कुछ नया करने की, समाज -देश को नई दिशा देने की। ऐसी एक नई पहल आज हुई है।
इससे समाज के अन्य लोगों में भी यह संदेश जाएगा कि वह अपने सम्मेलन में समाज के अन्य भाइयों को जिसे वे उचित समझें, बुलाएंगे और अपने समाज को समझने का मौका देंगे ।
उन्होंने कहा कि वैश्य समाज के नेता चाहे किसी भी पार्टी में रहे , वह सब की सेवा करें लेकिन अपनों को भी याद रखें। उन्होंने सम्मेलन का स्वागत करते हुए कहा की काश ऐसे अवसर आते रहे ताकि सभी की भलाई करने वाला यह समाज इकठ्ठा रहे और संघटित समाज अपनो के साथ-साथ देश की सेवा भी करता रहे।
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