कलाकृतियों ने दिल्ली वासियों का मन मोहा
आर्ट फॉर क्लाइमेट एक्शन: इंडिया आर्ट फैक्ट्स के तत्वावधान में देशभर के सौ चुनिंदा कलाकारों की कलाकृतियां प्रदर्शित
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
नई दिल्ली । देशभर के सौ से अधिक कलाकारों की पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी कलाकृतियों ने राजधानी दिल्ली की पांच दिनों तक शोभा बढ़ाईं। दिल्ली के प्रगति मैदान में एक से पांच सितंबर तक चले आर्ट फॉर क्लाइमेट एक्शन: इंडिया आर्ट फैक्ट्स में देशभर के चुनिंदा कलाकारों की किस्म किस्म की कलाकृतियां दिल्ली वासियों के आकर्षण का केंद्र बनी रहीं। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस अद्भुत कला-संगम का उद्घाटन किया था और कहा था कि ऐसी कला प्रदर्शनियां देश-समाज के संस्कारों का संवर्धन करती हैं। खास तौर पर वर्तमान कला प्रदर्शनी में पर्यावरण की सुरक्षा और उसके संरक्षण को लेकर विभिन्न प्रकार की कलाकृतियां प्रदर्शित की गई हैं, जो विशेष संदेश देती हैं।
आर्ट डेवलपमेंट एंड इंटीग्रेशन ऑफ आर्ट एंड आर्टिस्ट (ओडीआईएए) के सचिव क्षितीश चंद्र दास ने बताया कि कलात्मक रचनात्मकता और पर्यावरणीय चेतना के सामंजस्यपूर्ण अभिसरण में, आर्ट फॉर क्लाइमेट एक्शन शिखर सम्मेलन ने लोगों के दिल और दिमाग दोनों को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रगति मैदान में राष्ट्रीय शिल्प संग्रहालय और हस्तकला अकादमी की पृष्ठभूमि में आयोजित यह अभूतपूर्व कार्यक्रम कालजयी कलाओं की शक्ति का एक प्रमाण है। नवाचार के ब्रश-स्ट्रोक पर्यावरण संरक्षण की तात्कालिक अनिवार्यता से जुड़े हुए हैं। देश के विभिन्न कोनों के प्रसिद्ध कलाकारों ने वर्तमान में पर्यावरणीय प्रबंधन पर एक सम्मोहक कथा तैयार करने के लिए अपनी असीमित प्रतिभा का प्रदर्शन किया। पर्यावरण संरक्षण पर आधारित कलाकृतियां पर्यावरण-चेतना को पुनर्जागरण को प्रेरित करने वाली रहीं।
नायाब कलाकृतियों का यह शिखर सम्मेलन ऑर्गनाइजेशन फॉर डेवलपमेंट एंड इंटीग्रेशन ऑफ आर्ट एंड आर्टिस्ट (ओडीआईएए) द्वारा आयोजित किया गया। कला प्रदर्शनी के आयोजन में केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय, राष्ट्रीय शिल्प संग्रहालय और हस्तकला अकादमी का भी सहयोग मिला। केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस कला प्रदर्शनी को सार्थक एवं सकारात्मक बताया। कला प्रदर्शनी का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के कर कमलों कमल से हुआ। इस मौके पर प्रसिद्ध अभिनेता मनोज जोशी समेत कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
कला प्रदर्शनी के आयोजक क्षितीश चंद्र दास ने कहा कि यह आयोजन एक परिवर्तनकारी अनुभवों से होकर गुजरने जैसा रहा, जहां कला तमाम पारंपरिक सीमाओं को पार कर पर्यावरण की हिफाजत में एक शक्तिशाली सिपाही की तरह खड़ी हो जाती है। दास ने कहा कि पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखना और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना देश-समाज का मूल दायित्व है। प्रकृति के विभिन्न रंगों को अपनी कूची में भर कर कैनवस पर अपनी रचनाएं उकेरने वाले कलाकार पर्यावरण-संरक्षण अभियान के दूत की तरह हैं।
कला प्रदर्शनी में कई देशों के राजदूतों, फिल्म और कला जगत की हस्तियों, बुद्धिजीवियों और कला समीक्षकों का जमावड़ा लगा रहा। पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी कलाकृतियों को लेकर पैनल डिस्कशंस हुए। विश्व स्तर पर प्रसिद्ध फिल्म निर्माताओं द्वारा तैयार की गई फिल्मों और वृत्तचित्रों की स्क्रीनिंग हुई और इनमें सबसे आकर्षक रहा ओड़ीशा से आए प्रख्यात गोटीपुआ नर्तकों के साथ-साथ नागा और दुर्गा नर्तकों का शामिल होना और उनका भव्य नृत्य-प्रदर्शन।
शिखर सम्मेलन में अपनी कलाकृतियों के साथ भाग लेने वाले उल्लेखनीय कलाकारों में संतोष कुमार (फोटोग्राफर), प्रियांशु चौरसिया (प्रिंट निर्माता), जीतेंद्र प्रजापति (मूर्तिकार), चिन्मयी बेहेरे (पेंटर), शिल्पी अग्रवाल (पेंटर), गगन मंडल (पेंटर), वंदना कुमारी (पेंटर), नीतू (सेरामिस्ट), सुकन्या (मूर्तिकार), जागृति कथूरिया (चित्रकार), प्रणति दास (चित्रकार), देबाशीष अनुमेहा जैन (चित्रकार), एस सुरजीत कुमार सिंह (चित्रकार) और वर्णिता सेठी (चित्रकार) समेत कई अन्य कलाकार शामिल रहे।
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