सन्नी कुमार तिवारी
लोकल न्यूज़ ऑफ इंडिया
हरिद्वार: चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग करने वाले चंद्रयान-तीन के प्रोपल्सन मॉड्यूल-लैंडर की उर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में बीएचईएल का महत्वपूर्ण योगदान है। बीएचईएल ने विशेष तौर पर चंद्रमा की सतह तक पहुंचने के सफर के सुगम व निर्बाध बनाने को चंद्रयान-तीन के लिए स्वदेशी तकनीक पर आधारित टाइटेनियम प्रोपेलेंट टैंक तथा प्रोपल्सन मॉड्यूल एवं लैंडर मॉड्यूल में लगी बैटरियों को निर्मित किया।चंद्रयान-तीन की सफलता पर बीएचईएल में उत्सव का माहौल है। सभी एक-दूसरे को बधाई दे रहे हैं। चंद्रयान-तीन के इस काम में बीएचईएल की विभिन्न इकाइयों ने सहयोग किया। देश की महारत्न कंपनी बीएचईएल राष्ट्र की ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति करने के साथ-साथ दो दशकों से भारत की अंतरिक्ष आकांक्षाओं को शक्ति देने के लिए इसरो के साथ सक्रिय सहयोग व साझेदारी कर रही है।बीएचईएल ने बनाया टैंक -
प्रोपेलेंट एक तरह ईंधन है, जिसका अंतरिक्ष मिशन में बहुधा उपयोग होता है। इस ईंधन को रखने के लिए जिस टैंक की चंद्रयान-तीन को आवश्यकता थी, उस टाइटेनियम प्रोपेलेंट टैंक का निर्माण इसरो के लिए देश की महारत्न कंपनी बीएचईएल ने किया।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें