शिवम गोयल
लोकल न्यूज़ ऑफ़ इंडिया
हरिद्वार।आज दिनांक 13 जून को मैं हरिद्वार धर्मनगरी की आम जनता से कि हरिद्वार के अंदर एक बड़े आश्रम में एक बड़े संगठन की बैठक 3 दिन चली उस बैठक में क्या हुआ किन विषयों पर चर्चा हुई मुझे समझ नहीं आया उस बैठक में हरिद्वार धर्मनगरी के विषय पर कोई चर्चा नहीं हुई हरिद्वार विश्व का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल है इसके बावजूद भी धर्म नगरी के साथ क्या-क्या हो रहा है नशे का कारोबार हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र में सैकड़ों अवैध मास की दुकान कुंभ क्षेत्र में चल रही है जो 20 वर्ष पहले शराब का ठेका हर की पौड़ी से 20 किलोमीटर दूर बहादराबाद में हुआ करता था आज मात्र 6 किलोमीटर नगर निगम क्षेत्र में आ गया है इन गंभीर विषयों पर किसी भी बड़े संगठन के नेता ने चर्चा नहीं की यह हिंदू समाज के लिए बड़ा सोचने का विषय है उसी बैठक में बड़े-बड़े संत महात्मा वीआईपी संत हमारे धर्म के शंकराचार्य राम मंदिर से जुड़े महानुभाव उस बैठक में दूर-दूर से शिरकत करने आए पिछले 3 दिन से चल रही बैठक में हरिद्वार धर्मनगरी की मर्यादाओं का किसी ने भी ध्यान नहीं रखा कि हरिद्वार धर्मनगरी के साथ करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी हैं हरिद्वार उत्तराखंड देवभूमि का द्वार है यहां पर देवी-देवताओं का वास है क्योंकि यह भगवा सरकार के अंदर यह सब चल रहा है जिस कारण से हमारे संत हमारे बड़े हिंदू संगठन आवाज नहीं उठा पाए क्योंकि कहीं ना कहीं इन्हें भी सरकार से कई सुविधाएं चाहिए जिस कारण से सरकार के खिलाफ नहीं बोल पाते हरिद्वार में कितनी बार धर्म संसद हुई जब भी इस विषय पर किसी संत महात्मा बड़े हिंदू संगठन के नेताओं ने आज तक आवाज नहीं उठाई यह हिंदू समाज के लिए बड़ी गंभीर समस्या है और इस विषय पर सोचना चाहिए धर्म के नाम पर सिर्फ हिंदुओं को लूटा जाता है धर्म के लिए कोई विचार नहीं किया जाता नाही इन गंभीर विषय पर दो शब्द कहे जाते हैं हरिद्वार विश्व का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल है इसके बावजूद भी हमारे हरिद्वार धर्मनगरी के अंदर हर की पौड़ी के आसपास भी मांस परोसा जाता है अंडे परोसे जाते हैं राम मंदिर आंदोलन से जुड़े संत भी वहां आए थे और हमारे हरिद्वार के अंदर भगवान राम जी के मंदिर के पीछे 25 से 30 चिकन सेंटर खुलेआम चल रहे हैं बार चल रहे हैं क्या इस राम भगवान में और अयोध्या के राम भगवान में कोई अंतर है तो संत समाज बताएं या हिंदू संगठन बताएं जिसके लिए मैं पिछले 20 सालों से लड़ रहा हूं सरकार व प्रशासन नतमस्तक हैं हमारे लोग कई मुस्लिम मौलवियों के खिलाफ बयानबाजी तो करते हैं लेकिन उन लोगों से सीख नहीं लेते कि वह लोग अपने धर्म के लिए कितने कट्टरपंथी है मुस्लिम लोगों के प्रचारक 10 10 किलोमीटर पैदल चलकर सर पर गठरी रखकर अपने धर्म के लोगों को अपने धर्म के प्रति जागरूक करने जाते हैं जबकि हमारे प्रचारकों के पास सारी सुविधाएं हैं वीआईपी सुविधाएं उसके बावजूद भी हमारी धर्मनगरी के अंदर इतने अनैतिक कार्य हो रहे हैं पिछले काफी समय से बीएचएल सेक्टर दो मैं भी एक बड़े संगठन का कार्यक्रम चल रहा है हजारों संघ सेवक उस में भाग ले रहे हैं बड़ी-बड़ी बौद्धिक बातें हो रही है लेकिन वहां भी धर्म नगरी के विषय पर कोई नहीं सोच रहा सिर्फ धर्म के नाम पर राजनीति की जा रही है हमारे बड़े बड़े संतो को सरकार ने सुरक्षा मुहैया कराई हुई है कई हजारों रुपए रोज खर्च होते हैं इस कारण कि हमारे धर्मगुरु सुरक्षित रहे और हिंदू समाज के लिए कुछ सोचे कुछ बोले वह धर्मनगरी के लिए कुछ आवाज उठाएं लेकिन हमारा संत समाज अपने एसी आश्रम से बाहर आने को राजी नहीं हम लोग मुस्लिम धर्मगुरुओं के खिलाफ तो बोलते हैं लेकिन उनसे हम सीख नहीं ले पाते हैं हिंदू समाज को जागृत नहीं कर पाए 1925 में संघ की स्थापना हुई थी 100 वर्ष होने को आ गए आज तक यह लोग जातिवाद खत्म नहीं करा पाए अब हमारे संघ प्रमुख भी कहते हैं सभी लोगों से भाईचारा बनाकर रखें सबका साथ सबका विकास तो फिर मेरे जैसे लोगों को धर्म के नाम पर इंजेक्शन क्यों लगाएं मेरे जैसे मैं और मेरे परिवार भुगत रहे हैं दर्जनों मुकदमे लगे 6 बार जेल गए घरबार बिक गया पिछले 10 वर्षों से अपने बच्चों के साथ दर-दर भटक रहे हैं रोटी के लाले हैं लेकिन हमें अपने पर गर्व है कि धर्म की हमने लड़ाई लड़ी हम तो पिछले 26 वर्षों से आप की बैठकों में जाकर धर्म के मार्ग पर चल पड़े अब आप मार्ग बदलने की बात करते हैं यह हमारे लिए भी सोचने का विषय है अगर ऐसा ही करना था तो हजारों कार सेवक शहीद क्यों करवा दिए फिर हमारे जैसों को घर से बेघर क्यों करवा दिया हम तो धर्म के मार्ग पर चल पड़े या जिए या मरे नूपुर शर्मा के विषय में किसी बैठक में या किसी शिविर में चर्चा नहीं की गई आप लोगों का ही कहना है नारी देवी है नारी मातृशक्ति है नारी दुर्गा है हमारी बहन बेटियों की सुरक्षा की बात करते हैं आप धरातल पर कुछ नहीं नारी के सम्मान में बड़ी-बड़ी बात की जाती है मुसीबत के समय एक नारी को आप लोगों ने अकेला छोड़ दिया बाकी हिंदू समाज समझदार है यह सबक अंध भक्तों को भी सोचना होगा जागो हिंदुओं जागो हम तो आज भी हिंदू समाज को जगाने की कोशिश कर रहे हैं और जब तक जीवित हैं करते रहेंगे और अपने धर्म के लिए लड़ते रहेंगे हम इसलिए कामयाब नहीं हो पाए क्योंकि हमने बड़े बड़े लीडरों की चापलूसी नहीं करी और ना ही करेंगे यह धर्म की लड़ाई है भैरव सेना संगठन के बैनर तले यह लड़ाई लड़ते रहेंगे जो सच है मैंने लिख दिया किसी को बुरा लगे मुझे क्षमा करना
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