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आखिर आए क्यो थे नड्डा?

 

(फोटो अकील खान)

विजय शुक्ल 

नौ साल का कार्यक्रम और उसमे नड्डा जी का जोरदार तरीके से मोदी जी के कामों की तारीफ.. बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष करना अच्छा लगा । पर बार बार पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर पूर्व मंत्री तक, कुल्लू नड्डा जी की बुआ का घर हैं ...कुल्लू नड्डा जी की बुआ का घर हैं.. कहना वो भी महज कुर्सियों पर बैठे दो हजार और पूरी ताकत से भौकाल वाली भाषा मे बढ़ा चढ़ाकर बोले तो उतने ही बाहर खड़े हुए और बैंड बाजा बाराती सबको मिलाकर मंच पर विराजमान लोगो को ज्यादा से ज्यादा गिने तो कुल रथ मैदान में आई भीड़ का आंकड़ा 4300 या 4400 पहुंच जाएगा पर सटीक आकलन करने वालो को यह महज ढाई से तीन हजार तक दिखा वो भी ग्यारह विधायक मय पूर्व मुख्यमंत्री और दो पूर्व मंत्री, कुल्लू के राजा महेश्वर सिंह के होते हुए। कहे तो अगर मंडी लोकसभा की 17 विधानसभाओं के हिसाब से भी 200 जमा एक विधानसभा भीड़ कह दे तो दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के अध्यक्ष के लिए यह कितना खास होगा।



(फोटो अकील खान)


लोगो ने कहा हमे यह समझ नही आया कि आखिर नड्डा जी आए क्यो थे इस ऐतिहासिक मैदान मे? अपनी बेइज्जती कराने या दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा की। और यह किसी कांग्रेसी कार्यकर्ता का बयान नही हैं,यह एक सुलझे हुए भाजपाई का बयान हैं । उसका मानना हैं कि अगर जयराम या नड्डा जी लोकसभा चुनाव लड़ते हैं तो भाजपा यह सीट भी बुरी तरीके से हारेगी। मंडी के नौ विधायकों ने नौ साल की मेहनत का फालूदा कैसे बनाया यह कुल्लू के मैदान में दर्ज हो गया और आने वाले समय में यह नौ रत्न और उनके हारे हुए मंत्री हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष की मिट्टी पलीद करने की तैयारी में हैं जिससे नड्डा जी जैसा नामचीन आदमी, संगठन के हर पायदान को अपनी मेहनत से नापते हुए इतने बड़े कद तक पहुंचने की कहानी लिखने वाला शख्स दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी का मुखिया होने के बावजूद हिमाचल की लोकसभा हार जाय। अब सवाल साफ हैं कि नड्डा जी चुनाव लडेंगे या लड़वाएगे। 



हालांकि इस मौके पर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले नौ साल के कार्यकाल में देश की जनता के लिए चलाई गईं योजनाओं का काफी गुणगान किया।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाई गई योजनाओं से आम व्यक्ति को फायदा पहुंचा है।उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में कांग्रेस ने सरकार बनाई है, वहां झूठ बोलकर और कोरी घोषणाएं कर सत्ता हथियाई है, लेकिन बाद में अब उनकी घोषणाएं गले पड़ गई हैं। उन्होंने कहा है कि हिमाचल में भी कांग्रेस पार्टी ने लोगों से झूठ बोलकर और झूठी 10 गारंटी देकर सत्ता तो हथिया ली है, लेकिन अब यह 10 गारंटियां पूरी करनी कांग्रेस के लिए मुसीबत बन गई हैं। अबकी बार कांग्रेस का नक्शा बिगाड़ देना।उन्होंने कहा कि देश में कांग्रेस पार्टी परिवारवाद की पार्टी बनकर रह गई है, लेकिन भाजपा इसके विपरीत पार्टी बनी है। जो परिवारवाद से ऊपर उठकर आम व्यक्ति को राजनीति के क्षेत्र में आगे बढ़ने का मौका देती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका जीता जागता उदाहरण हैं।यही कारण है कि मुझ जैसा व्यक्ति जिसका राजनीति में परिवार का कोई भी व्यक्ति नहीं है, लेकिन इसके बावजूद दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के अध्यक्ष के रूप में कार्य करने का मौका दिया है।


अब सवाल फिर यही उठता हैं कि आखिर मोदी जी और शाह जी के भरोसे से दुनिया के सबसे बड़े संगठन के मुखिया की भूमिका को निभाने वाले सरल संगठित व्यक्तित्व का अहित सोचकर यह नौ रत्न चाहते क्या है नड्डा जी को निपटाना? क्योंकि आज की तारीख में कोई भी आकलन करने वाली एजेंसी से एक सवाल पूछ लिया जाय कि क्या नड्डा जी या जयराम ठाकुर चुनाव लड़ते हैं तो मंडी लोकसभा जीत जायेगे तो जवाब एक ही होगा नही। ना तो यह ना तो इनके हारे हुए मंत्री। और अगर यह लोग लड़े तो मंडी गई और अगर मंडी गई तो झंडी गई समझो। अच्छा होगा अगर नड्डा जैसे राष्ट्रीय अध्यक्ष को पुनः सत्ता वापसी के लिए खुला मौका मिले और प्रदेश अध्यक्ष बिंदल और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की जोड़ी चारो सीटों पर चुनाव लड़ाने और जिताने की भूमिका निभाए।

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