प्रिया बिष्ट
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
चण्डीगढ़: प्रॉक्टर एण्ड गैम्बल हाउस से भारत का अग्रणी महिला देखभाल ब्राण्ड व्हिस्पर, अपने कीप गर्ल इन स्कूल (केजीआईएस) मूवमेंट के पांचवें एडिशन के हिस्से के रूप में युवा लड़कियों में मासिक धर्म की पहली शुरुआत के बारे में जागरूकता बढ़ा रहा है। चूंकि लड़कियों को आमतौर पर 8 साल की उम्र में ही मासिक धर्म शुरू हो जाता है, इसलिए इसके बारे में जल्दी जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता महत्वपूर्ण है, क्योंकि 26 मिलियन लड़कियों को मासिक धर्म के बारे में जानकारी और मासिक धर्म के दौरान प्रयुक्त उत्पादों तक पहुंच के बिना स्कूल छोड़ने का खतरा हो सकता है। अध्ययनों से पता चला है कि मासिक धर्म सम्बन्धी शिक्षा और मासिक धर्म सम्बन्घी उत्पादों तक पहुंच की कमी के कारण पांच में से एक लड़की स्कूल छोड़ रही है। पंजाब में, सैनिटरी नैपकिन की पहुंच लगभग 60 प्रतिशत है, जिसका अर्थ है कि 40 प्रतिशत घरों में पिछले 12 महीनों में सैनिटरी नैपकिन का उपयोग नही किया गया।
व्हिस्पर की नई भावनात्मक फिल्म में 8 साल की युवा लड़कियां प्रमुख पात्र हैं जो मासिक धर्म के बारे में कुछ भी नहीं जानती हैं और अपने दोस्तों में से एक में अप्रत्याशित रक्तस्राव के कारण सबसे खराब संभावित नतीजों के बारे में सोचती हैं। फिल्म का मकसद स्कूल में युवा लड़कियों को एक मजेदार, आकर्षक जिंगल के माध्यम से मासिक धर्म की शुरुआत के बारे में शिक्षित करके उनके शरीर में हो रहे इस प्राकृतिक बायलॉजिकल चेंज के बारे में उनकी सोच को सामान्य बनाना है, जो दोहराता है, ‘पीरियड्स का मतलब स्वस्थ है आप (पीरियड्स का मतलब है कि आप स्वस्थ हैं)।‘
इस बारे में प्रॉक्टर एण्ड गैम्बल इण्डिया फेमिनिन केयर में वाइस प्रेसिडेंट और कैटेगरी लीडर गिरीश कल्याणरमन ने कहा कि पीरियड बायोलॉजी में एक भारी बदलाव हो रहा है। इससे लड़कियों को जल्दी शिक्षित करने और उन्हें इस बायलॉजिकल प्रोसेस को अपनाने के लिए तैयार करने की आवश्यकता बढ़ जाती है। इस इनिशिटिव के माध्यम से, हम उन्हें इस बारे में शिक्षित करने का प्रयास करते हैं कि मासिक धर्म कैसे स्वस्थ है और वे अपने मासिक धर्म के दिनों में अपना ख्याल किस प्रकार रख सकती हैं। उन्होंने बताया कि हर साल, व्हिस्पर 60,000 से अधिक स्कूलों में पीरियड एज्यूकेशन प्रोग्राम बनाने के लिए जाता है और अब हम युवा मानकों की ओर भी जा रहे हैं।
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