'विजयी मुस्कान'के बीच"गूंज उठा शंखनाद"...वर्चस्व हुआ कायम.
"संगठन"का दिव्य रुप निखरकर आया सामने,सिर गर्व से हुआ ऊंचा...लोकतांत्रिक परम्परा का हुआ निर्वहन.
"उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ सोनभद्र"के दबदबे और गौरवशाली इतिहास की कहानी हुई दर्ज.
निखरती छबि और शिक्षक जिम्मेदारियों के एहसास के बीच "उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ सोनभद्र"की व्यवस्था हुई 'चकाचक'.
प्रचन्ड ताकत के साथ"लोकप्रिय नायक"का हुआ उदय.
"उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ"के जज्बे की हुई फतह,शिक्षक जिजीविषा को प्रणाम करके सोनभद्र के'गुलाबी मौसम'के बीच तपे-तपाये शिक्षक बने संगठन के पर्याय.
"एलएनआई"के बेवाकी का फिर बजा डंका...शोहरत की बुलंदियों के बीच शिक्षक समाज के सूरज
बने"योगेश पान्डेय"
"साधना द्विवेदी"
"लोकल न्यूजआफ इंडिया"
सोनभद्र,उत्तर प्रदेश।
"अब नई कोंपले फूटेगी"
अब नए फूल मुस्काएगे,
अब नए घास के नए फर्श पर,
नए पांव इठलाएंगे"।
"दिव्य...भव्य...अनुपम और अलौकिक...नई सोच और नई जोश...के साथ एक बार फिर सुर्खियों में छा गया"सोनभद्र"..असमंजस भरे माहौल और विरोधियों के उड़ते नींद के बीच जहां सिर्फ पूर्वांचल ही नहीं वरन् पूरे प्रदेश की नजरें जिला सोनभद्र के शिक्षक संघ के चुनाव पर टिकी हुई थी।
"मनचाहे दृश्यों"के बीच नये अन्दाज में व्यवस्था की जय-जयकार करते 'राज बैंक्वेट पैलेस होटल'मे मिडिया के लगे मजमे एवं गजब के उत्साह के बीच "अपनत्व का मोह,खाश के चयन की कुप्रथाओं से लेकर कार्यस्थल तक भेदभाव झेलने के अभ्यस्त बन चुके शिक्षकों का हुजूम"क्रांति की मशाल"थामे निर्वाचन अधिकारी मनोज पान्डेय व पर्यवेक्षकों प्रभु नारायण सिंह की गरिमामई उपस्थिति में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष एवं सम्पूर्ण कार्यकारिणी का लोकतांत्रिक ढंग से चुनाव करने के लिए प्रतिबद्ध था.
"व्यवस्था से मन्त्रमुग्ध"हुए शिक्षकों के बीच आनन्द की लहर उस समय फैल गई जब काम करने की चाहत व प्रतिभाओं को तराशने की प्रक्रिया में अध्यक्ष पद पर योगेश पान्डेय(निर्विरोध)के अतिरिक्त महामंत्री रवींद्र चौधरी,वरिष्ठ उपाध्यक्ष सर्वेश कुमार गुप्ता,कोषाध्यक्ष अशोक सिंह,सयुंक्त मन्त्री राजेश जायसवाल, मिडिया प्रभारी राजेश द्विवेदी का चुनाव होते ही चमकते चेहरों के बीच शिक्षकों में स्पष्ट महसूस किए जा सकने वाले भारी उल्लास के भाव के बीच,गर्व और गरिमा के साथ-साथ शिक्षक हितों की अनदेखी करने वाले विरोधियों को पसीना आने लगा.
लोकतांत्रिक सोच को प्रोत्साहित करती"उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिला कार्यकारिणी सोनभद्र"के चुनाव के इस अवसर पर ब्लाक म्योरपुर से पवन शुक्लेश,अनिल कुमार द्विवेदी, सर्वेश गुप्ता,बब्बन प्रसाद गुप्ता,विनोद कुमार,ओम शकर नारायण शर्मा,गौरीशंकर गुप्ता,राजेन्द्र वैश्य,धर्मराज वैश्य,अवधेश सिंह,अजीत कुमार गुप्ता के अतिरिक्त बभनी से चन्दजीत सिंह,सुनील,राबर्टसगंज से मनीष,घोरावल से सन्तोष सिंह,सुनीलमाथुर,प्रभा शंकर मिश्र, स्नेहलता,चन्दन,कर्मा से पवन,चतरा से तरुण चौबे, आरकेश,सुजीत,दुद्धी से जितेंद्र चौबे,अरबिंद,भोलानाथ, चोपन से आलोक के अतिरिक्त हजारों शिक्षक,शिक्षिकाओं,शिक्षामित्र,अनुदेशकों ने भाग लिया.
"गर्व की अनुभूति"एवं जगजाहिर काबिलियत के साथ मिडिया के निगाहों के बीच अपना परचम लहराती "एलएनआई"को यह नजारा आंखों में भा गया जब शोहरत की बुलंदियों के बीच शतरंजी चाल में माहिर नवनियुक्त जिलाध्यक्ष "योगेश पान्डेय"की शिक्षक हितों की अनदेखी न करते हुए शिक्षक शौर्य जाग्रत करने के तहत कार्यक्रम में"श्रद्धा का सागर"भरती यह रचना सबके दिलों को छू गई कि.....
"गिरा जहां पर खून"
वहां का पत्थर-पत्थर जिन्दा है
जिस्म नहीं है मगर नाम का
अक्षर-अक्षर जिन्दा है।
जीवन में यह अमर कहानी,
अक्षर-अक्षर गढ़ लेना,
शौर्य कभी जब सो जाए तो,
राणा प्रताप को पढ लेना.
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें