गब्बर सिंह वैदिक
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
निरमंड की कोठी ढोड़ गढ़ "डमेहड़ी" के आराध्य देवता साहिब श्री नगेला अपने हरियानो पूरे लाव लश्कर के साथ अपनी माता बूढ़ी नागिन सरोउलसर की यात्रा के लिए निकले है जहां देवता 27 वर्षों के बाद अपनी मां बूढ़ी नागिन के दरबार में अपना शीश नवाकर अपनी मां से आशीर्वाद लिया और शक्तियां प्रदान की। यहां देवता साहिब ने 96 वर्षों बाद पाकवा निवासी झाले राम को अपना माली गूर चुना अपना नया माली ( गुर) चुनने के देवता जलोड़ी सरेलसर के लिए रवाना हुए थे। मंदिर कमेटी डमेहड़ी के सदस्य कमलेश नेगी ने जानकारी देते हुए बताया कि देवता साहिब नगेला ने करीब 96 वर्षों के बाद अपना नया माली(गूर) चुना है और 27 वर्षों के बाद अपनी माता बूढ़ी नागिन से आशीर्वाद और शक्तियां प्राप्त करने के लिए सरेउलसर के लिए दौरे पर निकले है। उन्होंने बताया है कि देवता साहिब मंदिर से पहले पड़ाव में "लागी बुर" पहुंचे और दूसरे दिन देवता साहिब बूढ़ी नागिन के पवित्र स्थल सरेउलसर पहुंचे जहां देवता साहिब ने दुबी लगाकर स्नान किया अपना नया माली गूर निकला। उन्होंने बताया कि बूढ़ी नागिन के 9 नागों में से एकमात्र निरमंड क्षेत्र के देवता साहिब नगेला अपने माली (गूर) के चुनाव के लिए अपनी माता बूढ़ी नागिन की पवित्र झील सरेउलसर आते हैं और बाकी के अन्य नाग सरपरा के नाग लड़ाई में चुनते हैं। इस दौरान विक्की ठाकुर, राजेंद्र पाल, तेजा नंद, लवली, सहित सैकड़ों देवलु रवाना हुए थे।
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