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तीसरी बार आबादी पर वार

 

प्रिया बिष्ट

लोकल न्यूज ऑफ इंडिया 

पहली बार लोकसभा चुनाव में गुजरात के विकास माडल के साथ सियासी जमीन को मोदी ने अपने मोला तोला और दूसरी बार चुनाव में तो पुलवामा ने राष्ट्रवाद उन्माद के बैनर तले मोदी ने हर विरोध को झुठला विपक्षियों को मात दे दिया ।


पर अब राम मंदिर के आस्था में डुबकी लगाते भक्तों के बीच एक नया अंदाज आबादी पर हमला वाला शिगूफा छोड़ वित्तमंत्री ने शायद इशारा किया। सियासी गलियारों में भाजपा की ओर से पहले ही इसकी सुगबुगाहट हो चुकी है। रही सही अंतिम कसर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की जनसंख्या वृद्धि से होने वाली चुनौतियां से निपटने के लिए कमेटी के गठन की घोषणा से पूरी हो गई।सियासी जानकारों के मुताबिक भाजपा ने अपनी रणनीतियों में एक बहुत बड़े दांव का कैनवास तैयार कर लिया है। जनसंख्या वृद्धि की वजह से होने वाली चुनौतियों को लेकर निर्मला सीतारमण ने बजट में जिस कमेटी के गठन का एलान किया है, उसी के साथ भाजपा के अगले चुनावों का बड़ी सियासी पिच भी तैयार हो गई है।


भाजपा ने अगले कुछ सालों के लिए एक बड़ा सियासी मुद्दा और महत्वपूर्ण राजनीतिक पिच तैयार की है। जिसके आधार पर आने वाले दिनों में भाजपा अपनी नीतियों के मुताबिक एक बड़ा रिफॉर्म कर सकती है।अगर भाजपा तीसरी बार केंद्र में सत्ता में आती है, तो उसका सबसे बड़ा पॉलिटिकल एजेंडा जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाना हो सकता है। 


 ऐसा नहीं हैं कि यह सब अचानक हो गया इसकी जमीन तो भाजपा और आरएसएस बीते कई वर्षों से मुखरता से तैयार कर रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी ने तो सार्वजनिक मंच से भी जनसंख्या वृद्धि पर चिंता व्यक्त करते हुए छोटे परिवार की संकल्पना की बात भी कही थी। 


धारा 370 और राम मंदिर की तरह यह मुद्दा भी भाजपा के लिए बड़ा उपजाऊ है। और यदि भाजपा तीसरी बार सत्ता में आती है, तो जनसंख्या नियंत्रण जैसा महत्वपूर्ण कानून बनाया जा सकता है। जनसंख्या वृद्धि से होने वाली चुनौतियों को जांचने के लिए सबसे पहली आवश्यकता जनगणना की है। ऐसे में जब तक जनगणना नहीं होती, तब तक जनसंख्या वृद्धि जैसे महत्वपूर्ण मामले में कोई भी कानून बनाना चुनौती पूर्ण हो सकता है। पर संभवत लोकसभा चुनावों के बाद नई जनगणना की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। अनुमान यही लगाया जा रहा है कि बजट में घोषित कमेटी भी उसके बाद ही सुचारू रूप से अपनी सिफारिशो और कार्यपद्धतियों को बेहतर तरीके से अंजाम दे पाएगी।


सब जानते हैं कि भाजपा के एजेंडे में तीन महत्वपूर्ण मुद्दे बहुत लंबे समय से हैं। इसमें कश्मीर से धारा 370 हटाने के साथ-साथ राम मंदिर निर्माण समेत जनसंख्या नियंत्रण महत्वपूर्ण है। इनमें से 370 कश्मीर में पहले ही हटाई जा चुकी है और राम मंदिर का निर्माण पूरा होकर इसका शुभारंभ हो चुका है। भाजपा ने दो महत्वपूर्ण मुद्दों के बाद जनसंख्या नियंत्रण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे को आगे बढ़ाना शुरू किया है। क्योंकि बजट में अब इस पर काम करने के लिए कमेटी के गठन का एलान किया जा चुका है।भाजपा इस मुद्दे के साथ अगले पांच वर्षों की सियासत के लिहाज से बड़ा ट्रैक बना रही है। इसके अलावा उनका कहना है कि एक देश एक चुनाव भी महत्वपूर्ण मुद्दा है। इसकी कमेटी तो राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में पहले ही गठित की जा चुकी है।धीरे-धीरे ही सही लेकिन आने वाले चुनावों में भाजपा इसका मुद्दा बनाना शुरू करेगी। 


आबादी मुद्दे पर ध्रुवीकरण करने का काम भाजपा पहले ही कर चुकी हैं और बस उसको थोड़ा सा तड़का लगाने की जरूरत हैं और देश एक मौका और मोदी की तरफ परोस देगा।

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