सुरेंद्र पाप्टा
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
समस्या का विवरण:
रोहडू बाजार में सिवरेज का गंदा पानी नदी में बिना ट्रीटमेंट किए ही पानी बहा दिया जाता है। कई जगह पाइप लीकेज, ओवरफ्लो और चैंबर लीक की समस्या के कारण मल मूत्र वाला पानी सड़कों और गलियों में फैल गया है। यह समस्या पिछले 8 साल से बनी हुई है, अब विकराल रूप लेने जा रही है और इसका समाधान आज तक नहीं किया गया है। इस समस्या से लगभग 100,000 की आबादी प्रभावित हो रही है। संभावित स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं:
दूषित पानी के संपर्क में आने से विभिन्न प्रकार की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।और यहां पर रहने वाले आदमी को कभी ना कभी अपने जीवन काल में इन सभी बीमारियों का सामना करना पड़ता है जिसका मूल कारण है प्रदूषण जल स्रोतों में इनमें प्रमुख बीमारियां और संक्रमण शामिल हैं:
मानव संबंधी बीमारियां:
टाइफॉइड और हैजा: दूषित पानी पीने से ये बैक्टीरियल संक्रमण होते हैं।
डायरिया और डाइसेंट्री: इनफेक्शन की वजह से दस्त और पेट दर्द की समस्याएं।
हिपेटाइटिस ए और ई: वायरस से संक्रमित पानी के कारण।
चमड़े संबंधित बीमारियां:
स्किन रैश और डर्मेटाइटिस: दूषित पानी के संपर्क में आने से।
फंगल इन्फेक्शन: गंदे पानी में फंगस की उपस्थिति से।
सांस संबंधित बीमारियां:
लेप्टोस्पाइरोसिस: बैक्टीरिया युक्त पानी के संपर्क में आने से।
एस्पिरेटरी इंफेक्शन: दूषित हवा और पानी से।
बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों पर प्रभाव:
बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, जिससे वे आसानी से इन बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। बच्चों में विकास संबंधित समस्याएं, बुजुर्गों में पुरानी बीमारियों का बढ़ना और बीमार व्यक्तियों की हालत गंभीर हो सकती है।
सामाजिक और आर्थिक नुकसान:
सामाजिक नुकसान:
स्वास्थ्य सेवाओं पर बोझ: बीमारी के बढ़ने से अस्पतालों और क्लीनिकों पर अतिरिक्त दबाव।
सामाजिक असंतोष: गंदगी और बीमारियों के कारण नागरिकों में असंतोष और नाराजगी।
शिक्षा पर प्रभाव: बच्चों की स्कूल में उपस्थिति कम होना और शिक्षा प्रभावित होना।
आर्थिक नुकसान:
उपचार का खर्च: बीमारियों के इलाज में खर्च की वृद्धि।
कार्य क्षमता में कमी: बीमारियों के कारण काम करने की क्षमता कम होना और उत्पादकता में गिरावट।
व्यापार पर प्रभाव: बाजार की स्थिति खराब होने से व्यापार में नुकसान।
पर्यावरणीय नुकसान:
जल प्रदूषण: सिवरेज नदी में दूषित पानी मिलने से जल प्रदूषण बढ़ता है।
मिट्टी की गुणवत्ता: गंदे पानी से सिंचाई करने पर मिट्टी की गुणवत्ता प्रभावित होती है। मनुष्य ,जीव-जंतु: दूषित पानी से वनस्पति और जल जीवों की मृत्यु दर बढ़ सकती है।
निष्कर्ष:
रोहडू बाजार की समस्या अत्यंत गंभीर है और इससे निपटने के लिए तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता है। सरकार और संबंधित विभागों को इस पर ध्यान देना चाहिए और उचित उपाय करने चाहिए ताकि नागरिकों का स्वास्थ्य , जिवन सुरक्षित और पर्यावरण सुरक्षित रह सके।
अपील:
हम सरकार जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों से अपील करते हैं कि वे जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान निकालें न जाने कितने आदमी अभी तक स्वास्थ्य संबंधित परेशानी झेल रहे होंगे इसकी वजह से रोहड़ू और जुबबल के क्षेत्र का सही से आंकड़ा तो नहीं है | फिर भी लगभग 95% बीमारिया दूषित पानी से ही होती है और नागरिकों को इस गंभीर स्थिति से मुक्ति दिलाएं। और जो दोषी है इस तरह के कामों के लिए उन पर कार्रवाई हो जुर्माना लगे चाहे वह फिर सीवरेज प्लांट हो या किसी का होटल बिल्डिंग का पानी नदी में बहने का मुद्दा हो।
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