- सरकार से बजट न मिलने का रोना रो रही प्रधानाध्यापिका
प्रवीण कुमार
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
बीजपुर: बीजपुर, एक तरफ प्रदेश सरकार सरकारी स्कूलों का कायाकल्प करके स्कूलों में आधुनिक स्मार्ट क्लास बनवाकर शिक्षा व्यवस्था को सुधारने का कार्य कर रही है।सरकार द्वारा विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों को मीनू के अनुसार प्रतिदिन गरमा गरम मध्यान्ह भोजन देकर उनके स्वास्थ्य को सुधारने व नामांकन बढ़ाने को लेकर प्रयासरत है।वहीं दूसरी ओर विकासखंड म्योरपुर के न्याय पंचायत जरहां अंतर्गत कंपोजिट विद्यालय बीजपुर में सरकार के मीनू से अलग हटकर प्रधानाध्यापिका के अपने मीनू के अनुसार एमडीएम वो भी ग्रामीणों के रहमो करम से संचालित किया जा रहा है तथा खुलेआम सरकार के आदेशों निर्देशो की अवहेलना करते हुए सरकारी मीनू की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।जानकारी के अनुसार इस विद्यालय में पिछले लगभग दो महीने से मध्यान्ह भोजन में बच्चों को केवल पानी के जैसी खिचड़ी खिलाई जा रही है वो भी ग्रामीणों की मदद से किसी ग्रामीण द्वारा 10 किलो किसी द्वारा 20 किलो राशन दान में दिया जाता है तभी खिचड़ी पकती है अन्यथा नौनिहालों को भूखे ही रहना पड़ता है।इस बाबत पूछे जाने पर प्रधानाध्यापिका आशा रानी का कहना है कि सरकार द्वारा न तो कन्वर्जन कास्ट का पैसा मिल रहा है न ही कोटेदार द्वारा राशन दिया जा रहा है। इसीलिए ऐसा हो रहा है उनका कहना है कि संबंधित अधिकारियों को लिख कर भी दिया गया है अब इसे विडंबना कहा जाए या भ्रष्टाचार बता दें कि यह वही विद्यालय है जहां पर विगत में 35 कुंतल छिपाकर रखा हुआ राशन पकड़ा गया था जिसके बंटवारे को लेकर विद्यालय के शिक्षकों में जमकर भिड़ंत हुई थी। और इस खबर को सारे पेपर ने प्रमुखता के साथ चलाया था इसके बावजूद भी अधिकारियों के कानों पर जूं तक नही रेंगी। संयोग से उस समय भी वर्तमान में जो खंडशिक्षा अधिकारी मौजूद है वही उस समय भी मौजूद रहे वैसे समय-समय पर कंपोजिट विद्यालय बीजपुर हमेशा चर्चा में बना रहता है। चाहे वह टीचरों का आपसी मारपीट का हो चाहे ए ग्रेड से अगले सी ग्रेड में आने के बाद टीचरों का वेतन रुकने का मामला हो यह सब इस विद्यालय के लिए आम बात है। अब देखना यह है कि वर्तमान साहब का एक्शन क्या होता है।
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