सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

दुनिया के सबसे ऊँचे गाँव कौमिक में लेट्स कलर पहल हुआ पूरा

इसके तहत 300000 वर्गफीट क्षेत्रफल में 100 घर,तीन स्कूल,तीन मठ,8 कैफे और 12 होमस्टे निःशुल्क पेंट किये गए



राज अग्रवाल

लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
मनाली
अक्ज़ोनोबल इंडिया कंपनी द्वारा आज हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल स्पीति के स्पीति उपमंडल के कौमिक गांव में आज में लेट्स कलर पहल के पूरा होने के अवसर पर समापन कार्यक्रम आयोजित किया गया।अतिरिक्त उपायुक्त काज़ा राहुल जैन ने अक्ज़ोनोबल इंडिया कंपनी द्वारा आयोजित इस समापन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की और बुद्ध भगवान के प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर कौमिक व लांग्ज़ा गोंपाओं के लामाओं सहित कौमिक,हिक्किम व लांग्ज़ा तीनों गांव के लोग उपस्थित रहे। इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त राहुल जैन ने कहा कि इस जनजातीय एवं दूरदराज़ के क्षेत्र में लेट्स कलर परियोजना के क्रियान्वयन को पूर्ण करना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।उन्होंने एक्ज़ोनोबल इंडिया कंपनी द्वारा दुनिया के सबसे ऊंचे गांव कौमिक,हिक्किम व लांग्ज़ा तीनों गांव के लोगों के सभी घरों सहित इन गांवों के गोंपाओं में निःशुल्क पेंट करने के लिए कंपनी को बधाई दी और यहां के लोगों की रुचि एवं पसंदानुसार लोगों के घरों में पेंट करने के लिए कंपनी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि एक्ज़ोनोबल इंडिया कंपनी भविष्य में भी इस तरह के कार्यों को करती रहेगी और अपने कंपनी का नाम रोशन करने के साथ.साथ लोगों के घरों को भी पेंट के रंग से चमकाते रहेगी।राजीव राजगोपाल चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर एक्ज़ोनोबल इंडिया लिमिटेड ने कहा,हिमाचल प्रदेश में हिमालय के ठंडे रेगिस्तानी क्षेत्र की स्पिती घाटी में स्थित तीन गाँवों का रूपान्तरण चार महीनों में किया गया। इसके तहत 300000 वर्गफीट क्षेत्रफल में 100 घर,तीन स्कूल,तीन मठ,8 कैफे और 12 होमस्टे शामिल किए गए।
इस बदलाव के साथ क्षेत्र को सांस्कृतिक पहचान देने वाली कई इमारतों का भी पुनरुद्धार किया गया है जिसमें कोमिक म्युज़ियम और 14वीं सदी की तांगयुड मठ दुनिया के सबसे प्राचीन मठों में से एक शामिल हैं। गाँववासियों के साथ मिलकर एक्ज़ोनोबल की टीम ने बौद्ध परम्परा को ध्यान में रखते हुए आकर्षक रंगों का चुनाव किया जैसे सहानुभूति का प्रतीक नीला रंग,शुद्धता का प्रतीक सफेद रंग और आर्शीवाद का प्रतीक लाल रंग।
यह परियोजना क्षेत्र के लुक को बेहतर बनाने के दायरे से कहीं अधिक प्रभावशाली साबित हुई।स्थानीय कलाकारों ने सोच.समझ कर म्यूरल्स तैयार किए हैं जो आकर्षक और लुभावने माहौल के साथ पर्यटन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। मठ में प्रार्थना चक्र के साथ घर में युवा बौद्ध भिक्षु का चित्र और ध्यानबद्ध बुद्ध की प्रतिमा इसका बेहतरीन उदाहरण हैं। कई चित्रों के माध्यम से क्षेत्र के हिम तेंदुओं,हिमालयी आइबेक्स और याक को दर्शाया गया है जो स्थानीय प्रजातियों के बारे में जागरुकता बढ़ाते हैं। एक्ज़ोनोबल की विश्वस्तरीय पहल लेट्स कलर का लॉन्च 2009 में किया गया था। अब तक यह 46 देशों में 3000 परियोजनाओं के माध्यम से 100 मिलियन से अधिक लोगों के जीवन को लाभान्वित कर चुकी है जिसमें 2 मिलियन लीटर से भी अधिक पेंट का इस्तेमाल किया गया है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जीत कर भी कट्टर भाजपाइयों के घर मे निपट गयी भाजपा।एकमात्र मंडल अध्यक्ष योगेश भार्गव ने रखी थोड़ी लाज।

