पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल पर 158 लोगों को नियमों को ताक पर रख नियुक्ति देने के लगे गंभीर आरोप
त्रिलोक रावत,
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,
उत्तराखण्ड: विधानसभा में अपनों अपनों के लिए नौकरी का जुगाड़ जो कुंजवाल नें किया वही प्रेमचंद अग्रवाल कर गए....
स्पीकर रहते गोविंद सिंह कुंजवाल पर 158 लोगों को नियुक्ति देने के लिए नियमों को ताक पर रख गंभीर आरोप लगे... थे
ओर तो ओर गोविंद सिंह कुंजवाल की पुत्रवधू स्वाति का नाम भी इन 158 नियुक्तियों की सूची में शुमार था...
उस दौरान कुंजवाल पर आरोप लगे कि उन्होंने पहले 131 लोगों को उपनल के माध्यम से विधानसभा सचिवालय में तैनाती दिलवाई, फिर चुनाव आचार संहिता से पहले 16 दिसंबर को इन सभी 131 कर्मियों का उपनल से सामूहिक इस्तीफा कराया और जल्द ही सभी को विधानसभा में तदर्थ नियुक्ति दे दी।
उपनल से सामूहिक इस्तीफे हुए 131 कर्मियों के और तदर्थ नियुक्तियां करा दी गई 158 लोगों की।
ओर उस दौरान ये 27 खिलाड़ी उनके थे जिनको कुंजवाल के जंगलराज की हवा लग चुकी थी.
तब तत्कालीन स्पीकर कुजवाल ने बाते बाहर ना आये इस फेर मे अन्य 27 लोगो के सगे-संबंधी भी नौकरियां पा गए
कुजवाल के समय भी तत्कालीन वित्त सचिव अमित नेगी ने इन 158 तदर्थ नियुक्ति वाले कर्मियों के वेतन जारी करने पर रोक लगी दी थी...लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कुजवाल के सर पर हाथ होने के कारण एक अधीनस्थ अधिकारी ने मज़बूरी मे हस्ताक्षर कर डाला...
कहने का मतलब यह है कि कुंजवाल ने ताबड़तोड़ बैटिंग करते हुए संगे-संबंधियों से लेकर अपने परिजनों नाते रिश्तेदार.. मित्रों के विधानसभा क्षेत्र जागेश्वर और अल्मोड़ा जिले पर खूब कृपा बरसाई
ख़बर तो ये भी थी की स्पीकर रहते गोविंद सिंह कुंजवाल ने अपने बेटे पंकज कुंजवाल को क्लास टू श्रेणी में विधासनभा रिपोर्टर पद पर नियुक्ति दिलाई!!!
कुंजवाल की बहू स्वाति कुंजवाल को भी 5400 ग्रेड पे पर उप प्रोटोकॉल अधिकारी के रूप में तदर्श नियुक्ति दे दी गई
इतना ही नहीं कुंजवाल के भतीजे स्वप्निल कुंजवाल को सहायक समीक्षा अधिकारी के पद पर नियुक्ति दे दी गई
विधायक हरीश धामी के भाई खजान धामी को विधानसभा रिपोर्टर के पद पर नियुक्ति दे दी गई।
विधायक हरीश धामी की बहू यानी खजान धामी की पत्नी लक्ष्मी चिराल को भी सहायक समीक्षा अधिकारी बना दिया गया।
तत्कालीन कैबिनेट मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी की पुत्री मोनिका को भी अपर सचिव पद पर तैनाती दे दी गई।
पूर्व सीएम बीसी खंडूरी के ओएसडी रहे जयदीप रावत की पत्नी सुमित्रा रावत को भी विधानसभा में नियुक्ति दी गई थी
अब जब भाजपा सरकार में स्पीकर का जिम्मा प्रेमचन्द अग्रवाल को मिला तो वह भी कुंजवाल के दिखाए रास्ते पर चल पड़े...
कहने का मतलब है कि जो कांग्रेस कि सरकार के दौरान हुआ वही खेल भाजपा सरकार के दौरान प्रेमचंद अग्रवाल ने कर डाला
बहरहाल उत्तराखंड भाजपा ने इस पूरे मुद्दे से पल्ला झाड़ लिया है उनका कहना है कि विधानसभा के अंदर विधानसभा अध्यक्ष के अपने अधिकार होते हैं और भाजपा का इससे कोई लेना-देना नहीं..
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