चुनावों में ओड़िशा पुलिस और सरकारी कर्मचारियों के बजाय हो पीठासीन और मतदान अधिकारियों की नियुक्ति:भारतीय विकास परिषद
जोगेश कुमार बेहरा,
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,
भुवनेश्वर: भारतीय विकास परिषद द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अध्यक्ष सुरेंद्र पाणिग्रही ने कहा कि ओड़िशा में आगामी 2024 चुनाव को स्वतंत्र , निष्पक्ष बनाने के लिए 8.11.23 को चुनाव आयोग, गृह मंत्रालय और कानून मंत्रालय से मांग की गई कि आगामी 2024 चुनावों में ओड़िशा में पुलिस और अन्य जिलों के सरकारी कर्मचारियों के बजाय पीठासीन और मतदान अधिकारियों की नियुक्ति की जाए , लेकिन 05.01.24 से गृह और कानून विभाग ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा । 40 दिनों तक केंद्र सरकार ने कोई कार्रवाही नहीं की तो 15 दिनों के अंदर भारतीय विकास परिषद न्यायालय की शरण लेने को बाध्य होगी ।
पिछले चार आम चुनावों अर्थात् 2004, 2009, 2014 और 2019 की रिपोर्ट दी गई हैं ।
ओड़िशा के 30 जिलों में, सत्तारूढ़ बीजू जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष और पुलिस अधीक्षक राजनीतिक गतिविधियों में शामिल हैं और पार्टी व्यवसाय में शामिल हैं ।
पार्टी के विधायक और सांसद टिकट के नामों की सिफ़ारिश कर रहे हैं और प्रस्तावित प्राथी से भारी रकम इकट्ठा कर रहे हैं ,
इतना ही नहीं सांसद और विधायक उम्मीदवार आधिकारिक पुलिस वाहनों और एम्बुलेंस के माध्यम से चुनाव लड़ रहे हैं । इसी तरह मतदान के दिन से एक रात पहले पुलिस की मौजूदगी में मतदाता बीजेडी प्राथी के पक्ष में मतदान करने के लिए पैसे बांट रहे हैं, अन्य राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं को पैसे बांटने का मौका नहीं दे रहे हैं, ताकि बीजेडी उम्मीदवार ही जीते ।
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