लोकेन्द्र सिंह वैदिक  लोकल न्यूज़ ऑफ इंडिया आनी:- मंडी संसदीय क्षेत्र से कँगना राणौत  लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह को हराकर संसद में पहुँच चुकी है।मंडी संसदीय क्षेत्र से आनी के विधायक लोकेन्द्र कुमार को छोड़कर सभी भाजपा के विधायक अपनी अपनी विधानसभा से कँगना राणौत को बढ़त दिलवाने में कामयाब रहे।अगर आनी विधानसभा की बात करें तो विक्रमादित्य सिंह को 8328 मतों की बढ़त मिली है।यहां तक कि विधायक लोकेंद्र कुमार की अपने बूथ पर भाजपा की दुर्गति है।विधायक के अपने बूथ आनी-2 पर कांग्रेस को बढ़त है।जहाँ पर कँगना राणौत को 186 मत व विक्रमादित्य सिंह को 298 मत मिले हैं।जहां से कांग्रेस को 112 मतों की बढ़त मिली है।अगर विधायक की पत्नी सुषमा देवी की बात करें जो खनी बटाला से पंचायत समिति सदस्या है।यहां पर भी सभी बूथों पर भाजपा के खस्ताहाल है।इनके अपने बूथ खुन्न में कँगना राणौत को 299 मत मिले जबकि विक्रमादित्य को 491 मत पड़े।इस बूथ से कांग्रेस को 192 मतों की बढ़त है।अब बात करते हैं पंचायतीराज प्रकोष्ठ हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष व लोक सभा चुनाव प्रभारी अमर ठाकुर की को जो पूर्व में ए पी एम सी कुल्लु लाहौल स्

महीनों से गायब सहायक अध्यापिका रहीं गणतंत्र दिवस पर अनुपस्थित,अवैतनिक छुट्टी के कारण सैकड़ों बच्चों का भविष्य अधर में।

  जयचंद लोकल न्यूज़ ऑफ इंडिया सोनभद्र/म्योरपुर/लीलाडेवा   शिक्षा क्षेत्र म्योरपुर के  अंतर्गत ग्राम पंचायत लीलाडेवा के कम्पोजिट विद्यालय लीलाडेवा में सहायक अध्यापिका रानी जायसवाल विगत जनवरी 2021से तैनात हैँ और प्रायः अनुपस्थित चल रही है।इस प्रकरण में खण्ड शिक्षा अधिकारी महोदय म्योरपुर श्री विश्वजीत जी से जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया कि सहायक अध्यापिका रानी जायसवाल अनुपस्थित चल रही हैँ अवैतनिक अवकाश पर है, उनका कोई वेतन नही बन रहा है। उधर ग्राम प्रधान व ग्रामीणों द्वारा दिनांक 27/12/2023 को ब्लॉक प्रमुख म्योरपुर व श्रीमान जिलाधिकारी महोदय सोनभद्र को लिखित प्रार्थना पत्र देने बावत जब ब्लॉक प्रमुख श्री मानसिंह गोड़ जी से जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया कि प्रार्थना पत्र पर कार्यवाही हो रही है श्रीमान मुख्य विकास अधिकारी महोदय  सोनभद्र  को मामले से अवगत करा दिया गया है।424 गरीब आदिवासी  छात्र- छात्राओं वाले   कम्पोजिट विद्यालय लीलाडेवा में महज 6 अध्यापक,अध्यापिका हैँ।विद्यालय में बच्चों की संख्या ज्यादा और अध्यापक कम रहने से बच्चों का पठन - पाठन सुचारु रूप से नहीं हो पा रही है जिससे गरी

खण्ड शिक्षा अधिकारी की लापरवाही से शिक्षा व्यवस्था बेपटरी,निर्माणाधीन विद्यालय भवन चढ़े भ्र्ष्टाचार की भेंट

  जयचंद लोकल न्यूज़ ऑफ इंडिया बीजपुर/सोनभद्र  प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी और महत्वकांक्षी निपुण भारत लक्ष्य और डीबीटी योजना म्योरपुर ब्लॉक में सुचारु रूप से चलती नजर नहीं आ रही है।योजना को शत प्रतिशत अंजाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी खण्ड शिक्षा अधिकारी म्योरपुर को शौपी गयी है लेकिन बीईओ की उदासीनता और लापरवाह कार्यशैली से ना बच्चे निपुण हो रहे हैँ और ना ही डीबीटी योजना का धन अभिभावकों तक पहुंच रहा है।बताया जा रहा है कि खण्ड शिक्षा अधिकारी म्योरपुर भवन निर्माण कराने वाले शिक्षकों और भगोड़े को प्रशिक्षण और बोर्ड परीक्षा ड्यूटी के नाम पर संरक्षण देने में ही अपना पुरा ध्यान लगा रखे हैँ।ऐसे में विद्यालयों में पठन पाठन का माहौल खत्म हो गया है।        शुक्रवार को म्योरपुर ब्लॉक के जरहा,किरबिल,सागोबाँध और म्योरपुर न्याय पंचायत के विभिन्न गांव में पहुँचे भाजपा के प्रतिनिधि  मंडल को ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षक विद्यालय नहीं आते हैँ तो विद्यालय के बच्चे निपुण कैसे होंगे।         मण्डल अध्यक्ष मोहरलाल खरवार को ग्रामीणों ने बताया कि  बच्चों को किताबें पढ़ने नहीं आती   लेकिन खण्ड शिक्षा अधिकारी के दबा