पं विनय शर्मा
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
हरिद्वार। श्राद्ध की 16 तिथियां होती हैं, पूर्णिमा, प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्टी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी और अमावस्या। उक्त किसी भी एक तिथि में व्यक्ति की मृत्यु होती है चाहे वह कृष्ण पक्ष की तिथि हो या शुक्ल पक्ष की। पितरों को क्या दान करते हैं?
शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष में पितरों के पहनने योग्य वस्त्र जैसे धोती, कुर्ता और गमच्छा आदि का दान करना चाहिए. इस दौरान वस्त्रों का भी विशेष महत्व है. इस दौरान जूते, चप्पल, छाते का भी दान भी किया जा सकता है, और पितृपक्ष के दौरान इनका दान शुभ माना जाता पितरों को प्रसन्न करने के लिए क्या करें?
Pitru Paksha 2022 शास्त्रों में पितृ पक्ष के दौरान तर्पण श्राद्ध कर्म और पिंडदान का विधान है। पितरों को तर्पण और श्राद्ध कर्म करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। इस मौके पर पितृ अपने परिजनों को आशीर्वाद देते हैं। -अगर सपने में पितृ हंसते हुए दिखाई देते हैं, तो इसका मतलब यह है कि पितृ आपसे प्रसन्न हैं। ऐसे मिलेगा पितरों का पूरा आशीर्वाद
जिस दिन पूर्वजों की तिथि हो उस दिन सोना-चांदी, घी-तेल, नमक, फल, मिठाई, गुड़ का दान करना बहुत अच्छा होता है. - यदि पूर्वजों के निधन की तिथि पता नहीं है या किसी की अकाल मृत्यु हुई है तो सर्व पितृ श्राद्ध के दिन पितरों का पिंडदान श्राद्ध जरूर करें.
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