनी और असंवैधानिक तरीके अपनाकर रद्द किया गया है ।इसके जवाब में संविधान की धारा 226/7 के अंतर्गत जनता कांग्रेस, छत्तीसगढ़ में राज्यसभा चुनाव की पूरी प्रक्रिया पर रोक लगाने माननीय उच्च न्यायालय से गुहार लगायेगी।
अमित जोगी ने कानून और संविधान का हवाला देते हुए कहा कि जनप्रतिनिधित्व कानून में प्रस्तावकों की संख्या के विषय में साफ़ उल्लेखित है कि अगर राज्यसभा प्रत्याशी निर्दलीय है तो उस प्रत्याशी के लिये, विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या के 10% विधायक प्रस्तावक होने चाहिए।और अगर राज्यसभा प्रत्याशी, चुनाव आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय या क्षेत्रीय दल का हो तो, प्रत्याशी को उसके सम्बंधित दल के विधायकों की कुल संख्या के 10% विधायक प्रस्तावक होने चाहिये। यानि छत्तीसगढ़ के संदर्भ में, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे), चुनाव आयोग द्वारा एक मान्यता प्राप्त दल है और उसके कुल विधायक यानि 3 विधायकों में से 10% विधायकों यानि केवल 01 विधायक प्रस्तावक के रूप में होना चाहिए। जीसीसीजे के प्रत्याशी डॉ हरिदास भारद्वाज जी के नामांकन में जीसीसीजे के तीनों विधायकों ने प्रस्तावक के रूप में हस्ताक्षर किये हैं यानि पार्टी के 100% विधायक प्रस्तावक बने थे । इसलिए प्रस्तावकों की संख्या के आधार पर डॉ हरिदास भारद्वाज जी का नामांकन रद्द करना पूर्णतः गैरक़ानूनी और असंवैधानिक है।अमित जोगी ने नामांकन रद्द करने को एक आपराधिक कृत्य की संज्ञा दी और कहा कि राज्य के मुखिया ने इसे प्रायोजित किया है।
अमित जोगी ने बताया कि प्रस्तावकों की संख्या के अलावा भी डॉ हरिदास भारद्वाज, राज्यसभा नामांकन के लिये लागू अन्य सभी नियमों और मापदंडों (आयु, नागरिकता वोटर आदि ) में खरे उतरते हैं। डॉ हरिदास भारद्वाज न सिर्फ अनुसूचित जाति का प्रतिनिधत्व करते हैं बल्कि पांच बार विधायक, दो बार कांग्रेस पार्टी के चीफ व्हिप और दो बार कैबिनेट मंत्री (पहली बार मध्यप्रदेश में भाजपा की सुंदरलाल पटवा सरकार में और दूसरी बार अजीत जोगी जी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में) रह चुके हैं। डॉ हरिदास भारद्वाज जैसा अनुभवी व्यक्ति, जमीनी जनप्रतिनिधि और माटीपुत्र छत्तीसगढ़िया राज्यसभा में जाने सबसे योग्य प्रत्याशी थे।
अमित जोगी ने कहा कि उन्हें पहले ही आशंका थी कि राज्य के मुखिया के ईशारे पर उनके सरकारी एजेंट डॉ हरिदास भारद्वाज का नामांकन रद्द करने के लिए सारे गैर क़ानूनी हथकंडे अपनाएंगे। कांग्रेस पार्टी ने जिस थाली में खाया उसी में छेद कर दिया।जिस छत्तीसगढ़ की जनता ने 71 विधायक दिये, उस राज्य के 3 करोड़ लोगों को छोड़कर, दूसरे राज्य के माफिया सरगनाओं को बुलाकर, उनकी आरती उतारकर राज्यसभा भेजना, अत्यंत दुर्भाग्यजनक है और छत्तीसगढ़ विरोधी है।
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