नेता आये और चले गये बस दे गये आश्वासन
राज अग्रवाल
लोकल न्यूज़ ऑफ़ इंडिया
मनाली ।आपदा की इस घड़ी में अब दौरे शुरू हो गया है हमारे नेताओं के दौरे । नेता आ रहे है और आ कर अपना उल्लू साध रहें है बरसों से ऐसा ही होता आया है और होता ही रहेगा लोगों के जान माल का नुक़सान होता रहेगा । यह लोग अपनी राजनीति की रोटियाँ सेंकते रहेंगे क्या विपक्ष क्या सत्ता पक्ष।
प्रशासनिक अधिकारी क्या करे आपदा पीड़ित को देखे या इन नेताओं के दौरे को । लोग बिना छत, भूखे प्यासे इंतज़ार कर रहे है कि उनका नेता आएगा उनकी मदद करेगा पर नेता आए और चले गये। मिला क्या सिर्फ़ आश्वासन । किसी भी नेता ने किसी भी भूखे को दो वक़्त की रोटी और छत का इंतज़ाम नहीं किया। बस आये और चले गये और जो अधिकारी इस आपदा में दिन रात एक कर अपने फ़र्ज़ को अंजाम दे रहे थे उनको इनाम के तौर पर बर्खास्त कर दिया। इन नेताओं ने ऐसी घटना दुबारा ना घटे उसके लिए वर्षों से नदी नालों को चैनेलाइज करने की घोषणाएं तो की मगर जमीन पर शिर्फ़ शून्य ।मेरा नेता महान ।हज़ारों करोड़ का नुकसान और अनमोल जिंदगिया व्यास की आग़ोश में समा गई अगर आश्वासनो की जगह नदी नालों का चैनलाइज्ड कर दिया होता तो यह दिन ना देखना पड़ता। सभी अख़बार या न्यूज़ चैनल आज दिखा रहे है कि ऐसा हो गया...यह हो गया...अगर इन नेताओं से यह पूछा होता कि आप यहाँ क्या करने आये है?अगर कुछ करना है तो अपने आला अधिकारियों को कुछ करने दो। इन को पता है इस समय क्या करना है? आप सिर्फ़ धन और इंफ्रास्ट्रक्चर का इंतज़ाम करो,यह अधिकारी इन नेताओं से अधिक अपने कार्यक्षेत्र में निपुण है। आज हर जगह क्या हुआ, क्या हो रहा है, कितने का नुक़सान हुआ, क्या होगा, सरकार क्या कह रही है, विपक्ष क्या अलाप रहा है?
सत्य यह है की इस घटना क्रम ने दिल को झिंझोड़ कर रख दिया। जिन्होंने अपना सब कुछ खो दिया.... जिनके चिराग़ बुझ गये और जिन के आंसू सूख गये.. उनका अब क्या होगा, यह तो अब भगवान ही जाने। हम और आप तो दो चार दिन में सब भूल जायेंगे पर जिन्होंने अपना सब कुछ खो दिया उन का क्या होगा यह भी भगवान जाने।
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