गब्बर सिंह वैदिक
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
- बोर्ड में मनरेगा मज़दूरों की बहाली और 3 सालों से लंबित पड़े लाभों को लेकर गरजे मज़दूर।
शनिवार को मनरेगा व निर्माण मज़दूर यूनियन (संबधित सीटू) ने मनरेगा मज़दूरों की बोर्ड की सदस्य्ता रदद् करने व 3 सालों से लंबित पड़े लाभों को लेकर श्रमिक कल्याण बोर्ड कार्यालय, रामपूर का घेराव किया।
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए सीटू जिला अध्यक्ष कुलदीप डोगरा, यूनियन जिला महासचिव अमित ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही सबसे पहले मनरेगा मज़दूरों को श्रमिक कल्याण बोर्ड से बाहर करने का फैसला 12 दिसम्बर 2022 को लिया। बोर्ड में मजदूरो का पंजीकरण और नवीनीकरण का काम पिछले 9 महीनों से बंद पड़ा है। बोर्ड से मिलने वाली सहायता राशी पिछले 3 सालों से लंबित है। जिस कारण हिमाचल प्रदेश के कुल 4 लाख 48 हजार मजदूर प्रभावित हो रहे हैं।
सीटू से सम्बन्धित निर्माण एवंम मनरेगा मजदूर यूनियन हिमाचल प्रदेश में बनी कांग्रेस पार्टी की सरकार को इसके लिये जिम्मेवार मानती है क्योंकि उसी ने इस सारे काम को रोका है। सरकार के मज़दूर विरोधी फैसले के कारण मज़दूरों को बच्चों की शिक्षा के लिए मिलने वाली सहायता राशि, विवाह, चिकित्सा, मृत्यु व अन्य सहायता पूरी तरह बंद है। यह वास्तव में भवन एवं अन्य निर्माण कामगार कानून 1996 की उल्घंना है।
यूनियन ने सरकार को चेताया कि अगर आने वाली बोर्ड की बैठक में मनरेगा मजदूरों की सदस्य्ता की बहाली और लंबित पड़े लाभ जारी नहीं किये गए तो यूनियन आने वाले समय प्रदेश सरकार के खिलाफ अनिश्चित कालीन प्रदर्शन शुरू करेगी।
धरने प्रदर्शन में देवकीनंद, परमिंदर, भोगा राम, राजपाल, मंजीत, परस राम, गंगा देवी, भगत राम, पदम प्रभाकर, आदि मौजूद रहे।
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