विजय शुक्ल
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
दिल्ली। तरविंदर सिंह मारवाह कभी कांग्रेस के एक बड़े चेहरे के रूप में दिल्ली की राजनीति में अपना दमखम रखते रहे और अब भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने अपने कद और राजनीतिक पकड़ के हिसाब से राजनीतिक विरासत की पहली पायदान पर अपने बेटे अर्जुन कंवर पाल सिंह मारवाह को लाजपत नगर वार्ड से बतौर पार्षद उम्मीदवार उतारा हैं और राजनीतिक गलियारे में यह माना जा रहा हैं कि मारवाह के ऊपर ना सिर्फ अपने बेटे बल्कि बाकी के वार्ड जो विधानसभा जंगपुरा के हिस्से हैं को जिताकर लाना हैं क्योकि यह उनकी राजनीतिक पकड़ का एक तरीके से फ्लोर टेस्टिंग टाइप का मामला भाजपाई नेतृत्व को दिख रहा हैं और भाजपा के कर्मठी कार्यकर्ताओ के लिए भी अब अपनी जमीन पर अर्जुन कंवर पाल सिंह मारवाह के रूप में महज एक प्रतिद्वंदी ही दिख रहा हैं क्योकि अब तक सभी की लड़ाई कांग्रेस की बजाय मारवाह से ही हुआ करती थी और अब वही भाजपा का हिस्सा हैं तो अब भी लड़ाई उसी मारवाह से लड़ते हुए अंदरखाने वो दिख भी रहे हैं।
अगर उनके बेटे के वार्ड में उनकी मजबूती का आकलन किया जाय तो शायद हरिनगर आश्रम के बूथ पर थोड़ा बहुत लीड बनाते हुए देखा जा सकता हैं बाकी भाजपा तो दरियागंज में प्रचार करती दिख रही हैं। लाजपतनगर में तो अकेले मारवाह लड़ रहे हैं वो भी उनकी अपनी वाली भाजपाई सिपाहियों के साथ। अगर मारवाह को जीतना हैं तो भाजपा को एक करने की लड़ाई को पहले जीतना होगा वरना बेटे की राजनीतिक यात्रा शुरू होने से पहले ही हाशिये पर न चढ़ा दी जाय चाटुकारो और मौक़ा परास्त प्रचारकों की टोली द्वारा जो कभी खुद की टिकट की जुगाड़ में लगे थे और अब सिर्फ खानापूर्ति में लगे हैं।
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