विजय शुक्ल
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
दिल्ली। लगातार चार बार कांग्रेस की पार्षद के बतौर अपने वार्ड में हर किसी के बुलावे पर हाजिरी और चौखट पर आये सभी के लिए हाजिर रहने वाली दर्शना जाटव पांचवी बार भी आम आदमी पार्टी और भाजपा के लिए खतरा क्यों बनी हैं ? आप विधायक प्रवीण कुमार और झुग्गियों पर केजरीवाल की मजबूत पकड़ की मौजूदगी में दर्शना जाटव की राह उतनी आसान भी नहीं हैं जितनी दिख या दिखाई जा रही हैं। पर इन सबके बावजूद भाजपा की अंतर्कलह , मजबूत दावेदार महेन्दर दीक्षित की पत्नी को टिकट ना मिलना और नागली जैसे इलाके का वार्ड से कटना और आप कार्यकर्ताओ की उम्मीद का उम्मीदवार ना मिलना शायद मोदी और केजरीवाल के मजबूत किले को कमजोर बनाते हुए लोगो के बीच में हमेशा हाजिरी का मुनाफा दर्शना जाटव उठा सकती हैं क्योकि लोगो का सिर्फ हमेशा उसकी उपलब्धता उसकी एक मात्र मेरिट दिखती हैं जो ना तो आप विधायक बना पाए और ना दूसरे प्रत्याशी। वरना हुकुमचंद और राजेश वाला पार्क जैसा कई बंटवारा तो दर्शना जाटव की बदौलत बहुत पहले किया जा चुका था जो शायद कही न कही एमसीडी के नियमो की अनदेखी करते हुए स्वतः सुखाय के लिए नामकरण योजना के अंतर्गत किया गया होगा बाकी सीनियर सिटीजन के नाम पर पार्क में बनी हट तो बड़े बुजुर्गो की हितैषी व्यवस्था की बजाय राजनीतिक अखाड़े की हट ही दिखती हैं।
बहरहाल पूर्व कोंग्रेसी नेता तरविंदर सिंह मारवाह के भाजपा में जाने से जितने कांग्रेसी दर्शना को दुविधा में डालेंगे उनसे ज्यादा भाजपाई दर्शना की दुविधा दूर करेंगे। कुल मिलाकर भाजपा कांग्रेस की अंतरकलह बिखराव के बावजूद मजबूत समर्थको की एक लम्बी सूची दर्शना की गिनती का इजाफा कर सकती हैं बशर्ते भाजपा और आप की मनमोहक बोरी खुलने के बाद लोगो की कितनी मौज होती हैं और उनका मूड कितना बनता हैं भाजपाई या आप टाइप का और उस पर दर्शना की अपनी क्या चुनावी बिसात बिछती हैं यह सब इस बार सिद्धार्थ नगर वार्ड का भविष्य तय करेंगे पर एक बात जो सब पर भारी हैं और जो जनता को समझ में आती हैं कि दर्शना का अनुभव चार बार का और उसका लोगो के साथ तालमेल पांचवी बार की राह थोड़ा आसान तो बनाता हैं।
किसी दर्शना समर्थक की एक लाइन कि ऐ बादलो खूब गरजो पर अभी मत बरसना क्योकि इस बार भी आ रही हैं ...... काफी हैं समझदारो के लिए।
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