- एमबीबीएस के आठ सीनियर प्रशिक्षु डाक्टरों ने नए बैच के प्रशिक्षु डाक्टरों की ली रैगिंग
---- जूनियरों प्रशिक्षु डाक्टरों के उतरवाए कपड़े
लोकल न्यूज आफ इंडिया धर्मशाला, ( गौरव सूद ) : कई जिलों को स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले टांडा मेडिकल कॉलेज में एक बार फिर विवाद सामने आया है। करीब 14 साल बाद टांडा में सीनियर डाक्टरों ने नए बैच के प्रशिक्षु डाक्टरों की रैगिंग की है। जानकारी मुताबिक सीनियर डाक्टरों ने जूनियर डाक्टरों को असाइनमेंट बनाने को कहा था।
जिसके बाद प्रशिक्षु डाक्टरों के मना करने के बाद सीनियर प्रशिक्षु डाक्टरों ने जूनियरों के कपड़े उतरवा दिए और उनकी रैगिंग की। बताया जा रहा है कि यह मामला बीते रविवार का है। घटना के बाद जूनियर डाक्टर सहमें हुए थे , लेकिन दो प्रशिक्षु डाक्टरों ने हिम्मत जुटाकर टांडा मेडिकल कालेज प्रशासन व प्रधानाचार्य कार्यालय में इस बावत शिकायत दे डाली
। इस मामले के सामने आने के बाद कालेज प्रशासन ने तुरंत एंटी रैगिंग कमेटी में समक्ष इस मामले को रखा है। इस मामले में रैगिंग करने वाले एमबीबीएस बैच 2020 व 2022 के आठ प्रशिक्षु डाक्टरों पर 50-50 हजार का जुर्माना लगाया गया है और उन्हें तीन महीनों के लिए कालेज से निष्कासित करने के साथ- साथ छह महीनों के लिए होस्टल से भी निष्कासित कर दिया गया है। इसके अलावा 50 हजार की जुर्माना राशि को सात दिनों के भीतर जमा करने के आदेश दिए गए हैं।
अमन काचरू प्रकरण से भी नहीं ली सीख , या रही प्रशासनिक कमी ---
वर्ष 2009 में पूरे उतर भारत को झकझोर देने वाले अमन काचरू प्रकरण के बाद भी करीब 14 साल बाद टीएमसी में ऐसा रैगिंग का मामला सामने आया है। उल्लेखनीय है कि 7 मार्च, 2009 को टीएमसी में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के 19 वर्षीय प्रशिक्षु डाक्टर अमन काचरू को होस्टल में रैगिंग के दौरान उसके सहपाठियों संग चार वरिष्ठ छात्रों ने बुरी तरह पीटा था। चोटों के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराए जाने के अगले दिन अमन काचरू की मौत हो गई थी। अदालत ने अमन काचरू की रैगिंग करने वाले चारों छात्रों को भारतीय दंड संहिता की दफा 304, 452 और 34 के तहत दोषी ठहराते हुए चार साल का कठोर कारावास दिया था। रैगिंग की इस घटना ने पूरे देश में टीएमसी को शर्मसार किया था। उस मामले के 14 साल बाद टीएमसी में एक बार फिर रैगिंग का मामला सामने आने से प्रशिक्षु डाक्टर बहुत डरे हुए हैं और अभिभावकों की चिंताएं भी बढ़ गई हैं। अब टीएमसी की एंटी रैगिंग कमेटी को बहुत चौकन्ना रहना होगा, क्योंकि एक तरफ तो रैगिंग को रोकना होगा, दूसरे शिकायत करने वाले प्रशिक्षु डाक्टरों की भी हिफाजत करनी पड़ेगी। उधर, टांडा मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य डा. भानु अवस्थी ने कहा की रैगिंग का मामला सामने आया है और दोषियों को एंटी रैगिंग कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सजा दी गई है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें