सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

ओड़िशा की कमान अब मोहन मांझी के हाथ, दो उपमुख्यमंत्री के वी सिंह और प्रभाती परिडा का होगा साथ




लक्ष्मी शर्मा 
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया 
भुवनेश्वर। भारतीय जनता पार्टी ने बीजू जनता दल के चौबीस साल के कार्यकाल को उखाड़ फेंका और ओडिशा में ओड़िया अस्मिता के नारे के साथ सत्ता के लिए जरुरी आकड़े चौहत्तर से पार जाते हुए अट्ठत्तर का आकड़ा लाकर चाभी अपने कब्जे में कर ली। उस दिन से ही अलग अलग नामो पर चर्चा सियासी गलियारों में होने लगी।  लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया ने सबसे पहले ही यह घोषणा कर दी थी की ओडिशा में एक मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री एक महिला और एक पुरुष बनाने के मूड में भाजपा नेतृत्व दिख रहा हैं और साथ ही के वी सिंघ्देव के नाम का भी अनुमान हमने मोहन मांझी के साथ  लगाया था। सीएम मोहन माझी ने इस साल क्योंझर सीट पर बीजू जनता दल  के उम्मीदवार के खिलाफ 11,577 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है.मोहन माझी ने अपना राजनीतिक करियर 1997-2000 तक सरपंच के रूप में शुरू किया था. वह पहली बार 2000 में क्योंझर से राज्य विधानसभा के लिए विधायक चुने गए थे. वह चार बार के विधायक हैं और लगातार क्योंझर सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. वह राज्य में बीजेपी के एक आदिवासी नेता हैं, जो अब मुख्यमंत्री के रूप में बुधवार को शपथ ले सकते हैं.मोहन चरण माझी ओडिशा के 15वें मुख्यमंत्री चुने गए हैं. वह राज्य में पहली बीजेपी सरकार का नेतृत्व करेंगे. वह 2019 में ओडिशा विधानसभा चुनाव में क्योंधर विधानसभा से विधायक चुने गए थे. उन्होंने साल 2000 से 2009 के दौरान दो बार क्योंझर का प्रतिनिधित्व भी किया था.

मंगलवार को  विधायक दल की बैठक में ओडिशा का अगला मुख्यमंत्री बीजेपी ने चुन लिया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में ओडिशा बीजेपी के विधायकों ने सर्वसम्मति से मोहन माझी को विधायक दल का नेता चुना. सीएम मोहन माझी के अलावा दो डिप्टी सीएम भी बनाए गए हैं. रक्षा मंत्री ने बताया कि सभी विधायकों ने इस फैसले का स्वागत किया है. मोहन माझी को ओडिशा का अगला मुख्यमंत्री बनाया गया है. सीएम के चयन के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया था. दोनों केंद्रीय मंत्री सीएम के चयन के लिए ओडिशा पहुंचे थे. यहां विधायकों की मीटिंग हुई, जहां रक्षा मंत्री ने बताया कि मोहन माझी के नाम पर मुहर लगी.ओडिशा सीएम माझी के साथ दो डिप्टी सीएम भी बनाया गया है.  प्रभाती परिडा  और केवी सिंह के रूप में ओडिशा के लिए दो उपमुख्यमंत्री होंगे. 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि मोहन माझी को मुख्यमंत्री बनाए जाने के लिए सबसे पहले केवी सिंह ने हाथ उठाकर उनका नाम सुझाया. उन्होंने बताया कि बाकी सभी विधायकों ने भी तालियां बजाकर उन्हें सीएम बनाए जाने के फैसले का स्वागत किया. रक्षा मंत्री ने बताया कि इसलिए सर्वसम्मति से मोहन माझी को ओडिशा बीजेपी विधायक दल का नेता चुना गया.ओडिशा में बीजेपी ने 147 सीटों में 78 सीटों जीती हैं और अपने दम पर बहुमत हासिल किया है. 

सियासी गलियारे में  अटकलें लगाई जा रही थी कि धर्मेंद्र प्रधान को हो सकता है कि बीजेपी सीएम बना दे, जो ओडिशा से पार्टी के सांसद हैं. हालांकि, उन्हें केंद्र में शिक्षा मंत्री बनाने के बाद उनके नामा पर विराम लगा।  इसके बाद सभी की निगाहें ओडिशा पर टिकी थी और अगला मुख्यमंत्री चुने जाने का इंतजार किया जा रहा था. इस बीच ब्रजराजनगर क्षेत्र से विधायक सुरेश पुजारी का नाम भी सामने आया था, जो दिल्ली भी आए थे। 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जीत कर भी कट्टर भाजपाइयों के घर मे निपट गयी भाजपा।एकमात्र मंडल अध्यक्ष योगेश भार्गव ने रखी थोड़ी लाज।

लोकेन्द्र सिंह वैदिक  लोकल न्यूज़ ऑफ इंडिया आनी:- मंडी संसदीय क्षेत्र से कँगना राणौत  लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह को हराकर संसद में पहुँच चुकी है।मंडी संसदीय क्षेत्र से आनी के विधायक लोकेन्द्र कुमार को छोड़कर सभी भाजपा के विधायक अपनी अपनी विधानसभा से कँगना राणौत को बढ़त दिलवाने में कामयाब रहे।अगर आनी विधानसभा की बात करें तो विक्रमादित्य सिंह को 8328 मतों की बढ़त मिली है।यहां तक कि विधायक लोकेंद्र कुमार की अपने बूथ पर भाजपा की दुर्गति है।विधायक के अपने बूथ आनी-2 पर कांग्रेस को बढ़त है।जहाँ पर कँगना राणौत को 186 मत व विक्रमादित्य सिंह को 298 मत मिले हैं।जहां से कांग्रेस को 112 मतों की बढ़त मिली है।अगर विधायक की पत्नी सुषमा देवी की बात करें जो खनी बटाला से पंचायत समिति सदस्या है।यहां पर भी सभी बूथों पर भाजपा के खस्ताहाल है।इनके अपने बूथ खुन्न में कँगना राणौत को 299 मत मिले जबकि विक्रमादित्य को 491 मत पड़े।इस बूथ से कांग्रेस को 192 मतों की बढ़त है।अब बात करते हैं पंचायतीराज प्रकोष्ठ हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष व लोक सभा चुनाव प्रभारी अमर ठाकुर की को जो पूर्व में ए पी एम सी कुल्लु लाहौल स्

महीनों से गायब सहायक अध्यापिका रहीं गणतंत्र दिवस पर अनुपस्थित,अवैतनिक छुट्टी के कारण सैकड़ों बच्चों का भविष्य अधर में।

  जयचंद लोकल न्यूज़ ऑफ इंडिया सोनभद्र/म्योरपुर/लीलाडेवा   शिक्षा क्षेत्र म्योरपुर के  अंतर्गत ग्राम पंचायत लीलाडेवा के कम्पोजिट विद्यालय लीलाडेवा में सहायक अध्यापिका रानी जायसवाल विगत जनवरी 2021से तैनात हैँ और प्रायः अनुपस्थित चल रही है।इस प्रकरण में खण्ड शिक्षा अधिकारी महोदय म्योरपुर श्री विश्वजीत जी से जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया कि सहायक अध्यापिका रानी जायसवाल अनुपस्थित चल रही हैँ अवैतनिक अवकाश पर है, उनका कोई वेतन नही बन रहा है। उधर ग्राम प्रधान व ग्रामीणों द्वारा दिनांक 27/12/2023 को ब्लॉक प्रमुख म्योरपुर व श्रीमान जिलाधिकारी महोदय सोनभद्र को लिखित प्रार्थना पत्र देने बावत जब ब्लॉक प्रमुख श्री मानसिंह गोड़ जी से जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया कि प्रार्थना पत्र पर कार्यवाही हो रही है श्रीमान मुख्य विकास अधिकारी महोदय  सोनभद्र  को मामले से अवगत करा दिया गया है।424 गरीब आदिवासी  छात्र- छात्राओं वाले   कम्पोजिट विद्यालय लीलाडेवा में महज 6 अध्यापक,अध्यापिका हैँ।विद्यालय में बच्चों की संख्या ज्यादा और अध्यापक कम रहने से बच्चों का पठन - पाठन सुचारु रूप से नहीं हो पा रही है जिससे गरी

खण्ड शिक्षा अधिकारी की लापरवाही से शिक्षा व्यवस्था बेपटरी,निर्माणाधीन विद्यालय भवन चढ़े भ्र्ष्टाचार की भेंट

  जयचंद लोकल न्यूज़ ऑफ इंडिया बीजपुर/सोनभद्र  प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी और महत्वकांक्षी निपुण भारत लक्ष्य और डीबीटी योजना म्योरपुर ब्लॉक में सुचारु रूप से चलती नजर नहीं आ रही है।योजना को शत प्रतिशत अंजाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी खण्ड शिक्षा अधिकारी म्योरपुर को शौपी गयी है लेकिन बीईओ की उदासीनता और लापरवाह कार्यशैली से ना बच्चे निपुण हो रहे हैँ और ना ही डीबीटी योजना का धन अभिभावकों तक पहुंच रहा है।बताया जा रहा है कि खण्ड शिक्षा अधिकारी म्योरपुर भवन निर्माण कराने वाले शिक्षकों और भगोड़े को प्रशिक्षण और बोर्ड परीक्षा ड्यूटी के नाम पर संरक्षण देने में ही अपना पुरा ध्यान लगा रखे हैँ।ऐसे में विद्यालयों में पठन पाठन का माहौल खत्म हो गया है।        शुक्रवार को म्योरपुर ब्लॉक के जरहा,किरबिल,सागोबाँध और म्योरपुर न्याय पंचायत के विभिन्न गांव में पहुँचे भाजपा के प्रतिनिधि  मंडल को ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षक विद्यालय नहीं आते हैँ तो विद्यालय के बच्चे निपुण कैसे होंगे।         मण्डल अध्यक्ष मोहरलाल खरवार को ग्रामीणों ने बताया कि  बच्चों को किताबें पढ़ने नहीं आती   लेकिन खण्ड शिक्षा अधिकारी के दबा